सब्सिडी पर पाली हाउस, शेडनेट हाउस, मल्चिंग, प्लास्टिक टनेल
किसान भाई अगर आप आधुनिक तरह से खेती करना चाहते हैं तथा चाहते है की आप की फसल को अच्छी कीमत मिल सके तो आप को मार्केट के अनुसार खेती करना होगा | जिससे बिना सिजनली आप के फसल हो सके जिससे बाजार में अच्छी कीमत मिल सके | इसके लिए पाली हॉउस, शेडनेट हॉउस, मल्चिंग, प्लास्टिक टनेल इत्यादि विधि से खेती करना जरुरी है | इस लिए सरकार ने इस तरह की खेती पर ध्यान दिया है तथा इन सभी तरह की खेती पर सब्सिडी दिया जा रहा है |
राज्य सरकार तथा केन्द्र सरकार ग्रीन हॉउस (पाली हॉउस) के तहत सब्जी में शिमला मिर्च, टमाटर, खीरा, पत्तागोभी, फल में स्ट्रावेरी एवं फूल में आँकीड, जरवेरा, गुलाब, एवं कारनेशन की खेती के लिए सब्सिडी दे रही है | उसी प्रकार शेडनेट हॉउस अंतर्गत भी सब्जी में झिंगनी, कद्दू, मिर्च, भिण्डी, ब्रोकोली के साथ – साथ फूलों में जरवेरा, गुलाब एवं एंथुरियम की खेती कर कृषक सिमित क्षेत्र में अधिक से अधिक लाभ प्राप्त कर सकने के लिए अधिक से अधिक इस योजना का लाभ उठायें | इसके साथ ही सरकार वाक – इन – टनेल , प्लास्टिक टनेल, मल्चिंग पर भी किसानों को सब्सिडी दे रही है |
राज्य सरकार द्वारा कृषकों को आमदनी बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय बागवानी मिशन एवं मुख्यमंत्री बागवानी मिशन योजना के तहत संरक्षित खेती के विभिन्न अवयवों तथा पाली हॉउस , शेडनेट हॉउस, वाक – इन – टनेल, प्लास्टिक टनेल एवं प्लास्टिक मल्चिंग अवयवों को शामिल किया गया है | वर्तमान वित्तीय वर्ष 2017 – 18 में 40,000 वर्ग मीटर पाली हॉउस (इकाई लगत 935 रु. प्रति वर्ग मीटर), 70,000 वर्ग मीटर शेडहॉउस (इकाई लागत 710 रु. प्रति वर्ग मीटर) , 10,000 वर्ग मीटर प्लास्टिक टनेल (इकाई लागत 60 रु. प्रति वर्ग मीटर), 5,000 वर्ग मीटर वाक इन टनेल (इकाई लगत 600 रु. प्रति वर्ग मीटर) एवं 300 हैक्टेयर प्लास्टिक मल्चिंग (इकाई लागत 32,000 रु. हैक्टेयर) का लक्ष्य निर्धारित किया गया है | पाली हॉउस, शेडनेट हॉउस, वाक – इन – टनेल अवयव पर प्रति वर्ग मीटर इकाई लागत का 50 प्रतिशत अधिकतम 4,000 वर्ग मीटर के लिए एवं प्लास्टिक टनेल के लिए अधिकतम 1000वर्ग मीटर पर सहायता अनुदान दिये जाने का प्रवधान हैं, जबकि प्लास्टिक मल्चिंग अवयव अंतर्गत प्रति हैक्टेयर इकाई लागत 32,000 रु. का 50 प्रतिशत अधिकतम 16,000 रु. प्रति हैक्टेयर सहायतानुदान देय है |
कंहा से मिलेगा :- इच्छुक कृषक अपने जिला के सहायता निदेशक, उद्धान कार्यालय से सम्पर्क कर इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं |
नोट :- यह योजना बिहार राज्य के लिए है एवं सभी राज्यों में केंद्र सरकार के द्वारा लागत का 50 प्रतिशत दिया जाता है
Alovera aur kesar ki kheti karma hai
अपने जिले के कृषि विज्ञानं विभाग में या उधानिकी विभाग में सम्पर्क करें | दी गई लिंक पर देखें |
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