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शुक्रवार, अप्रैल 26, 2024
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50 प्रतिशत की सब्सिडी पर करें सहजन (मोरिंगा) की खेती

सहजन (मोरिंगा) की खेती पर अनुदान

सहजन को मोरिंगा या ड्रमस्टिक के नाम से भी जाना जाता है |सहजन एक औषधीय तथा सब्जी में उपयोग होने वाला पौधा है | बहुत से स्थानों पर इसकी खेती सब्जी के लिए की जाती है, लेकिन समय के साथ सहजन की उपयोगिता में भी बदलाव   आया है | अब सहजन की खेती दवा बनाने वाली कंपनियां करने लगी है | यह कंपनियां सहजन के साथ पत्ती को भी खरीद रही है | इसका सीधा लाभ सहजन कि खेती करने वाले किसानों को होने वाला है | सबसे बड़ा लाभ यह है कि अगर पौधा फल नहीं दे रहा है तो भी उसके पौधे से पैसा कमाया जा सकता है |

सहजन की खेती को बढ़ावा देने के लिए बिहार राज्य सरकार ने किसानों को 50 प्रतिशत की सब्सिडी देने जा रही है | यह सब्सिडी सीधे किसानों के बैंक खातों में दी जाएगी | सहजन की खेती पर दिए जा रहे अनुदान कि पूरी जानकारी किसान समाधान लेकर आया है | जो बिहार के किसानों को जानना जरुरी है |

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Drumstick सहजन की खेती पर सब्सिडी किन किसानों को दी जाएगी ?

यह योजना बिहार राज्य के कुल 17 जिलों में लागु किया गया है | इसका मतलब यह हुआ कि बिहार के 38 जिलों में से 17 जिलों के किसान ही इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं |

इन जिलों के किसान ले सकेंगे लाभ

गया, औरंगाबाद, नालन्दा, पटना, रोहतास, कैमुर, भागलपुर, नवादा, भोजपुर, जमुई, बांका, मुंगेर, लखीसराय, बक्सर, जहानाबाद, अरवल एवं शेखपुरा जिला को शामिल किया गया है |

सहजन (मोरिंगा) की खेती पर कितनी सब्सिडी है

इस योजना के तहत 50 प्रतिशत की सब्सिडी दी जा रही है | सहजन का क्षेत्र विस्तार कार्यक्रम का प्रति हेक्टेयर इकाई लागत 74,000 रूपये है, जिसका 50 प्रतिशत 37,000 रूपये प्रति हेक्टेयर दो किश्तों में 75:25 के अनुपात में सहायतानुदान देने का प्रावधान दिया गया है | इस प्रकार प्रथम वर्ष 27,750 रूपये यानि कुल सब्सिडी का 75 प्रतिशत एवं दिवतीय वर्ष 9,250 रूपये यानि कुल अनुदान का 25 प्रतिशत दिया जायेगा |

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यहाँ पर यह जानना जरुरी है कि अनुदान कि दूसरी क़िस्त यानि 25 प्रतिशत दुसरे वर्ष 90 प्रतिशत पौधा जीवित रहने पर ही दी जाएगी |

सहजन की यह उन्नत किस्मों का करें चयन 

बिहार में सहजन कि कोई उन्नत किस्म नहीं है जिसके कारण अच्छा उत्पादन नहीं देती है लेकिन दक्षिण भारत में पी.के.एम.- पी.के.एम. -2, कोयंबटूर – 1, और कोयंबटूर – 2, विकसित किये गए हैं तथा इसकी खेती की जाती है | किसान भाई इन किस्मों में से किसी भी किस्म का चुनाव कर खेती कर सकते हैं |

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