वर्ष 2021-22 खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP
प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी केंद्र सरकार ने कृषि उपज की सरकारी खरीद हेतु सीजन 2021-22 के लिए सभी खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की घोषणा कर दी है | पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी फसलों के उत्पादन में 20 रुपये से 452 रूपये तक की वृद्धि की गई है | सबसे कम मक्का में 20 रूपये की बढ़ोतरी तो सबसे ज्यादा तिल में 452 रूपये की बढ़ोतरी की गई है |
पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष सामान्य धान एवं धान ग्रेड ए दोनों में 72 रुपये की वृद्धि की गई है | सबसे ज्यादा तिल यानी सेसामम (452 रुपये प्रति क्विंटल) और उसके बाद तुअर व उड़द (300 रुपये प्रति क्विंटल) के एमएसपी में बढ़ोतरी की गई है | मूंगफली और नाइजरसीड के मामले में, बीते साल की तुलना में क्रमशः 275 रुपये और 235 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है। सरकार ने कहा कि मूल्यों में इस अंतर का उद्देश्य फसल विविधीकरण को प्रोत्साहन देना है।
खरीफ सीजन 2021-22 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य एवं उनमें की गई वृद्धि
खरीफ फसल |
एमएसपी 2020–21(रूपये/क्विंटल) |
एमएसपी 2021–22(रूपये/क्विंटल) |
एमएसपी में बढ़ोतरी(पूर्ण) |
धान (सामान्य) |
1868 |
1940 |
72 |
धान (ग्रेड ए) |
1888 |
1960 |
72 |
ज्वार (हाईब्रिड) |
2620 |
2738 |
118 |
ज्वार (मलडंडी) |
2640 |
2758 |
118 |
बाजरा |
2150 |
2250 |
100 |
रागी |
3295 |
3377 |
82 |
मक्का |
1850 |
1870 |
20 |
तुअर (अरहर) |
6000 |
6300 |
300 |
मूंग |
7196 |
7275 |
79 |
उड़द |
6000 |
6300 |
300 |
मूंगफली |
5275 |
5550 |
275 |
सूरजमुखी के बीज |
5885 |
6015 |
130 |
सोयाबीन (पीली) |
3880 |
3950 |
70 |
तिल |
6855 |
7307 |
452 |
नाइजरसीड |
6695 |
6930 |
235 |
कपास (मध्यम रेशा) |
5515 |
5726 |
211 |
कपास (लंबा) |
5825 |
6025 |
200 |
लागत का 1.5 गुना है समर्थन मूल्य (MSP)
सरकार खरीद सीजन 2021–22 के लिए खरीफ फसलों के एमएसपी में बढ़ोतरी, आम बजट 2018–19 में उत्पादन की अखिल भारतीय औसत लागत (सीओपी) से कम से कम 1.5 गुने के स्तर पर एमएसपी के निर्धारण की घोषणा के क्रम में की गई है | किसानों को उनकी उत्पादन लागत पर सबसे ज्यादा अनुमानित रिटर्न बाजार (85 प्रतिशत) होने की संभावना है | बाकी फसलों के लिए किसानों को उनकी लागत पर कम से कम 50 प्रतिशत रिटर्न होने का अनुमान है |
इन खर्चों को जोड़कर तैयार की गई है फसल लागत
केंद्र सरकार के अनुसार सभी फसलों के उत्पादन में लागत खर्च का 1.5 प्रतिशत का मुनाफा दिया जा रहा है | इससे किसान लागत से 50 प्रतिशत अधिक पा सकता है | न्यूनतम समर्थन मूल्य में सभी फसलों का लागत इस प्रकार जोड़ी गई है | मानव श्रम, बैल श्रम, मशीन श्रम, पट्टे पर ली गई जमीन का किराया, बीज, उर्वरक, खाद जैसी उपयोग की गई सामग्रियों पर व्यय सिंचाई शुल्क, उपकरण और कृषि भवन पर मूल्य ह्रास, कार्यशील पूंजी पर ब्याज, पम्प सेट आदि चलाने के लिए डीजल/बिजली आदि पर व्यय, मिश्रित खर्च और पारिवारिक श्रम के मूल्य को शामिल किया गया है |