कमर्शियल खेती से मुनाफा
किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार व्यावसायिक फसलों की खेती को बढ़ावा दे रही है। अधिक से अधिक किसानों को इन फसलों की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा सके इसके लिए सरकार द्वारा भारी अनुदान भी दिया जाता है। इस कड़ी में बिहार कृषि विभाग के प्रमुख सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने गुरुवार के दिन चार ज़िलों का भ्रमण किया। जहां उन्होंने नरपतगंज के मशरूम उत्पादक व अररिया प्रखंड के स्ट्रॉबेरी उगाने वाले किसानों के खेतों का भ्रमण किया और किसानों का हौसला बढ़ाया।
कृषि विभाग के सचिव ने अररिया प्रखंड के हड़ियाबारा पंचायत के स्ट्राबेरी उत्पादन करने वाले किसान से बातचीत की। उन्होंने इस अवसर पर जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार कमर्शियल खेती करने वाले किसानों को काफी प्रोत्साहित कर रही है।
सरकार कमर्शियल खेती के लिए दे रही है अनुदान
कृषि सचिव ने बताया कि किसान परंपरागत खेती के बदले मशरूम, स्ट्रॉबेरी, स्वीट कॉर्न, अनार, चायपत्ती आदि की खेती कर अधिक से अधिक मुनाफा कमाए। उन्होंने बताया कि ऐसे कॉमार्शियल खेती कर किसान अधिक मुनाफ़ा भी कमा सकते हैं और अपनी आर्थिक स्थिति में भी सुधार ला सकते हैं। इसके लिए राज्य सरकार किसानों को अनुदान राशि देती है ताकि किसान कमर्शियल खेती कर लाभान्वित हो सके।
अररिया प्रखंड के हड़िया पंचायत स्थित एनएच 57 से पश्चिम में स्ट्रॉबेरी की खेती करने वाले किसान अब्दुल रहमान ने बताया कि वे पिछले वर्ष स्ट्रॉबेरी की खेती से 2.5 लाख रुपये पूँजी लगाकर 4 लाख रुपये का मुनाफा कमा चुके हैं। उन्होंने बताया कि इस वर्ष भी ढाई लाख रुपये पूँजी लगाकर दो बीघा ज़मीन में स्ट्रॉबेरी की खेती की है।
किसान करें इन फसलों की खेती
नरपतगंज क्षेत्र के खैर में युवा किसान प्रिंस द्वारा की जा रही मशरूम फार्मिंग का गुरुवार को बिहार के कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने मुआयना किया। इस दौरान उन्होंने युवा किसान को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि अगर बिहार में पढ़े लिखे किसान टेक्निकल खेती के प्रति जागरूकता के साथ कदम बढ़ाये तो कैश क्रॉप के रूप में मशरूम, स्ट्रॉबेरी, राजमा, शिमला मिर्च, सब्जी आदि की खेती कर अपनी आमदनी दोगुनी कर सकते हैं। सरकार वैसे किसानों को बड़े पैमाने पर प्रशिक्षण देने की व्यवस्था कर रही है। जिसके तहत किसान प्रशिक्षण प्राप्त कर नई-नई पद्धति से कम लागत में अधिक उपज प्राप्त कर अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।
किसान करें लिक्विड फर्टिलाइजर का स्प्रे
इस दौरान कृषि सचिव ने आस पास के खेतों में लगाई गई मक्का, सरसों आदि फसलों का भी जायजा लिया तथा लिक्विड फर्टिलाइजर्स के उपयोग में लाए जाने पर बल देते हुए कहा कि लिक्विड फर्टिलाइजर्स के स्प्रे के माध्यम से इस्तेमाल में किसानों को थोड़ी कठिनाई का तो सामना करना पड़ता है, पर ज़मीन को बंजर होने से इस पद्धति से बचाया जा सकता है। दूसरी और मवेशियों के गोबर से जैविक खाद तैयार कर मिट्टी की उर्वरक शक्ति को बढ़ा सकते हैं।
इन दिनों किसान फसलों को लगाने में काफ़ी तीव्र गति का इस्तेमाल करते हैं। जिसको लेकर खेतों में कीट पतंगों के साथ खरपतवार की समस्या बढ़ती दिख रही है। जिन खेतों में सही से जुताई होती हैं उनमें फसलें स्वस्थ्य और खरपतवार विहीन होती हैं।