पशु शेड निर्माण एवं गोपालन के लिए अनुदान
देश में पशुपालन ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के सृजन के साथ ही दैनिक आय का अच्छा ज़रिया है, जिसके चलते सरकार पशुपालन के लिए किसानों को भारी अनुदान देती है। इस कड़ी में झारखंड सरकार पशुपालन के लिए किसानों को भारी अनुदान देने जा रही है। झारखंड के कृषि पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री ने 15 दिसंबर के दिन कांके स्थित क्षेत्रीय निदेशक कार्यालय परिसर में मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना के अन्तर्गत पशु पक्षी मेला सह प्रदर्शनी का उद्धाटन करते समय यह बात कही। इस अवसर पर पशुपालन मंत्री ने कार्यक्रम में गाय, बैल और बत्तख का वितरण भी किया गया।
इस अवसर पर पशुपालन मंत्री बादल ने कहा कि लगातार जलवायु परिवर्तन की वजह से राज्य का किसान बीते दो वर्षों से लगातार प्रभावित हो रहा है। खेती-किसानी और बाड़ी पर हमारे राज्य के किसानों की आजीविका निर्भर है। ऐसे में मॉनसून की बेरुखी की वजह से कृषि की पैदावार प्रभावित हुई है। इसलिये किसानों को खेती के साथ साथ बाड़ी पर भी फोकस करने की जरूरत है।
किसानों को पशुपालन क्षेत्र में होना होगा प्रशिक्षित
पशुपालन मंत्री ने कहा कि हमें वैकल्पिक उपाय तलाशने होंगे इसके लिये पशुधन से बेहतर विकल्प और कोई नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि किसानों को अपनी आमदनी बढ़ानी है और अपने सपने को साकार करना है तो आपको पशुओं की देखभाल, उनसे होने वाली आमदनी और उनके पोषण के बारे में पूरी जानकारी लेनी होगी, मतलब साफ है कि आपको उस क्षेत्र में प्रशिक्षित भी होना होगा। अगर एक किसान प्रशिक्षित होता है तो वह किसान अपने गांव और क्षेत्र में 50 किसानों को व्यवहारिक तौर पर शिक्षित कर सकता है। विभाग ने कई स्तर पर प्रयास किये हैं और इसके सकारात्मक नतीजे भी सामने आये हैं। हमने जीर्ण-शीर्ण पशुधन केन्द्रों को पुनर्जीवित करने का काम किया है और आज इसकी शुरुआत हो चुकी है।
पशु शेड एवं गाय पालन के लिए दिया जाएगा अनुदान
कृषि मंत्री बादल ने कहा कि जल्द ही विभाग पशुधन के स्वास्थ्य की देखभाल के लिये मोबाइल वेटनरी एम्बूलेंस सेवा की शुरुआत करने जा रहा है। उस एंबुलेंस में डॉक्टर, कंपाउंडर, दवा, जांच और सर्जरी की व्यवस्था होगी। इस हेतु टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है। इस योजना के तहत हर एम्बूलेंस में तीन विशेषज्ञों की टीम हमेशा मौजूद रहेगी जो पशुपालकों के घर पर जाकर पशुओं का इलाज करेगी। वहीं पशुधन बीमा का प्रस्ताव भी विभाग तैयार करने जा रहा है इसके लिये कई राज्यों के मॉडल का अवलोकन किया जा रहा है।
उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि विभाग की ओर से किसानों को सशक्त बनाने के लिये दूध पर 3 रुपये प्रति किलो की दर से अतिरिक्त सब्सिडी दी जा रही है। इससे कई महिलाओं के खाते में बड़ी रकम दुर्गापूजा के दौरान विभाग के द्वारा भेजी गई है। वहीं सरकार पशु शेड निर्माण और गो पालन हेतु 75 और 90 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध कराने जा रही है। राज्य की जीडीपी में कृषि का योगदान 20 प्रतिशत हो इसके लिये हम प्रयासरत हैं। वीडियो के माध्यम से भी पशुपालन मंत्री ने खूंटी और रामगढ़ में लाभूकों के बीच पशु का वितरण किया। उन्होंने कहा की पशुपालकों को उनकी पसंद के मुताबिक पशु दिए जाएं।
हर साल 9000 पशुपालकों को दिया जाता है प्रशिक्षण
पशुपालन निदेशक आदित्य रंजन ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि विभाग का उद्देश्य ट्रेनिंग की गुणवत्ता में सुधार लाना है। हम हर साल 9000 पशुपालकों को प्रशिक्षित करते हैं और फार्म का यही उद्देश्य है कि राज्य का हर किसान पशुधन के पोषण, रखरखाव और उसका उपयोग आर्थिक समृद्धि के तौर पर कर सकें। उन्होंने कहा कि फार्म में सुधार के कई अप्रत्यक्ष परिणाम सामने आते हैं जो दिखाई नहीं देते लेकिन आपके जीवन को बदलने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है और फॉर्म के जिर्णोद्धार का उद्देश्य भी ये ही है। बीते चार महीने में कई स्तर पर बदलाव हुए हैं।
Haryana me kase iska labh liya jae
Kaise iska labh liya jaiyae
सर अभी बिहार में आवेदन नहीं हो रहे हैं। आप अपने प्रखंड या ज़िले के पशु पालन विभाग में संपर्क करें।