गेहूं नई उन्नत किस्में
देश में सबसे अधिक गेहूं का उत्पादन उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और बिहार राज्य में होता है। ऐसे में गेहूं का उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाकर किसानों की आमदनी बढ़ाई जा सके इसके लिए कृषि विश्वविद्यालयों के द्वारा गेहूं की नई-नई किस्में विकसित की गई हैं। गेहूं यह किस्में कम लागत में अच्छी पैदावार देती हैं, साथ ही कुछ कीट-रोगों के लिए प्रति रोधी भी होती है।
किसान अधिक पैदावार प्राप्त करने के लिए गेहूं की खेती हेतु अपने क्षेत्र के लिए अनुशंसित किस्मों का ही चयन करें। गेहूं की खेती की सफलता एवं उससे प्राप्त लाभ विशेष रूप से उन्नत प्रजातिओं के चयन पर ही आधारित रहता है। देश के अलग-अलग क्षेत्रों में गेहूं की बुआई का उपयुक्त समय-अलग रहता है। किसान बुआई के समय अनुसार भी किस्म का चयन कर सकते हैं। गेहूं की कुछ नई विकसित किस्में इस प्रकार है:-
समय से बुआई के लिए गेहूं की नई किस्में
गेहूं की इन किस्मों के लिये बुआई का उपयुक्त समय 10 नवम्बर से 25 नवम्बर तक होता है। इस समय के लिए गेहूं की उन्नत किस्में HD 3411, HD 3407, PBW 371, पूसा जागृति HI 1653, पूसा अदिति HI 1654, पूसा हर्ष HI 1655, करण श्रिया या DBW 252 औसत उत्पादन (55 क्विंटल/हेक्टेयर), DDW-47 HD-2967, HD-3117 (सरंक्षण कृषि के लिए) HD 3043, HD 2894, HD 22851, HD2687, HD 2329, HD 2733, HD 2824, HD 2894, HD 4713, DBW 17, DBW 39, CBW 38, PBW 502 हैं। इन क़िस्मों की औसत उत्पादन क्षमता 50-55 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।
देरी से बुआई के लिए गेहूं उपयुक्त किस्में
गेहूं की इन किस्मों के लिये बुआई का उपयुक्त समय 25 नवम्बर से 25 दिसंबर तक होता है। इस समय के लिए गेहूं की उन्नत किस्में HD 3271, HI 1621, JKW 261, PBW 771, PBW 752, PBW 757, DBW 173, DBW 90, DBW 71, DBW 316, PBW 833, HD 3117, HD 3059, HD 3118, HD 2985, HD 2864, HD 2932, WR 544, DBW 173, PBW 590, HUW 234, HUW 468 हैं। इन किस्मों की औसत उपज क्षमता 40-45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।
असिंचित अवस्था के लिए गेहूं की उन्नत किस्में
ऐसे क्षेत्र जहां वर्षा आधारित खेती होती है, या सिंचाई की व्यवस्था नहीं है वहाँ के लिए गेहूं की उन्नत किस्में HD 3369, HD 3293, HD 3237, HD 2733, HD 3043, HI 1653, HI 1612, HI 1620, HI 1531, HDI 1654, DBW 296, DBW 252, HUW 838, HUW 468, HW 2004, NIAW 3170, WH 1142, WH 1080, WH 533, PBW 396, PBW 376, राज 4120, MACS 4145 हैं। इन क़िस्मों की औसत उपज क्षमता 25-40 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।
लवणीय एवं क्षारीय मिट्टी के लिए गेहूं की उन्नत किस्में
गेहूं की लवणीय एवं क्षारीय मिट्टी के लिए उन्नत किस्में KRL 19, KRL 213, KRL 210, HKRL 1-4, S 240, HS 420, K 8434, NW 1067, W 1142 है। इन किस्मों की औसत उपज क्षमता 30-45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।
क्या है गेहूं की बुआई का उचित समय
भारत के उत्तर पश्चिमी मैदानी क्षेत्रों में सिंचित दशा में गेहूं की बुआई का उपयुक्त समय नवम्बर का प्रथम पखवाड़ा है तथा उत्तरी-पूर्वी भागों में मध्य नवंबर तक गेहूं की बुआई हर हाल में कर लेनी चाहिए। देर से बोने पर उत्तरी-पश्चिमी मैदानी क्षेत्रों में 25 दिसंबर के बाद गेहूं की बुआई करने से उपज में भारी नुक़सान होता है। इसी प्रकार बारानी क्षेत्रों में अक्टूबर के अंतिम सप्ताह तक बुआई करना उचित रहता है। यदि मिट्टी की ऊपरी सतह में संरक्षित नमी प्रचुर मात्रा में हो तो गेहूं की बुआई 15 नवम्बर तक कर सकते हैं।