धान एवं अन्य खरीफ फसलों की MSP पर खरीद
1 अक्टूबर से प्रस्तावित खरीफ फसल की खरीदी को आगे 11 अक्टूबर तक बढ़ा देने के बाद पंजाब तथा हरियाणा राज्य के किसानों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था | आन्दोलन का आह्वान 1 अक्टूबर को कई किसान संगठनों के तरफ से किया गया था | आज दिन भर किसानों के आन्दोलन को देखते हुए हरियाण सरकार ने केन्द्रीय मंत्री से बात करके खरीफ फसल की खरीदी शुरू करने की घोषणा कर दी है |
हरियाणा के मुख्य मंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर ने आज दिल्ली में केन्द्रीय मंत्री श्री अश्वनी कुमार चौबे से मुलाकात के बाद मिडिया से बात करते हुए बताया है कि 3 अक्टूबर 2021 से खरीफ फसलों की खरीदी शुरू कर दी जाएगी | इसका कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि राज्य की मंडियों में किसानों के द्वारा काफी मात्रा में धान तथा अन्य फसल को लाया गया है | जिसको देखते हुए खरीदी 3 अक्टूबर 2021 से शुरू की जा रही है |
इससे पहले 1 अक्टूबर को पंजाब के मुख्यमंत्री श्री चरनजीत सिंह चन्नी ने देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर धान कि खरीदी जल्द शुरू करने की मांग की थी | पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों के द्वारा धान सहित अन्य फसलों की खरीदी शुरू करने की मांग को ध्यान में रखते हुए खरीफ फसल की खरीदी 3 अक्टूबर 2021 से शुरू की जा रही है |
धान में नमी के चलते आगे बढाई गई थी खरीद
हरियाणा तथा पंजाब में खरीफ फसल की खरीदी 1 अक्टूबर से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर शुरू होने वाली थी लेकिन 30 सितम्बर की शाम दोनों राज्यों को धान तथा अन्य फसलों की सरकारी खरीदी पर रोक लगाने को कहा गया था | इससे पहले केंद्र सरकार ने कहा था कि धान में नमी की मात्रा अधिक होने के कारण धान खरीद को स्थगित किया गया है | शुक्रवार को केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने कहा था कि धान के नमूने–पंजाब और हरियाणा में सरकारी उपक्रम, भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के क्षेत्रीय कार्यालयों द्वारा जांचे गए | इससे पता चला कि पंजाब के धान में 18 से 22 प्रतिशत नमी थी, जबकि हरियाणा में 18.2 से 22.7 प्रतिशत नमी थी जबकि 17 प्रतिशत की अनुमति योग्य सीमा है |
किसान क्यों हुए आक्रोशित
पहले से तय 1 अक्टूबर को धान तथा अन्य फसलों की खरीदी को ध्यान में रखते हुए पंजाब तथा हरियाणा के किसान पहले से ही मंडियों में धान लेकर आ गये थे | किसान मंडियों में ट्रेक्टर ट्राली में फसल उत्पाद लेकर फसल खरीदी की राह देख रहे थे| जिसके कारण किसानों को काफी परेशानी हो रही है तथा दूसरी तरफ बारिश होने कि संभावना बनी हुई है |