प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना रबी पंजीकरण 2023-24
देश में प्राकृतिक आपदाओं जैसे सूखा, बाढ़, जल भराव, कीट-व्याधि, भूस्खलन, बिजली गिरने से प्राकृतिक आग, तूफान, ओला वृष्टि और चक्रवात आदि करणों के चलते फसलों को होने वाले नुकसान की भरपाई सरकार द्वारा किसानों “प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना” के तहत की जाती है। योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को अधिसूचित फसलों का बीमा कराना होता है। अभी रबी सीजन की फसलों के साथ ही मौसम आधारित उद्यानिकी फसलों का बीमा किया जा रहा है। योजना का लाभ लेने के लिए किसान अपना पंजीकरण कराकर योजना का लाभ ले सकते हैं।
फसल बीमा योजना के अंतर्गत बैंक से फसलों के लिए लोन लेने वाले ऋणी किसान एवं ऐसे किसान जिन्होंने फसल उत्पादन के लिए किसान क्रेडिट कार्ड पर लोन नहीं लिया है यानि की अऋणी किसान के साथ ही बटाईदार किसान योजना के अंतर्गत अपनी फसलों का बीमा करा सकते हैं।
किसान कब तक करा सकते हैं फसलों का बीमा
मध्यप्रदेश, राजस्थान सहित अनेक राज्यों में फसलों के बीमा के लिए अंतिम तिथि 31 दिसंबर तक है, इन राज्यों के किसान उनके क्षेत्र में अधिसूचित फसलों का बीमा करा सकते हैं। वहीं छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना के अंतर्गत रबी वर्ष 2023-24 हेतु फसलों का बीमा कराने के लिए अंतिम तिथि 31 दिसम्बर 2023 को आगे बढ़ाकर 01 जनवरी 2024 कर दिया है।
ऋणी किसान कहाँ से करा सकते हैं फसल बीमा
ऐसे किसान जिन्होंने ने किसान क्रेडिट कार्ड पर फ़सली ऋण लिया है, उन किसानों का बीमा संबंधित बैंक से ही स्वतः हो जाएगा। परन्तु यदि किसान क्रेडिट कार्ड में अंकित फसल से अन्य फसल की बुवाई की है, तो वे बैंक को बोई गई फसल की जानकारी दे सकते हैं, ताकि उन्हें फसल खराब होने की स्थिति में बोई गई फसल का बीमा कवरेज का लाभ उपलब्ध हो सके।
यहाँ यह भी साफ कर दें कि एक ही अधिसूचित गाँव एवं अधिसूचित फसल के लिए अलग-अलग बैंक से कृषि ऋण स्वीकृत होने की स्थिति में किसानों को एक ही स्थान से बीमा कराना होगा। इसकी सूचना किसानों को संबंधित बैंकों को 31 दिसम्बर से पहले ही देनी होगी। ऋणी एवं अऋणी किसानों के द्वारा समान रकबा, खसरा का दोहरा बीमा कराने की स्थिति में किसान के समस्त दस्तावेज को निरस्त करने का अधिकार बीमा कंपनी के पास रहता है। इससे किसान फसल बीमा योजना से वंचित रह सकते हैं।
अऋणी किसान कैसे करायें फसलों का बीमा
ऐसे किसान जो किसान क्रेडिट कार्ड धारी नहीं हैं या उन्होंने किसी फसल के लिए लोन नहीं लिया है वे भी इस योजना से जुड़ना चाहते हैं तो वे बैंक, सीएससी, अथवा फसल बीमा पोर्टल के माध्यम से बीमा ले सकते हैं। योजना से जुड़ने हेतु भू-स्वामित्व के साक्ष्य, जमीन कब्जे में होने का प्रमाण पत्र, बैंक खाता सम्बन्धी साक्ष्य, आधार कार्ड की प्रति ऑनलाइन जमा करवाने होंगे साथ ही एक स्व-प्रमाणित घोषणा पत्र जिसमें प्रत्येक खसरा संख्या का कुल क्षेत्र, प्रस्तावित फसल का बुवाई क्षेत्र, मालिक का नाम एवं बीमा हित का प्रकार अंकित कर प्रस्तुत करना होगा।
बटाईदार किसान भी चाहे तो फसल बीमा योजना से जुड़ सकते हैं। बटाईदार कृषक को सम्बन्धित खातेदार से लिखित में यह शपथ पत्र प्राप्त कर प्रस्तुत करना होगा कि उस खातेदार के द्वारा जमीन बंटाई पर दी गई है, उसे स्वयं के बैंक खाते की प्रति उपलब्ध करवानी आवश्यक होगी, साथ ही उसे उस राज्य का मूल निवासी होने का प्रमाण पत्र, जिस कृषक से जमीन बटाई पर ली है उसका आधार कार्ड भी प्रस्तुत करना होगा।
किसान कहाँ से करा सकते हैं फसलों का बीमा
जिन किसानों ने फसल के लिए बैंक से लोन लिया है उन किसानों का फसल बीमा स्वतः ही हो जाएगा। परन्तु किसान ने यदि बोई गई फसल में परिवर्तन किया है तो इसके लिए किसान को बैंक में सूचना देनी होगी। इसके अतिरिक्त जो किसान स्वेच्छा से योजना में सम्मिलित होना चाहते हैं वे किसान आवश्यक दस्तावेज़ों के साथ नजदीकी बैंक शाखा/ कोऑपरेटिव सोसायटी/ लोक सेवा केंद्र CSC/ पोस्ट ऑफिस/फसल बीमा एप/ फसल बीमा पोर्टल( pmfby.gov.in )आदि स्थानों से अपनी फसलों का बीमा करा सकते हैं। बता दें कि रबी फसलों के बीमा के लिए किसानों को 1.5 प्रतिशत प्रीमियम राशि देनी होती है।
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