30 अगस्त के दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महाराष्ट्र के पालघर में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इन परियोजनाओं में लगभग 1,560 करोड़ रुपये की लागत वाली 218 मत्स्य पालन परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास शामिल है। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने लगभग 360 करोड़ रुपये की लागत से पोत संचार और सहायता प्रणाली के राष्ट्रीय रोलआउट का शुभारंभ किया।
प्रधानमंत्री ने मछली पकड़ने की बंदरगाहों, मछली लैंडिंग केंद्रों और मछली बाजारों के निर्माण के विकास, उन्नयन और आधुनिकीकरण सहित महत्वपूर्ण मत्स्य अवसंरचना परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी। उन्होंने मछुआरों के लाभार्थियों को ट्रांसपोंडर सेट और किसान क्रेडिट कार्ड सौंपे।
10 सालों में दोगुना हुआ मछली उत्पादन
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक देश है। 2014 में देश में 80 लाख टन मछली का उत्पादन हुआ था जबकि आज 170 लाख टन मछली का उत्पादन होता है, 10 सालों में मछली उत्पादन दोगुना हो गया है। उन्होंने भारत के बढ़ते समुद्री खाद्य निर्यात का भी उल्लेख किया और दस साल पहले 20 हजार करोड़ रुपये से कम की तुलना में आज 40 हजार करोड़ रुपये से अधिक के झींगा निर्यात का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा, झींगा निर्यात भी आज दोगुने से अधिक हो गया है। उन्होंने इसकी सफलता का श्रेय नीली क्रांति योजना को दिया जिसने लाखों नए रोजगार के अवसर पैदा करने में मदद की।
जहाज़ों पर लगाये जाएँगे 1 लाख ट्रांसपोंडर
पीएम मोदी ने घोषणा की कि सरकार मछुआरों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले जहाजों पर 1 लाख ट्रांसपोंडर लगाने की योजना बना रही है ताकि वे अपने परिवारों, नाव मालिकों, मत्स्य विभाग और तट रक्षकों के साथ निर्बाध संपर्क स्थापित कर सकें। प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे मछुआरों को उपग्रहों की मदद से आपातकाल, चक्रवात या किसी भी अप्रिय घटना के समय संवाद करने में मदद मिलेगी। उन्होंने आश्वासन दिया, किसी भी आपातकाल के दौरान जान बचाना सरकार की प्राथमिकता है।
मछली पकड़ने के लिए बनाये जाएँगे बंदरगाह
प्रधानमंत्री ने बताया कि मछुआरों के जहाजों की सुरक्षित वापसी के लिए 110 से अधिक मछली पकड़ने के बंदरगाह और लैंडिंग सेंटर बनाए जा रहे हैं। कोल्ड चेन, प्रसंस्करण सुविधाओं, नावों के लिए ऋण योजनाओं और पीएम मत्स्य संपदा योजना का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार तटीय गांवों के विकास पर अधिक ध्यान दे रही है जबकि मछुआरों के सरकारी संगठनों को भी मजबूत किया जा रहा है।
मछुआरों को मुफ्त में मिलेगा ट्रांसपोंडर
इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने देश में विकसित ट्रांसपोंडर को लांच किया जोकि वेसल में मौजूद मछुआरों को मुफ्त में मिलेगा, जोकि किसी भी एंड्रॉयड फोन के साथ जुड़ सकता है। उन्होंने कहा कि इस ट्रांसपोंडर सिस्टम के द्वारा 6 सेटेलाइट के माध्यम से अपने परिवार के साथ मछुआरे जुड़ जाएंगे और अपने परिवार के साथ संपर्क कर सकेंगे। इस ट्रांसपोंडर के माध्यम से मछुआरों को यह सूचना दी जाएगी कि समुद्र के किस इलाके में ज्यादा मछली उपलब्ध है ताकि मछुआरों और वेसल्स को दूर तक भटकना न पड़े और वहीं जाकर वे फिशिंग कर सकेंगे जिससे उनकी आय में भी वृद्धि होगी।
केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन ने जानकारी देते हुए बताया कि इस ट्रांसपोंडर के माध्यम से मछुआरों को समुद्र में आने वाले खतरों के बारे में सूचना दी जाएगी। साथ ही, समुद्री सीमा को पार करने से पहले ही अगाह भी किया जायेगा। ट्रांसपोंडर सिस्टम पूरे मछली उत्पादन के क्षेत्र में क्रांति लाने का काम करेगा।