अगस्त महीने में पूरे देश में सामान्य से लगभग 36 फ़ीसदी कम बारिश हुई है, जिससे खरीफ फसलों को काफ़ी नुकसान होने की आशंका है। जिसको देखते हुए मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों के लिए राहत भरा फैसला लिया है। मध्य प्रदेश सरकार राज्य में किसानों को सिंचाई के लिए नहरों में पानी देने जा रही है। जिसकी शुरुआत नर्मदापुरम संभाग के तवा डैम से पानी छोड़कर की जाएगी।
तवा डैम से पानी छोड़े जाने से अभी नर्मदापुरम एवं इटारसी तहसील के किसानों को फायदा होगा। मध्य प्रदेश के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है जब किसानों के लिए सरकार ने ऐसे निर्णय लिया है। यह जानकारी मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री श्री कमल पटेल ने 3 सितम्बर को ट्वीट कर दी।
धान एवं सोयाबीन किसानों को मिलेगा लाभ
कृषि मंत्री ने अपने ट्वीट में कहा कि बारिश की कमी के कारण नर्मदापुरम एवं इटारसी तहसील के किसानों के हित में धान की फसलों के लिए 3 सितम्बर के दिन तवा डैम से 700 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, बारिश से नहरों में उपलब्ध पानी को मिलाकर लगभग 1050 क्यूसेक पानी किसान भाईयों को मिलेगा, तवा डैम से 20 किलोमीटर लंबाई के क्षेत्र तक धान की फसलों के लिए अभी पानी छोड़ा गया है।
अन्य डैम से भी छोड़ा जाएगा पानी
वही राज्य के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने सूखे की स्थिति से निपटने के लिए बैठक आयोजित की। जिसमें उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जल उपयोगिता समिति की बैठक जल्द आयोजित की जाए। जहां पानी उपलब्ध है वहां डेम से पानी छोड़ने की व्यवस्था करें। डैमों का परीक्षण कर लें। डैमों में अभी कितना पानी उपलब्ध है, इसकी जानकारी भी लें। जिला प्रशासन को आवश्यक निर्देश दिए जाएं। साथ ही किसानों को सिंचाई के संबंध में एडवाइजरी जारी की जाए।
वहीं इस वर्ष राज्य के कई जिलों में सामान्य से बहुत कम वर्षा हुई है, जिसके कारण अब किसानों और जन प्रतिनिधियों द्वारा प्रभावित क्षेत्रों को सूखाग्रस्त घोषित किए जाने की माँग की जा रही है। किसानों की माँग है की जल्द से जल्द फसलों के सर्वे का काम प्रारंभ किया जाए, और उन्हें उचित मुआवज़ा दिया जाए।