सोयाबीन बुआई के लिए मुख्य बातें
खरीफ मौसम में सोयाबीन की खेती तेलहन के रूप में प्रमुखता से की जाती है | कई बार सोयाबीन में कीट रोगों के प्रकोप से फसल को काफी नुकसान होता है ऐसे में किसानों को वैज्ञानिक तरीके से खेती कर इस नुकसान को कम करने की आवश्यकता है | किसानों को सोयाबीन की फसल से अधिक उत्पदान प्राप्त करने के लिए उन्नत प्रमाणित बीज का चयन करना चाहिए, साथ ही सही मात्रा में ही उर्वरक आदि का प्रयोग करना चाहिए | किसान सोयाबीन की बुआई के समय क्या करें किसान समाधान इसकी जानकारी लेकर आया है |
सोयाबीन के बीजों का चयन कैसे करें ?
किसी भी फसल में बीज सबसे महत्वपूर्ण पहलु है, बीज के ऊपर ही फसल की पैदावार निर्भर करती है | ऐसे में किसानों को बीज रोग प्रतिरोध के साथ सूखे में सहनशील और उच्च पैदावार वाली किस्मों का चयन करना चाहिए |
सोयाबीन की उन्नत किस्मों की जानकारी यहाँ देखें
- सोयाबीन की ऐसी किस्मों का पता लगाना जो जैविक (खरपतवार, कीट–पतंगे और रोग) और अजैविक (सुखा, गर्मी) प्रतिरोधी हों |
- 2 से अधिक किस्मों के पौधें लगाएं
- बरसात के शुरू होने से पहले अंकुरण के लिए बीज का परीक्षण करें |
- 3 से अधिक मौसमों के लिए बीज का दोबारा प्रयोग न करें |
- ट्राईकोडर्मा विराइड 5 ग्राम/ किलोग्राम बीज की पोटेंट कल्चर के साथ, ब्रैडी राइजोबियम जैपोनिकम और पीएसबी / पीएसएम, दोनों को 5 ग्राम / किलोग्राम बीज पर बीज पर इनोकुलेट किया गया |
अंकुरण परिक्षण
किसानों को सोयाबीन बीज की बुआई से पूर्व ही पहले अंकुरण परिक्षण का न्यनतम 70 प्रतिशत से अधिक है या नहीं इसकी जांच कर लेनी चाहिए | परिस्खन के लिए 1 X 1 वर्गमीटर की क्यारी बनाकर कतारों में 45 से.मी. की दुरी पर 100 बीज बोना चाहिए, उसके पश्चात् उनकी गिनती कर लेनी चाहिए | यदि 100 में से 70 से अधिक पौधे अंकुरित हो तो बीज अच्छे हैं | अंकुरण क्षमता का परिक्षण थाली में गीला अखबार रखकर अथवा हीले थैले पर बीज उगाकर भी किया जा सकता है |
सोयाबीन में उर्वरकों का उपयोग
पौधे के विकास के साथ-साथ फुल और फल लगने के लिए उर्वरक का सही प्रयोग जरुरी है |
- पोषक तत्वों के आवश्यक स्तर को सही स्रोतों के माध्यम से सही समय और सही जगह पर उपयोग करें |
- जैविक खाद और पुरानी/ अच्छी तरह से कम्पोस्ट खाद का प्रयोग करें |
- खड़ी फसल में किसी तरह की कोई भी नाईट्रोजन युक्त उर्वरक न डालें
- उर्वरकों को सूखी, साफ़ और ऊपर से ढकी हुई जगह (शेल्टर) पर रखें |
रोपण कि विधि तथा बीज की मात्रा
बुवाई सिडड्रिल से करना चाहिए जो 3 से 6 पंक्तियों में सही रहता है | इसके अलावा बीज की उचित मात्रा जानना जरुरी है |
- सूखे या अधिक बारिश के प्रतिकूल प्रभाव से बचने के लिए सोयाबीन की प्रत्येक 3 / 6 / 9 पंक्तियों क बाद ब्रांड bed फरों (बीबीएफ) या रिज फरो (एफआईआरबीएस) या ओपन फरो से सोयाबीन लगाएं
- बीज सूचकांक और अंकुरण क्षमता के आधार पर आवश्यक बीज दर लगाएं
- रोपण ज्योमेट्री को बनाए रखें
- देर से बुवाई में 1.25 गुना बीज मात्रा का प्रयोग करें |