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रविवार, दिसम्बर 15, 2024
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जानिए क्या रहेगा वर्ष 2021-22 में धान, मक्का सहित अन्य खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य

वर्ष 2021-22 खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP

प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी केंद्र सरकार ने कृषि उपज की सरकारी खरीद हेतु सीजन 2021-22 के लिए सभी खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की घोषणा कर दी है | पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी फसलों के उत्पादन में 20 रुपये से 452 रूपये तक की वृद्धि की गई है | सबसे कम मक्का में 20 रूपये की बढ़ोतरी तो सबसे ज्यादा तिल में 452 रूपये की बढ़ोतरी की गई है |

पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष सामान्य धान एवं धान ग्रेड ए दोनों में 72 रुपये की वृद्धि की गई है | सबसे ज्यादा तिल यानी सेसामम (452 रुपये प्रति क्विंटल) और उसके बाद तुअर व उड़द (300 रुपये प्रति क्विंटल) के एमएसपी में बढ़ोतरी की गई है | मूंगफली और नाइजरसीड के मामले में, बीते साल की तुलना में क्रमशः 275 रुपये और 235 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है। सरकार ने कहा कि मूल्यों में इस अंतर का उद्देश्य फसल विविधीकरण को प्रोत्साहन देना है।

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खरीफ सीजन 2021-22 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य एवं उनमें की गई वृद्धि

खरीफ  फसल
एमएसपी 202021
(रूपये/क्विंटल)
एमएसपी 2021–22
(रूपये/क्विंटल)
एमएसपी में बढ़ोतरी
(पूर्ण)

धान (सामान्य)

1868

1940 

72

धान (ग्रेड ए)

1888

1960

72

ज्वार (हाईब्रिड)

2620

2738

118

ज्वार (मलडंडी)

2640

2758

118

बाजरा

2150

2250

100

रागी

3295

3377

82

मक्का

1850

1870

20

तुअर (अरहर)

6000

6300

300

मूंग

7196

7275

79

उड़द

6000

6300

300

मूंगफली

5275

5550

275

सूरजमुखी के बीज

5885

6015

130

सोयाबीन (पीली)

3880

3950

70

तिल

6855

7307

452

नाइजरसीड

6695

6930

235

कपास (मध्यम रेशा)

5515

5726

211

कपास (लंबा)

5825

6025

200

 लागत का 1.5 गुना है समर्थन मूल्य (MSP)

सरकार खरीद सीजन 2021–22 के लिए खरीफ फसलों के एमएसपी में बढ़ोतरी, आम बजट 2018–19 में उत्पादन की अखिल भारतीय औसत लागत (सीओपी) से कम से कम 1.5 गुने के स्तर पर एमएसपी के निर्धारण की घोषणा के क्रम में की गई है | किसानों को उनकी उत्पादन लागत पर सबसे ज्यादा अनुमानित रिटर्न बाजार (85 प्रतिशत) होने की संभावना है | बाकी फसलों के लिए किसानों को उनकी लागत पर कम से कम 50 प्रतिशत रिटर्न होने का अनुमान है | 

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इन खर्चों को जोड़कर तैयार की गई है फसल लागत

केंद्र सरकार के अनुसार सभी फसलों के उत्पादन में लागत खर्च का 1.5 प्रतिशत का मुनाफा दिया जा रहा है | इससे किसान लागत से 50 प्रतिशत अधिक पा सकता है | न्यूनतम समर्थन मूल्य में सभी फसलों का लागत इस प्रकार जोड़ी गई है | मानव श्रम, बैल श्रम, मशीन श्रम, पट्टे पर ली गई जमीन का किराया, बीज, उर्वरक, खाद जैसी उपयोग की गई सामग्रियों पर व्यय सिंचाई शुल्क, उपकरण और कृषि भवन पर मूल्य ह्रास, कार्यशील पूंजी पर ब्याज, पम्प सेट आदि चलाने के लिए डीजल/बिजली आदि पर व्यय, मिश्रित खर्च और पारिवारिक श्रम के मूल्य को शामिल किया गया है |

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