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मछली पालन के लिए सरकार किसानों को दे रही है 60 प्रतिशत तक का अनुदान, किसान यहाँ करें आवेदन

मछली पालन के लिए अनुदान

सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सरकार मछली पालन को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए सरकार द्वारा कई योजनाएँ भी चलाई जा रही हैं जिनके अंतर्गत मछली पालन के लिए अनुदान दिया जाता है। इस कड़ी में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य में सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत इच्छुक व्यक्तियों से आवेदन माँगे गए हैं।

छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव प्रभारी सहायक संचालक मत्स्य, बीना गढ़पाले ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में विभिन्न योजनाओं से हितग्राहियों को लाभान्वित किया जाएगा। जिसके लिए निर्धारित आवेदन पत्र आमंत्रित किए गए हैं। इच्छुक किसान योजना का लाभ लेने के लिए अपने जिले के सहायक संचालक मछली पालन विभाग कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं।

मछली पालन के लिए इन घटकों पर दिया जाएगा अनुदान

सहायक संचालक ने जानकारी देते हुए बताया कि विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत नए मीठे पानी की फिश हैचरी की स्थापना, नवीन पालन तालाब नर्सरी व बीज पालन का निर्माण, नवीन ग्रो आउट तालाबों का निर्माण (स्वयं की भूमि में नवीन तालाब निर्माण), मीठे पानी में जल कृषि के लिए निवेश इनपुटस जिनमें कम्पोजिट मछली कल्चर, स्कैम्पी, पंगेसियस, तिलापिया आदि शामिल है साथ ही ताजा जल में बैक्यार्ड सजावटी मछली पालन इकाई, मध्यम स्केल सजावटी मछली पालन इकाई (मीठे जल की मछली) पर अनुदान दिया जा रहा है।

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इसके अलावा एकीकृत सजावटी मछली इकाई (ताजा जल की मछली के लिए प्रजनन और पालन), बड़े आरएएस की स्थापना न्यूनतम 90 मीटर क्यूबिक, टेंड क्षमता और मछली उत्पादन 40 टन, फसल के 8 टेंकों के साथ एवं बायोफ्लोक कल्चर सिस्टम (4 मीटर व्यास और 1.50 मीटर ऊंचाई के 50 टेंक, छोटे आरएएस की स्थापना 100 मीटर क्षमता के 1 टेंकों के साथ बायोफ्लोक कल्चर सिस्टम (4 मीटर व्यास और 1.5 मीटर ऊंचाई के 7 टेंक), जलाशयों में पिंजरों (कलचर) की स्थापना, सजीव मछली वेंडिग केन्द्र, जलाशयों में फिंगरलिंग का संग्रहण, बायोफ्लॉक का निर्माण, मछली पकड़ने के प्रतिबंध या लीन अवधि के दौरान मत्स्य संसाधनों के संरक्षण के लिए सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़े सक्रिय पारंपरिक मछुआरों के परिवारों के लिए आजीविका और पोषण संबंधी सहायता दी जाएगी। 

मछली पालन के लिए कितना अनुदान दिया जाएगा?

विभिन्न योजनाओं के तहत लाभार्थी व्यक्तियों को अनुदान दिया जाएगा। इसमें सामान्य वर्ग के हितग्राही को 40 प्रतिशत एवं अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिला वर्ग के हितग्राही को 60 प्रतिशत राशि स्थापित या निर्मित इकाई की लागत के मूल्यांकन या वास्तविक मूल्य अथवा इकाई लागत की अनुदान सीमा जो कम हो उसके आधार पर अंशदान पर देय होगा।  प्राप्त आवेदन पत्रों पर कार्रवाई “पहले आओ पहले पाओ” पर आधारित होगी। योजना से जुड़े अन्य विस्तृत जानकारी कार्यालय सहायक संचालक मछली पालन विभाग से प्राप्त की जा सकती है।

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17 टिप्पणी

  1. मुझे मछली पालन करना है और कैसे पालन करना है यह मुझे जिला के जो पदाधिकारी गण है उनसे संपर्क कैसे होगाइस पर मैं टिप्पणी करना चाहता हूं कि आपसे यह रिक्वेस्ट है कि जो जिला के भैया पदाधिकारी हैं इस विभाग में उनसे संपर्क हो सके जो मैं उनसे सलाह ले सकूं

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