back to top
गुरूवार, मई 2, 2024
होमकिसान समाचारअब कार्बन क्रेडिट से भी किसान कर सकेंगे कमाई, सरकार ने जारी...

अब कार्बन क्रेडिट से भी किसान कर सकेंगे कमाई, सरकार ने जारी की बुकलेट

किसानों की कार्बन क्रेडिट से कमाई

आज के समय में जलवायु परिवर्तन को देखते हुए दुनिया भर की सरकारों के द्वारा इसके प्रभाव को कम करने के लिए कार्बन उत्सर्जन को कम करने पर लगी हुई है। इस क्रम में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने भी देश के किसानों को कार्बन बाजार से परिचित करवा कर उन्हें लाभ दिलाने के लिए फ्रेमवर्क तैयार किया है। इसके लिए केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने सोमवार को कृषि भवन में एक बुकलेट लांच की।

इस मौके पर कृषि मंत्री ने कहा कि छोटे-मध्यम किसानों को कार्बन क्रेडिट का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इससे किसानों की कमाई तो बढ़ेगी ही साथ ही पर्यावरण-अनुकूल कृषि पद्धतियों को अपनाने में भी तेजी आएगी। मंत्री ने किसानों के हित में कार्बन बाजार को बढ़ावा देने के लिए राज्यों और दूसरे मंत्रालयों से अपील की है।

कृषि क्षेत्र का अर्थव्यवस्था में है महत्वपूर्ण योगदान

कृषि मंत्री ने कहा कि देश में कृषि क्षेत्र अर्थव्यवस्था और करोड़ों लोगों की आजीविका में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। उन्होंने बताया कि देश का 54.6 प्रतिशत कार्यबल कृषि और संबद्ध क्षेत्रों से जुड़े कामकाज में लगा हुआ है। सकल घरेलू उत्पाद में कृषि क्षेत्र की हिस्सेदारी 18.6 प्रतिशत है, जबकि देश के कुल भौगोलिक क्षेत्र में से कुल 139.3 मिलियन हेक्टेयर बुआई क्षेत्र है। 

यह भी पढ़ें   राई-सरसों और तोरिया/लाही की खेती करने वाले किसान दिसंबर महीने में करें यह काम

देश में कृषि क्षेत्र के इस महत्व को देखते हुए काम करना है। कृषि वानिकी नर्सरी के एक्रेडिटेशन प्रोटोकॉल, देश में कृषि वानिकी को बढ़ावा देने के लिए बड़े पैमाने पर रोपण सामग्री का उत्पादन करेंगे। साथ ही कार्बन क्रेडिट के प्रमाणीकरण के लिए संस्थागत व्यवस्था को मजबूत करेंगे। उन्होंने सभी हितधारकों से इसे अपनाने के लिए कहा ताकि गुणवत्तापूर्ण रोपण सामग्री सुनिश्चित रिटर्न प्रदान कर सके और इस तरह राष्ट्रीय कृषि वानिकी नीति के उद्देश्यों और लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सके। 

उन्होंने कहा कि दक्षिणी क्षेत्र के किसानों के साथ मिलकर, उनके लिए सुविधाजनक तरीके से और समाधान के साथ इस दिशा में काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसका लाभ हमारे किसानों पर केंद्रित करने की आवश्यकता है। यह पहला कदम है जिसमें हम सभी की भागीदारी सुनिश्चित करना चाहते हैं। कृषि मंत्री ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग जैसी वैश्विक चुनौतियां हम सभी के सामने हैं और ऐसे में हमें सावधानी के साथ आगे बढ़ना होगा। उन्होंने आईसीएआर से इस दिशा में सक्रिय भूमिका निभाने और सही तरीके से अच्छा काम करने को कहा है।

यह भी पढ़ें   कृषि विश्वविद्यालय ने जारी किया कृषि पंचांग, किसानों के लिए बहुत काम का है यह कृषि पंचांग

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
यहाँ आपका नाम लिखें

ताजा खबरें

डाउनलोड एप