मनरेगा के तहत पशु शेड निर्माण योजना
हमारा देश कृषि प्रधान देश है, जिनमें अधिकतर किसान पशु पालन का काम भी करते हैं, जो उनकी आय का अतिरिक्त साधन भी है। जिसको देखते हुए सरकार पशु पालन को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए पशुपालकों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएँ भी चलाई जा रही है। इस कड़ी में सरकार ने पशु पालन को मनरेगा से जोड़ दिया है। जिससे किसान आसानी से कम लागत पर अपने पशुओं के लिए पशु शेड बनवा सकते हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार पशु पालकों की आय में इजाफा करने के उद्देश्य से मनरेगा के अंतर्गत पशु शेड योजना चला रही है। इस योजना के अंतर्गत पशुओं का पालन करने वाले लोगों को उनकी स्वयं की भूमि पर पशुओं के आश्रय में शेड निर्माण का कार्य मनरेगा से किया जा रहा है। इस योजना के अन्तर्गत किसानों की स्वयं की भूमि पर मनरेगा के तहत पालतू पशुओं के लिए शेड, यूरिनल टैंक, नांद आदि विभिन्न प्रकार की पशुओं से संबंधित सुविधाओं का निर्माण कराया जा रहा है।
मनरेगा के तहत पशु शेड योजना क्या है?
पशु शेड निर्माण योजना का मुख्य उद्देश्य पशुओं का पालन करने वाले ऐसे किसानों/पशु पालकों की सहायता करना है जिनकी आय का एकमात्र साधन पशु पालन है। पशु शेड का निर्माण होने से इसका सीधा-सीधा लाभ पशु पालकों को हो रहा है। आमतौर पर मवेशियों को कच्ची जमीन वाले आश्रय स्थल में रखा जाता है। ज़मीन कच्ची होने से वो पशुओं का गोबर, पेशाब और पानी से गंदी हो जाती है। ख़ासतौर पर बारिश के मौसम में गावों में इससे कीचड़ भी हो जाता है, जिससे पशुओं को संक्रामक रोग हो जाते हैं इस कारण से किसानों को आर्थिक क्षति भी होती है।
इस समस्या से निजात दिलाने के लिए पशु शेड योजना के तहत पात्र लाभार्थियों के पशु आश्रय स्थल को पक्का बना दिया जाता है। इससे गोबर और मूत्र को बेहतर तरीके से इकट्ठा भी किया जा सकता है। आश्रय में सफाई होने से मवेशियों को संक्रामक रोगों से बचाने में मदद भी मिलती है। ऐसे में पशु पालक अच्छा दूध उत्पादन कर अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं।
1 लाख 59 हजार से अधिक पशु शेड का किया गया निर्माण
उत्तर प्रदेश में मवेशियों के लिए पशु शेड का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। मनरेगा के तहत व्यक्तिगत और सामुदायिक पशु शेड का निर्माण कार्य किया जा रहा है। प्रदेश के सभी 75 जनपदों में व्यक्तिगत और सामुदायिक पशु शेड की बात करें तो वित्तीय वर्ष 2018-19 से अब तक इनकी संख्या लगभग 1 लाख 59 हजार पहुँच गई है। जिसमें सामुदायिक पशु शेड की संख्या लगभग 4523 और व्यक्तिगत पशु शेड की संख्या 1 लाख 54 हजार से अधिक है।
मनरेगा द्वारा निर्धारित गाइडलाइंस के अनुसार पशु शेड का निर्माण कार्य जॉब कार्ड होल्डर श्रमिकों से कराया जा रहा है। इसमें आश्रय स्थल के फर्श का निर्माण सीमेंट और कंक्रीट से कराया जाता है। साथ ही एक नांद और यूरिनल टैंक भी बनाया जाता है। इस विषय में ग्राम्य विकास आयुक्त जी.एस. प्रियदर्शी ने बताया कि मनरेगा की पशु शेड योजना हमारी प्राथमिकताओं में से एक है।
योजना का उद्देश्य पशु शेड का निर्माण कर मवेशियों को धूप- बारिश और संक्रामक रोगों से बचना है और पशु पालकों की आय में वृद्धि करना है। इच्छुक व्यक्ति योजना की अधिक जानकारी एवं लाभ प्राप्त करने के लिए ग्राम्य विकास विभाग में संपर्क कर सकते हैं।
श्री मान जी,
में पुरुषोत्तम गौड़ , सर जी मेरे पास 7 गाय है उसके रहने के लिए शेड
का निर्माण करना है जी, बारिश के समय बहुत समस्या आती है ठीक से नही रख पाते है,
प्लीज हेल्प
जय श्री कृष्णा
सर चुनाव के बाद अपने ब्लॉक या ज़िले के पशु पालन विभाग में संपर्क करें।
सरकार ने शेड निर्माण का काम ग्रामपंचायतों को दिया था , और समय पर पूरा नही होने के कारण गौशालाओं का अनुदान का पेमेंट रोक रखा है , क्यों ?
हमारे पास पशुओं के लिए घर नहीं हैं
सर अपने ब्लॉक या ज़िले के पशुपालन विभाग/ पशु चिकित्सालय में संपर्क करें
Tetarahat