पीएम किसान योजना में ई-केवाईसी के लिए मोबाइल ऐप
देश में सभी पात्र किसानों को “प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना” का लाभ मिल सके इसके लिए सरकार ने सभी पंजीकृत किसानों से ई–केवाईसी को अनिवार्य कर दिया है। जिससे किसान सम्मान निधि की अगली किस्त उन्हीं किसानों को दी जाएगी जिन किसानों ने ई–केवाईसी कराया है। किसानों को ई–केवाईसी कराने में आ रही समस्याओं को दूर करने के लिए सरकार ने नया मोबाइल ऐप लांच कर दिया है। किसान इस ऐप की मदद से अब अपने चेहरे की मदद से भी ई–केवाईसी कर सकेंगे।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने 22 जून प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत फेस ऑथेंटिकेशन फीचर का पीएम–किसान मोबाइल ऐप लांच कर दिया है। किसान अब इस ऐप पर घर बैठे कहीं से भी अपना ई-केवाईसी कर सकते हैं।
सिर्फ फेस स्कैन से होगा ई–केवाईसी
आधुनिक टेक्नालॉजी के बेहतरीन उदाहरण इस ऐप से फेस ऑथेंटिकेशन फीचर का उपयोग कर किसान दूरदराज, घर बैठे भी आसानी से बिना ओटीपी या फिंगरप्रिंट के ही फेस स्कैन कर ई–केवाईसी पूरा कर सकता है और 100 अन्य किसानों को भी उनके घर पर ई–केवाईसी करने में मदद कर सकता हैं।
भारत सरकार ने ई–केवाईसी को अनिवार्य रूप से पूरा करने की आवश्यकता समझते हुए, किसानों का ई–केवाईसी करने की क्षमता को राज्य सरकारों के अधिकारियों तक भी बढ़ाया है, जिससे हरेक अधिकारी 500 किसानों हेतु ई–केवाईसी प्रक्रिया को पूर्ण कर सकता है।
किसान ऐप पर कर सकते हैं यह कार्य
नया ऐप उपयोग में बहुत सरल है, गूगल प्ले स्टोर पर आसानी से डाउनलोड हेतु उपलब्ध है। ऐप किसानों को योजना व पीएम किसान खातों से संबंधित बहुत–सी महत्वपूर्ण जानकारी भी प्रदान करेगा। इसमें नो यूजर स्टेटस माड्यूल उपयोग कर किसान लैंड सीडिंग, आधार को बैंक खातों से जोड़ने व ई–केवाईसी का स्टेटस जान सकते है।
विभाग ने लाभार्थियों के लिए उनके दरवाजे पर आधार से जुड़े बैंक खाते खोलने हेतु इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक (आईपीपीबी) को भी शामिल किया है और सीएससी को राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की मदद से ग्राम–स्तरीय ई–केवाईसी शिविर आयोजित करने को कहा है।
उल्लेखनीय है कि पीएम किसान दुनिया की सबसे बड़ी डीबीटी योजनाओं में एक है जिसमें किसानों को आधारकार्ड से जुड़े बैंक खातों में 6 हजार रुपए सालाना राशि, तीन किस्तों में सीधे हस्तांतरित की जाती है। 2.42 लाख करोड़ रुपए, 11 करोड़ से ज्यादा किसानों के खातों में शिफ्ट किए जा चुके हैं जिनमें 3 करोड़ से अधिक महिलाएं हैं।
Kheti m tar bad vivsta karne hetu ger bar krani h