किसानों को जैविक और सहकारी खेती के लिए किया जाएगा प्रोत्साहित
किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं, ऐसे में अधिक से अधिक किसानों की आय को बढ़ाया जा सके इसके लिए सरकार नई योजनाओं पर काम भी कर रही है। इस कड़ी में हरियाणा सरकार राज्य में कृषि व किसानों की प्रगति हेतु प्रदेश अब क्लस्टर मोड पर पायलट परियोजनाओं की रूपरेखा बना रही है। जिससे फसल विविधीकरण, सूक्ष्म सिंचाई योजना, पशु नस्ल सुधार व अन्य कृषि संबद्ध गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
इसके अलावा, जैविक खेती, प्राकृतिक खेती व सहकारी खेती की ओर किसानों का रुझान बढ़ाने के लिए भी हरियाणा किसान कल्याण प्राधिकरण नई योजनाएँ तैयार करने में लगा हुआ है। यह जानकारी हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने किसान कल्याण प्राधिकरण की जनरल बॉडी की तीसरी बैठक के बाद दी।
किसानों को सहकारी खेती के लिए किया जाएगा प्रोत्साहित
मुख्यमंत्री ने छोटी होती जोत भूमि को देखते हुए अधिकारियों को इजरायल की तर्ज पर सहकारिता खेती के लिए अधिक से अधिक किसानों को प्रेरित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पशुपालन के क्षेत्र में आज अपार संभावनाएं हैं, जिससे किसान व पशुपालक बेहतर आय प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही, किसानों को सहकारिता खेती अवधारणा की और बढ़ने की आवश्यकता है, जिससे कई किसान मिलकर एक साथ खेती करें, इससे छोटी जोत भूमि की समस्या भी खत्म होगी और किसान खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की दिशा में भी बढ़ सकेंगे। इसलिए प्राधिकरण संबंधित विभागों के साथ मिलकर पायलट योजनाएं तैयार करे।
जैविक फसलों की MSP से अधिक दामों पर होगी खरीद
मुख्यमंत्री ने कहा कि ने कहा कि मृदा स्वास्थ्य के साथ–साथ अनाज की गुणवत्ता की जांच भी जरूरी है। आज उर्वरकों व कीटनाशकों के अत्याधिक उपयोग से उत्पन्न होने वाले अनाज से कई गंभीर बीमारियां बढ़ रही हैं। इसलिए हमें केमिकल रहित अनाज पैदा करने की ओर बढ़ना होगा। इसका उपाय प्राकृतिक खेती ही है। जो पंचायत अपने गांव को केमिकल फ्री खेती वाला गांव घोषित करेगी, उसके हर प्रकार की फसल की खरीद सरकार सुनिश्चित करेगी, इसके लिए एमएसपी के अलावा 10 से 20 प्रतिशत अधिक मूल्य पर खरीद होगी। फसल की ब्रांडिंग, पैकेजिंग खेतों में ही होगी।
समेकित खेती के लिए तैयार किया जाएगा डेमोस्ट्रेशन फार्म
राज्य सरकार ने फसल विविधीकरण व जल संरक्षण के लिए मेरा पानी मेरी विरासत योजना व डीएसआर तकनीक से धान की बिजाई के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के प्रोत्साहन दे रही है, ताकि किसान परंपरागत खेती से हटकर अन्य फसलों की ओर जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग समेकित खेती के लिए भी डेमोस्ट्रेशन फार्म तैयार करे और किसानों को ऐसे फार्म का दौरा करवाकर इस विधि की विस्तृत जानकारी दें।
कृषि नल कूपों पर लगाये जायें सोलर पंप
मनोहर लाल ने कहा कि भू-जल स्तर निरंतर कम हो रहा है। कई जगहों पानी 100 मीटर से भी गहराई पर चला गया है। कुछ क्षेत्रों में पानी हर वर्ष लगभग 10 मीटर नीचे जा रहा है। इसलिए ऐसे क्षेत्रों में सूक्ष्म सिंचाई परियोजनाएं स्थापित करने पर जोर दिया जाए। जहां पर भू-जल स्तर 30 मीटर है, वहां पर भी कृषि नलकूपों को शत-प्रतिशत सौर ऊर्जा पर लाया जाए। राज्य सरकार इसके लिए नई सब्सिडी देने को भी तैयार है। पानी और बिजली पर जितना भी खर्च होगा, सरकार उसे वहन करने के लिए तैयार है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिवालिक व अरावली पर्वत श्रृंखला में बरसात के पानी के संरक्षण के लिए रिजर्वायर बनाया जाना चाहिए ताकि पहाड़ों से आने वाले पानी का एकत्रित किया जा सके और बाद में इसे सिंचाई व अन्य आवश्यकताओं के लिए उपयोग किया जा सके। उन्होंने सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि इसके लिए पायलट परियोजना तैयार करें।
पेड़ की देखभाल के लिए दी जाएगी राशि
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने ग्रीन कवर को बढ़ावा देने हेतु योजना बनाई है, जिसके तहत स्थानीय युवा 3 वर्ष तक वन विभाग द्वारा लगाए गए पौधे की देखभाल करेगा। इन्हें वन मित्र कहा जाएगा। इसके लिए विभाग हर गांव में 500 से 700 पेड़ों को चिह्नित कर वन मित्रों को सौंपे। हर पेड़ की देखभाल के लिए वन मित्र को 10 रुपये प्रति पेड़ प्रोत्साहन स्वरूप दिया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिए कि वन विभाग के अधिकारी वन मित्र के लिए एसओपी भी तैयार करे।