गाय के गोबर से बने दिये से बनाई जाएगी दिवाली
सरकारें किसानों की आय बढ़ाने के लिए नई-नई योजनाएं चला रही है इन योजनाओं का लाभ किसानों को मिल सके इसके लिए भी सरकार प्रयासरत है | अभी छत्तीसगढ़ सरकर द्वारा नई पहल शुरू की गई है “नरवा,गरवा,घुरवा,बाड़ी“ | इस योजना के तहत सभी जिलों के विभन्न स्थानों पर पशुओं के लिए गोठानों का निर्माण किया गया है | सुराजी योजना के तहत संचालित “नरवा,गरवा,घुरवा,बाड़ी“ गोठानों में एकत्रित पशुओं से मिलने वाले गोबर का विविध उपयोग शुरू किया गया है। इसका एक उपयोग गोबर से बने दीपक भी है | आदर्श गौठान में उपलब्ध गोबरो से स्थानीय शीतला स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा दीयों का निर्माण किया जा रहा है और सबसे बड़ी बात तो यह है कि ये दीये पर्यावरण के दृष्टि से भी ‘इकोफ्रेंडली‘ है और इनसे किसी भी प्रकार का प्रदुषण नहीं होता।
गोठानों में अनेक स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा गोबर से दीये बनाये जा रहे हैं । इन दीयों को बेचने के लिए विभिन्न स्थानों पर व्यवस्था की गई है। रायपुर शहर में तेलीबांधा तालाब (मरीन ड्राईव), कलेक्टोरेट, नालन्दा परिसर, मेग्नेटो माल, सिटी सेंटर मॉल, अम्बुजा मॉल, शिल्प सरोवर और रेल्वे स्टेशन में गोबर के बने दीए विक्रय के लिए उपलब्ध है।
गोबर के दिए खरीदने के लिए मुख्यमंत्री ने की अपील
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने गत दिवस स्वयं राजधानी रायपुर के तेलीबांधा तालाब पहुंच कर दीपावली के लिए मिट्टी और गौठानों के गोबर से बने दीये खरीदे थे। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से दीपावली सहित अन्य त्यौहारों के समय में छत्तीसगढ़ के कुम्हारों, हस्तशिल्पियों, बुनकरों एवं अन्य कारीगरों द्वारा बनाये गए दीये, वस्त्र, सजावट की वस्तुएं, उपहार एवं अन्य सामग्री की अधिकाधिक खरीदी करने की अपील की है। छत्तीसगढ़ के कुम्हारों, हस्तशिल्पियों, स्व सहायता समूह की महिलाओं एवं अन्य कारीगरों द्वारा बनाये गए दीये, सजावट की वस्तुएं, उपहार, छत्तीसगढ़ी व्यंजन सहित अन्य सामग्रियां प्रदर्शन और विक्रय के लिए रखी गयी हैं। आम लोग यह खरीद सकते हैं |