बीते दो-तीन दिनों में देश के कई राज्यों में बेमौसम बारिश एवं ओला वृष्टि से किसानों की फसलों को काफी नुकसान हुआ है। जिसको देखते हुए अलग-अलग राज्य सरकारों के द्वारा सर्वे का काम शुरू कर दिया गया है। इस कड़ी में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने खराब मौसम, तेज हवा और ओला वृष्टि से अन्नदाता किसान की फसलों को हुए नुक़सान की क्षतिपूर्ति के लिए सर्वे कराने के निर्देश दिये हैं।
मुख्यमंत्री ने सभी ज़िला अधिकारियों एसडीएम और तहसीलदारों को मौके पर जाकर तत्काल सर्वे कराकर संबंधित विभाग को डिटेल उपलब्ध कराने के लिए आदेश दिया है ताकि 24 घंटे के अंदर किसानों के खाते में क्षतिपूर्ति की धनराशि को भेजा जा सके। इतना ही नहीं, सीएम योगी ने अधिकारियों को क्षति पूर्ति देने में लापरवाही न करने की हिदायत दी है। उन्होंने कहा कि अगर किसी अधिकारी की लापरवाही सामने आती है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
50 जिलों में हुआ है फसलों को नुकसान
बीते दिनों उत्तर प्रदेश के अधिकांश जिलों में बेमौसम बारिश, ओला वृष्टि एवं तेज हवाओं से किसानों की फसलों को काफी नुकसान हुआ है। जिसमें 2 मार्च तक 50 जिलों के सात हजार से अधिक किसानों ने क्षतिग्रस्त फसलों के मुआवजे के लिये आवेदन किया है। राहत विभाग के पोर्टल के अनुसार 50 जिलों के 7020 किसानों ने क्षतिग्रस्त फसलों के मुआवजे के लिये आवेदन किया है। इसके सापेक्ष 2681 आवेदनों का सर्वेक्षण का कार्य पूरा कर लिया गया है जबकि 4339 आवेदनों का सर्वेक्षण किया जा रहा है।
प्रदेश में हमीरपुर के सबसे ज्यादा 1256 किसानों ने फसल नुकसानी के मुआवज़े के लिए आवेदन किया है। जालौन के 997, मिर्जापुर के 969, ललितपुर के 812, झाँसी के 650 और बांदा के 580 किसानों ने फसलों के मुआवजे के लिये आवेदन किया है। जबकि आधा दर्जन जिलों के 100 से अधिक किसानों ने मुआवजे के लिये आवेदन किया है। बता दें कि खराब मौसम को देखते हुए क्षतिग्रस्त फसलों के मुआवजे के आवेदनों में अभी और इजाफा हो सकता है।
33 फीसदी से अधिक फसल खराब होने पर दिया जाता है मुआवजा
सरकार खराब मौसम, बारिश ओला वृष्टि से हुए फसलों के नुकसान पर किसानों को मुआवजा देगी। किसानों को यह मुआवजा सर्वे पूरा होने के बाद बीमा कंपनियों एवं राजस्व विभाग की ओर से दिया जाएगा। मालूम हो कि बाढ़, ओला वृष्टि और बेमौसम बारिश से 33 फीसदी से अधिक क्षतिग्रस्त फसलों से प्रभावित किसानों को ही मुआवजा दिया जाता है।
योगी सरकार ओला वृष्टि व बारिश के कारण सरसों, मटर, मसूर, गेहूं चना आदि फसलों के नुक़सान का लगातार सर्वे करा रही है। 19 से 28 फरवरी तक के बीच 6 जनपदों के लगभग 150 से अधिक गावों में 33 फीसदी से अधिक फसलों की क्षति का आँकलन किया गया है। इसमें बाँदा जनपद के पैलानी तहसील के 13 गावों में 45 फीसदी से अधिक व बबेरू तहसील के तीन गावों में काफी अधिक क्षति की जानकारी प्राप्त हुई है।