उद्यानिकी फसलों के प्रबंधन के लिए पैक हाउस
किसानों को उद्यानिकी फसलों जैसे फल-सब्जी आदि के अच्छे दाम मिल सके इसके लिए फसलों की पैकेजिंग, ग्रेडिंग एवं भंडारण की उचित व्यवस्था होनी चाहिए। जिसको देखते हुए बिहार सरकार राज्य में चतुर्थ कृषि रोड मैप के अंर्तगत पैक हाउस का निर्माण करने जा रही है। सरकार ने इसके लिए फसलों एवं जिलों का चयन कर लिया है। किसानों को इन पैक हाउस में भंडारण सहित अन्य सभी आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएगी।
बिहार सरकार चतुर्थ कृषि रोड मैप के अंर्तगत राज्य में उद्यानिकी फसलों खासकर फल और सब्जियों के भंडारण के लिए पैक हाउस बनाने जा रही है। इसके लिए राज्य के चयनित 18 जिलों में पैक हाउस बनेंगे। किसान उत्पाद कंपनी (एफपीसी) के जरिये इसका निर्माण किया जाएगा। यहाँ कटनी के बाद उद्यानिकी फसलों का प्रबंधन किया जाएगा ताकि उचित समय आने पर किसान इसे बाजार में बेच सकें साथ ही उद्यानिकी फसलों के निर्यात को बढ़ावा मिल सके। सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए यह निर्णय लिया है।
इन फसलों का किया जाएगा भंडारण
सरकार चतुर्थ कृषि रोड मैप के अन्तर्गत राज्य में कुल 13 फसलों के भंडारण के लिए पैक हाउस बनाने जा रही है। पहले चरण में इन 13 फसलों के भंडारण और पैकेजिंग की सुविधा विकसित की जाएगी। इस 13 फसलों में टमाटर, हरी मिर्च, लहसुन, हरी मटर, प्याज, आलू, मधु (शहद), आम हल्दी, अनानास, लीची, केला और मखाना फसलों को शामिल किया गया है।
बता दें कि फल और सब्जियों जैसी बागवानी फसलों को तरोताजा रखने के मकसद से पैक हाउस में भंडारण की सुविधा मुहैया कराई जाती है। साथ-साथ पैकेजिंग और ग्रेडिंग का पुख्ता इंतजाम भी किया जाता है। जिससे निर्यात के दौरान कृषि उत्पादों को नुक़सान न पहुँचे।
इन जिलों में बनाए जाएँगे पैक हाउस
बिहार सरकार योजना के अंतर्गत 18 जिलों में पैक हाउस का निर्माण कराने जा रही है। इन जिलों में रोहतास, समस्तीपुर, अररिया, पूर्वी चम्पारण, भोजपुर, बक्सर, नालंदा, वैशाली, दरभंगा, भागलपुर, पटना, पश्चिमी चंपारण, किशनगंज, मुज्ज़फ़रपुर, सीतामढ़ी, शिवहर, कटिहार और सुपौल जिले शामिल हैं। टमाटर के लिए रोहतास, मिर्च के लिए समस्तीपुर- अररिया में पैक हाउस बनाया जाएगा। इसी तरह बक्सर में प्याज, नालंदा में आलू, वैशाली में शहद के लिए पैक हाउस बनाया जाएगा।
पैक हाउस बनाने के लिए दिया जाएगा अनुदान
सरकार ने पैक हाउस बनाने के लिए 18 जिलों में 19 किसान उत्पादक कंपनी का चयन कर लिया है। यहाँ सॉर्टिंग, ग्रेडिंग, पैकिंग, सोलर कोल्ड रूम आदि की सुविधा किसानों को दी जाएगी। पोस्ट हार्वेस्ट मशीन, पैकेजिंग सामग्री, राइपेनिंग चैम्बर, प्याज़ भंडारण इकाई, डीप फ्रीजर आदि भी होंगे। अलग-अलग सुविधा विकसित करने के लिए अनुदान भी दिया जाएगा। मशीन और उपकरणों की खरीद पर 50 से 90 फीसदी तक सहायता दी जाएगी। सोलर कोल्ड रूम बनाने पर लागत का 80 फीसदी अनुदान एफपीसी को दिया जाएगा। हरेक फसल के लिए पैक हाउस की लागत अलग-अलग होगी।
Lakhisarai mekis chig ke bhandaran kahai