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बुधवार, मई 1, 2024
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जानें क्या है अभी किसानों की आय ? क्या किसानों की आय दोगुनी करने से कुछ लाभ होगा ?

किसानों के आय दोगुनी करने से क्या आएगा किसानों की स्थिति में सुधार

वर्ष 2014 के चुनाव में श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा की किसानों की सभी फसलों की लागत का डेढ़ गुना दाम  देगी तो एसा लगा की देश के सभी किसानों की वर्षों की मांग पूरी हो गई है | लेकिन जैसे – जैसे वर्ष दर वर्ष बीतता गया किसानों की उम्मीद धूमिल होती गई | आज देश फिर उस दहलीज पर खड़ा  है जहां केवल घोषणा तथा वादे किये जा सकते हैं और किसानों की अगले पांच वर्ष के लिए नई उम्मीद बनाई जा सकती है | लेकिन इस बीच सरकार के द्वारा वादे पुरे नहीं होने पर एक नए तरह का वादा कर दिया गया है , जिसका सभी लोग रट लगा रहा है |

2018 में प्रधानमंत्री ने किसानों की फसल का मूल्य लागत के डेढ़ गुना करने की जगह अब किसानों की आमदनी दुगना करने का वादा किया है वह भी 2022 तक | यह कोई नहीं बताने को तैयार है की किसानों की आज आमदनी कितनी है | इसका वास्तविक कारण यह है की किसानों की आमदनी ईतनी कम है की उसे बताने पर सरकार की फजीहत ही होगी |

किसान समाधान अपने पाठकों के लिए किसान की वास्तविक आमदनी के साथ – साथ यह भी बताने जा रहा है की किसानों की आमदनी किस क्षेत्र में कितना है | किसानों के लिए कृषि कहने का मतलब यह है की उसके अन्दर पशुपालन, मछली पालन, बागवानी एवं वानिकी इत्यादी आता है | इसके साथ ही किसानों की मजदूरी भी जोड़ी जाती है | आज आप सभी को अलग – अलग क्षेत्र में किसान परिवार की आमदनी का व्योरा रख रहें हैं |

आखिर किसान परिवार की सालाना आय कितनी है ?

अभी 12 फरवरी 2019 में लोकसभा के एक सवाल के जबाब में कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने अपने जबाब में बताया की राष्ट्रिय प्रतिदर्श सर्वेक्षण कार्यालय द्वारा किये गए सर्वे कृषक परिवारों के आकलन सर्वेक्षण के अनुसार यह बताया गया था की किसानों की प्रति कृषि परिवार की औसत आमदनी (जनवरी 2013 से दिसम्बर 2013 तक) में 6426 रु./ माह है | साथ ही इस रिपोर्ट में बताया गया है की इस मासिक आय में किसान परिवार 6,223 रुपये खर्च कर देता है |यह कृषि एवं सम्बंधित क्षेत्र अर्थात खेती के साथ  पशुपालन, मछली पालन , बागवानी, आनाज उत्पादित आमदनी , वानिकी इत्यादी शामिल है |

कृषि आगत और मूल्य आयोग रिपोर्ट के अनुसार आय में योगदान

किसानों की कुल आमदनी में 30.7 प्रतिशत पशुपालन का योगदान रहता है , जिसके अन्दर डेयरी के साथ – साथ बकरी, भेड़, मुर्गी, इत्यादी को शामिल किया जाता है | इसके आलवा अनाज से 17.2 प्रतिशत हिस्सा है जिसके अंतर्गत फल एवं सब्जी से 5.4 प्रतिशत , तिलहन से 3.8 प्रतिशत, रेशा से 3.7 प्रतिशत चीनी से 2.9 प्रतिशत, दलहन से 2.8 प्रतिशत, चटनी तथा मसाले 11 प्रतिशत इसके अलावा मछली पालन से 5.4 प्रतिशत का योगदान रहता है तथा अन्य फसलों से 17.3 प्रतिशत की आमदनी होती है |

अगर किसानों की आमदनी में दलहन, तेलहन अनाज फल एवं सब्जी तथा चीनी को जोड़ दिया जाए  तो 33 प्रतिशत होता है | अगर इसे अंको में व्यक्त किया जाय तो किसान को मछली पालन से 1972.78 रुपया , अनाज से 1105.27 रुपया , तिलहन से 244.18 रुपया , दलहन से 180 रुपया , चीनी से 186 रुपया , रेशा से 237 रुपया के साथ – साथ मत्स्य से 334 रुपया प्रति माह होता है |

इसके अलावा चटनी तथा मसाले से 7068. 6 रुपया प्रति माह होता है | यहाँ पर इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा की किसानों की आमदनी में किसानों की मजदूरी को शामिल किया गया है | यह मजदूरी अपने खेत में कम करने के अलावा खेती से बचे हुये समय में शर या किसी दुसरे जगह पर किये गए कामों से हुये आमदनी को जोड़ा गया है | यह आमदनी लगभग 50 प्रतिशत के आसापास होती है |

किसानो की संख्या

अगर अनाज, चीनी, तिलहन, दलहन, फल एवं सब्जी को एक साथ जोड़ दिया जाय तो किसानों की आमदनी 2120.58 रुपया/माह होता है | देश में चीनी के कुल किसान लगभग 50 लाख है तो कपास की कुल किसानों की संख्या लगभग 80 लाख है | ज्यादातर किसान अनाज उत्पादक है |

इस हिसाब से किसानों की आमदनी दुगना किया जाय हो किसानों की वार्षिक आमदनी 4241.16 रुपया होगा , जो वार्षिक 50,893.92 रुपया वार्षिक होगा | जो किसानों तथा किसान मजदुर की आमदनी को शामिल किया गया है | इसके अलावा किसानों की लागत को सरकार बहुत कम कर के आंकता है जिससे फसल के विक्रय पर आमदनी बढ़ जाता है |

अगर इसे भी सही मान लिया जाय तो एक किसान परिवार जिसमे 5 से 6 सदस्य होते हैं | इन सभी सदस्य की मसिक आमदनी किसानों कुल आमदनी 6426 रु में से 1071 रुपया से 1285.2 रुपया मासिक होता है | अगर बात केवल कृषि क्षेत्र का किया जाय तो किसान परिवार का मासिक आय 353.43 रुपया से 424.116 करोड़ रुपया मासिक होता है | यदि किसान परिवार की पर माह बचत देखें तो यह मात्र 103 रुपए ही है | इस बात का ध्यान रखना जरुरी है की यह आय सर्वेक्षण रिपोर्ट वर्ष 2013 के अनुसार है यदि 2022 तक आय दोगुनी होती है तो खर्च भी लगभग दोगुना ही हो जाएगा 

कृषि परिवारों का स्थिति आकलन सर्वेक्षण

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