कृत्रिम गर्भाधान हेतु मैत्री केंद्र खोलने के लिए आवेदन
देश में पशुपालकों की आय बढ़ाने के लिए नई तकनीकों के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है, इसमें पशुओं का कृत्रिम गर्भाधान भी शामिल है। कृत्रिम गर्भाधान से न केवल पशुपालकों को सुविधा मिलेगी बल्कि नस्ल सुधार से दूध उत्पादन भी बढ़ेगा। इसको देखते हुए सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में मैत्री केंद्र की स्थापना कर रही है जहां किसान आसानी से अपने पशुओं का कृत्रिम गर्भाधान कर सकेंगे।
ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगारों के सृजन एवं पशुपालकों को सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से बिहार सरकार राज्य में राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत स्वावलंबी 4104 मैत्री केंद्रों की स्थापना करने जा रही है। योजना का क्रियान्वयन राज्य के 501 प्रखंड की 3811 पंचायतों में किया जाएगा। इच्छुक व्यक्ति योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
क्या है मैत्री केंद्र स्थापना का उद्देश्य
राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत राज्य में कृत्रिम गर्भधान का आच्छादन बढ़ाने के लिए चलत स्वावलम्बी कृत्रिम गर्भधान केन्द्रों (मैत्री) Multipurpose Artificial Insemination Technician in rural India (MAITRI) के गठन हेतु सुयोग्य अभ्यर्थियों का चयन किया जा रहा है। योजना का मुख्य उद्देश्य प्रशिक्षित चलंत कृत्रिम गर्भाधानकर्ता के द्वारा पशुपालकों के घर जाकर कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा उपलब्ध कराना है। योजना के तहत पशुपालकों को गुणवत्ता पूर्ण सिमेन उपलब्ध कराकर पशुओं का नस्ल सुधार एवं संवर्धन करना है।
योजना तहत पंचायत स्तर पर बेरोजगार युवाओं का चयन किया जाएगा। चयन के बाद लाभार्थी व्यक्ति को 3 महीने का निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिसमें एक महीने का आवासीय प्रशिक्षण एवं दो महीने का क्षेत्र प्रशिक्षण शामिल है।
मैत्री केंद्र के लिए यह व्यक्ति होंगे पात्र
योजना के तहत पंचायतवार बेरोजगार युवाओं का चयन किया जाएगा। सरकार ने इसके लिए निम्न पात्रता निर्धारित की है:
- संबंधित पंचायत का निवासी होना चाहिए (कृत्रिम गर्भाधान करता का चयन पंचायत स्तर पर किया जाएगा)
- न्यूनतम उम्र – 18 वर्ष,
- शैक्षणिक योग्यता – मैट्रिक / समतुल्य।
इन व्यक्तियों को दी जाएगी प्राथमिकता
- सरकार के स्तर से चलाए जाने वाले पशु टीकाकरण एवं डीवर्मिंग कार्यक्रम मे कार्यानुभव रखने वाले व्यक्ति (टीकाकर्मी को प्राथमिकता देने हेतु जिला पशुपालन कार्यालय से अनुभव प्रमाण–पत्र निर्गत किया जायेगा)।
- प्रशिक्षित निजी कृत्रिम गर्भाधान कर्ता (प्रशिक्षण प्रमाण–पत्र संलग्न करना होगा)।
- कोविड-19 के कारण बेरोजगार हुए व्यक्ति (जिला स्तर पर तैयार की गयी संबंधित सूचि का ब्यौरा अंकित करना होगा)।
- सरकार की योजना द्वारा पशु प्रक्षेत्र मे प्रशिक्षित व्यक्ति (RPL/NRLM इत्यादि) (प्रशिक्षण प्रमाण–पत्र संलग्न करना होगा)।
कहाँ की जाएगी मैत्री केंद्र की स्थापना
- कृत्रिम गर्भधान केन्द्रों का गठन चयनित पंचायत मे किया जाएगा।
- चलंत स्वावलम्बी कृत्रिम गर्भाधान केन्द्रों (MAITRI) के कर्मी प्राईवेट/निजी व्यक्ति होंगे, उनका प्रखंडवार चयन मात्र कृत्रिम गर्भधान के प्रशिक्षण के लिए किया जाएगा तथा इस आधार पर उन्हें राज्य सरकार अथवा बी.एल.डी.ए. के द्वारा भविष्य मे नियमित रोजगार देने की सरकार की कोई योजना नहीं है।
- MAITRI के कर्मी / कृत्रिम गर्भधान कर्ता पशुओं का कृत्रिम गर्भाधान कर एवं स्वयं आय प्राप्त करेंगे।
- कृत्रिम गर्भाधान करता से प्रशिक्षण से पहले जमानत राशि के रूप मे 10,000/- (दस हजार) रुपए लिए जाएँगे।
- प्रशिक्षण के उपरान्त उन्हें लगभग रूपये 50,000/- (पचास हजार) मूल्य की सामग्री दी जायेगी तथा विभाग के द्वारा कृत्रिम गर्भाधान में उपयोग होने वाले तरल नाईट्रोजन, फोजेन सिमेन स्ट्रॉ इत्यादी उचित मूल्य पर मुहैया कराई जायेगी, जिसका उपयोग पशुओं के कृत्रिम गर्भाधान के लिए किया जायेगा।
- MAITRI कर्मी/ कृत्रिम गर्भधान करता पशुओं के कृत्रिम गर्भाधान हेतु विभाग के स्तर से निर्धारित राशि संबंधित पशुपालक से प्राप्त करेंगे एवं स्वयं की आय का सृजन करेंगे।
- कृत्रिम गर्भधान केन्द्र की सामग्री देने के पूर्व एक हजार रुपए के non-judicial stamp paper पर त्रिपक्षीय एकरारनामा किया जायेगा।
मैत्री केंद्र के लिए आवेदन कहाँ करें?
MAITRI कर्मी/कृत्रिम गर्भाधानकर्ता के लिए इच्छुक अभ्यर्थियों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन प्रक्रिया अभी चल रही है इच्छुक व्यक्ति 19 दिसंबर तक ऑनलाइन आवेदन कर योजना का लाभ ले सकते हैं। इच्छुक व्यक्ति यह आवेदन पशुपालन निदेशालय की वेबसाइट www.ahd.bih.nic.in पर कर सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन करने वाले अभ्यार्थियों में से विभाग द्वारा निर्धारित योग्यता के आधार पर अंतिम चयन किया जाएगा।