महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए ड्रोन दीदी योजना
किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएँ चलाई जा रही हैं। साथ ही कृषि क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बड़े इसके लिए भी सरकार काम कर रही है। 30 नवम्बर के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विकसित भारत संकल्प यात्रा के लाभार्थियों से बातचीत की। इस दौरान प्रधानमंत्री महिला किसान ड्रोन केंद्र का भी शुभारंभ किया। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने एम्स, देवघर में ऐतिहासिक 10,000वें जन औषधि केंद्र का लोकार्पण किया। साथ ही उन्होंने देश में जन औषधि केंद्रों की संख्या 10,000 से बढ़ाकर 25,000 करने का कार्यक्रम भी लॉन्च किया।
बता दें कि ड्रोन दीदी योजना के तहत 1261 करोड़ रुपये के कुल व्यय के साथ महिलाओं को 15 हजार ड्रोन वितरित किए जाएंगे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की चल रही मुहिम को ड्रोन दीदी से ताकत मिलेगी और आय के अतिरिक्त स्रोत उपलब्ध होंगे। इससे किसानों को ड्रोन जैसी आधुनिक तकनीक बहुत कम कीमत पर मिल सकेगी, जिससे समय, दवा और खाद की बचत होगी।
15 अगस्त के दिन प्रधानमंत्री ने की थी योजना की घोषणा
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इस अवसर पर कहा कि 15 अगस्त को अपने भाषण में उन्होंने कहा था कि सरकार ग्रामीण विकास और कृषि क्षेत्र में प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देगी और महिलाओं को 15 हजार ड्रोन मुहैया कराएगी। इस ड्रोन दीदी के माध्यम से महिलाएं सशक्त होंगी, आत्मनिर्भर बनेंगी, रोजगार सृजन से उनकी आजीविका में सुधार होगा।साथ ही खेती में ड्रोन का इस्तेमाल बढ़ने से खेती में भी सुधार आएगा।
ड्रोन के उपयोग से किसानों को होगा लाभ
कृषि मंत्री ने कहा कि जब खेतों में यूरिया, डीएपी और कीटनाशकों का छिड़काव किया जाता है तो इसका असर स्वास्थ्य पर पड़ता है। साथ ही कुछ स्थानों पर अधिक और कम छिड़काव जैसा असंतुलन भी रहता है, लेकिन जब ड्रोन का उपयोग बढ़ेगा तो स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव कम होगा और उर्वरक की खपत भी कम होगी। विकल्प के रूप में नैनो यूरिया और नैनो डीएपी का इस्तेमाल भी बढ़ेगा।
क्या है ड्रोन दीदी योजना
सरकार ड्रोन दीदी योजना के तहत ऐसे महिला समूहों की पहचान करेगी जहां आर्थिक रूप से ड्रोन का उपयोग संभव है। ऐसे विभिन्न राज्यों में प्रगतिशील महिला एसएचजी को 15,000 ड्रोन प्रदान किए जाएंगे। ड्रोन खरीदने के लिए महिला एसएचजी को ड्रोन और सहायक उपकरण/सहायक शुल्क का 80 प्रतिशत अधिकतम आठ लाख रुपये तक की राशि केंद्रीय वित्तीय सहायता के रूप में दी जाएगी।
इतना ही नहीं शेष राशि सब्सिडी घटाकर खरीद की कुल लागत पर महिलाओं को ऋण की सुविधा भी सरकार देगी। जिस पर सरकार योजना के तहत 3 प्रतिशत ब्याज पर अनुदान उपलब्ध कराएगी। जिससे महिला समूहों को ड्रोन लेने के लिए किसी तरह की आर्थिक बाधा आएगी। इसके साथ ही लाभार्थी समूह की महिला को 15 दिनों का ड्रोन पायलट का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
महिलाएँ बनेंगी “लखपति दीदी”
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर विकसित भारत की संकल्प यात्रा के लाभार्थियों से बात करते हुए कहा कि आने वाले समय में 15 हज़ार स्व-सहायता समूहों को ये नमो ड्रोन दीदी कार्यक्रम से जोड़ा जाएगा, वहां ड्रोन दिया जाएगा, और गांव में वो हमारी दीदी हमारी बहनों को ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग दी जाएगी।
सेल्फ हेल्प ग्रुप्स के माध्यम से बहनों को आत्मनिर्भर बनाने का जो अभियान चल रहा है, वो भी ड्रोन योजना से सशक्त होगा। इससे बहनों-बेटियों को कमाई का अतिरिक्त साधन मिलेगा। उन्होंने कहा कि मेरा सपना दो करोड़ दीदी को लखपति बनाने का है। गांव में रहने वाली, women self group में काम करने वाली दो करोड़ दीदी को लखपति बनाना है। किसानों को बहुत कम कीमत में ड्रोन जैसी आधुनिक टेक्नॉलॉजी मिल पाएगी। इससे उनके स्वास्थ्य को भी लाभ होने वाला है, इससे समय भी बचेगा, दवा और खाद की भी बचत होगी, जो wastage जाता है वो नहीं जाएगा।