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शनिवार, जनवरी 18, 2025
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जानिए किस राज्य में कब तक की जाएगी समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद

समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद

इस वर्ष गेहूं का निर्यात बढ़ने से किसानों को गेहूं के अच्छे भाव मिल रहे थे परंतु बढ़ती महंगाई एवं देश में खाद्य सुरक्षा बनाए रखने के लिए केंद्र सरकार ने अब गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी है। निर्यात पर रोक के कारण गेहूं के भाव में गिरावट की संभावना है। किसानों को गेहूं के अच्छे भाव मिल सके इसके लिए केंद्र सरकार ने अब अलग-अलग राज्यों में गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की अंतिम तिथि को आगे बढ़ा दिया है। जिसके बाद अब अधिकांश राज्यों में किसान 31 मई तक गेहूं की उपज समर्थन मूल्य पर बेच सकेंगे।

केंद्र ने गेहूं उत्पादक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इसकी खरीदारी को 31 मई, 2022 तक जारी रखने के लिए कहा है। इसके अलावा उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने भी एफसीआई को केंद्रीय भंडार के तहत गेहूं की खरीद जारी रखने का निर्देश दिया है। खरीदारी की अवधि को बढ़ाए जाने से किसानों को लाभ होने की उम्मीद है। यह निर्णय खरीद प्रक्रिया को जारी रखने के लिए राज्य सरकारों/केंद्रशासित प्रदेशों के अनुरोधों को देखते हुए लिया गया है।

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इन राज्यों में बढ़ाई गई गेहूं खरीद की अवधि

केंद्र सरकार ने मध्य प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, गुजरात, बिहार और राजस्थान में रबी विपणन सीजन (आरएमएस) 2022-23 में केंद्रीय पूल के तहत गेहूं की खरीद की अवधि को आगे बढ़ा दिया है। 

किस राज्य में कब तक की जाएगी गेहूं की खरीद

रबी विपणन सीजन 2022-23 के दौरान गेहूं खरीदारी की राज्यवार संशोधित अंतिम तिथि निम्नलिखित है:

राज्य
गेहूं खरीद का अंतिम तिथि

पंजाब

31.05.2022

हरियाणा

31.05.2022

उत्तर प्रदेश

15.06.2022

मध्य प्रदेश

15.06.2022

बिहार

15.07.2022

राजस्थान

10.06.2022

उत्तराखंड

30.06.2022

दिल्ली

31.05.2022

गुजरात

15.06.2022

हिमाचल प्रदेश

15.06.2022

जम्मू और कश्मीर

31.05.2022

इस वर्ष कम हुई है गेहूं की सरकारी खरीद

पिछले रबी विपणन सीजन 2021-22 की तुलना में चालू आरएमएस 2022-23 के दौरान केंद्रीय पूल के तहत गेहूं की खरीद कम रही है। इसका मुख्य कारण एमएसपी के मुकाबले अधिक बाजार मूल्य है, जिसके चलते किसान निजी व्यापारियों को गेहूं की बेच रहे हैं। इससे पहले केंद्र सरकार ने 13 मई को गेहूं की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए इसके निर्यात पर प्रतिबंधित करने का निर्णय किया था। हालांकि, इस प्रतिबंध से अपरिवर्तनीय ऋण पत्र और अनुरोध करने वाले पड़ोसी/खाद्य-घाटे वाले देशों को बाहर रखा गया है।

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देश में 14 मई 2022 तक 180 लाख मीट्रिक टन (आरएमएस 2021-22 के दौरान 367 लाख मीट्रिक टन की खरीद) की खरीद की गई है। इससे लगभग 16.83 लाख किसानों को एमएसपी मूल्य 36,208 करोड़ रुपये का लाभ हुआ है। इस वर्ष केंद्र सरकार ने गेहूँ का न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP 2015 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है, जिस पर सभी राज्यों में खरीद की जा रही है।

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