फसल सहायता योजना
किसान भाई बड़ी मेहनत कर खेतों में फसल को उपजाते हैं, एक फसल को पूरा तैयार करने में न सिर्फ मेहनत लगती है बल्कि इसके लिए पूँजी भी लगती है और किसानों की दोनों ही मेहनत एवं पूँजी उसके खेत में दांव पर लगी रहती है | जब किसान की फसल पक कर तैयार होकर मंडी में बिक नहीं जाती जब तक इन दोनों पर विभिन्न प्रकार का खतरा जैसे प्राकृतिक प्रकोप (बारिश, ओलावृष्टि, तेज़ हवाएं आदि ) पशुओं द्वारा आदि बने रहते हैं | प्राक्रतिक आपदा तो कुछ घंटों में ही किसान की फसल को बर्बाद कर देती है जिससे किसानों को पूंजीगत नुकसान बहुत अधिक होता है |
इस नुकसान को कम करने के लिए एवं फसल सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना ले कर आई थी, परन्तु यह किसानों को फसल में हुए नुकसान की भरपाई करने में ज्यादा कारगर सिद्ध न होते हुए देख बिहार राज्य सरकार इस योजना से अलग हो गई है अब बिहार सरकार ने वहां के किसानों के लिए इसकी जगह पर नई योजना लाई है जिसका नाम बिहार राज्य फसल सहायता योजना हैं | आइये जानते है इस योजना से जुडी हुई जानकरी एवं यह समझते हैं की क्या यह प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का सही विकल्प है एवं क्या सभी राज्य इस योजना को अपनायेंगें |
फसल सहायता योजना क्या है ?
यह एक बीमा योजना है | यह योजना पहले से चली आ रही फसल बीमा योजना की जगह लेगी | यह योजना केंद्र के प्रधानमंत्री बीमा योजना के समक्ष है | प्रधानमंत्री बीमा योजना बिहार में नहीं लागु किया गया था, इसलिए बिहार सरकार ने प्रधानमंत्री बीमा योजना की तरह ही बिहार राज्य फसल सहायता योजना लागू की है | यह योजना बिहार के सभी 38 जिलों के लिए है | इस योजना के में सभी खरीफ तथा रबी फसल को शामिल किया गया है | जिसके तहत किसान अपनी फसल की बुवाई के समय बीमा करा सकते हैं तथा फसल नुकसानी पर वर्ष 2019 से नुकसानी की भरपाई किया जायेगा | इस योजना का खास बात यह है की किसी भी तरह का प्रीमियम किसानों से नहीं लिया जायेगा |
यह योजना केंद्र बीमा योजना से अलग कैसे है ?
प्रधान मंत्री बीमा योजना वर्ष 2016 से शुरू किया गया है लेकिन बिहार सरकार ने यह योजना को लागु नहीं किया है | बिहार राज्य फसल सहाता योजना में किसानों को किसी भी तरह का कोई प्रीमियम नहीं देना है | जबकि केन्र्द की बीमा योजना में खरीफ फसल के लिए 1.5 % तथा रबी के लिए 2% और बागवानी के लिए 5% का प्रीमियम किसानों को देना पड़ेगा | बिहार के बीमा योजना में किसी भी तरह का निजी कम्पनी नहीं है | एक बात दोनों योजना में समान है की नुकसानी प्राकृतिक कारणों से होना चाहिए |
किसानों को किस नियम के अनुसार नुकसानी का भुगतान किया जायेगा ?
खरीफ या रबी फसल के 20% के नुकसानी पर राज्य सरकार किसानों को 20,000 रु. प्रति हेक्टयर देगी | अगर 20% से ज्यादा उपज में कमी आने पर किसानों को 10,000 रु. प्रति हेक्टयर का भुगतान किया जायेगा | इसके लिए किसानों को अगली फसल के लिए प्रोत्साहन भी किया जायेगा |
फसल सहायता योजना के लिए पात्रता
बिहार राज्य के सभी 38 जिलों के किसान को शामिल किया गया है | साथ ही बटाईदार किसान भी इस योजना का लाभ ले सकते हैं |
बिहार राज्य फसल सहायता के लिए जरुरी कागजात
- जमीन के कागज
- आधार कार्ड कापी
- पासबुक होना चाहिए
- बैंक की NOC
फसल सहायता योजना का लाभ कहाँ लिया जा सकता है ?
इस योजना का पंजीयन ऑनलाइन है | इसके लिए बिहार सभी किसानों को पहले DBT में पंजीकृत होना जरुरी है |
आवेदन भरने से पहले महत्वपूर्ण निर्देश
- तस्वीर (50KB से कम होना चाहिए)
- पहचान पत्र (भारती निर्वाचन आयोग द्वारा मान्यता प्राप्त) (400 KB से कम होना चाहिए और पीडीएफ PDF प्रारूप में होना चाहिए)
- बैंक पासबुक के प्रथम पृष्ट की प्रति (400 KB से कम होना चाहिए और पीडीएफ PDF प्रारूप में होना चाहिए )
- आवासीय प्रमाण पत्र (400 KB से कम होना चाहिए और पीडीएफ PDF प्रारूप में होना चाहिए)
धान अधिप्राप्ति हेतु निम्नलिखित कागजात की स्व – प्रमाणित होनी आवश्यक है
रैयत कृषक के लिए
- भ- स्वामित्व प्रमाण पत्र (केवल धानअधिप्राप्ति के लिए) (1 MB से कम होना चाहिए)
- रैयत कृषक के जमीन का रसीद (केवल धानअधिप्राप्ति के लिए) (1 MB से कम होना चाहिए)
गैर रैयत कृषक के लिए
- स्व:घोषणा प्रमाण पत्र (केवल धान अधिप्राप्ति के लिए) (400 KB से कम होना चाहिए)
रैयत कृषक के लिए
- स्व: घोषणा प्रमाण पत्र (land possession certificate) (1 MB से कम होना चाहिए)
- स्व:घोषणा प्रमाण पत्र (400 KB से कम होना चाहिए)
गैर रैयत कृषक के लिए
- स्व:घोषणा प्रमाण पत्र (400 KB से कम होना चाहिए)