back to top
सोमवार, मई 6, 2024
होमकिसान समाचारफसल अवशेष पराली जलाने पर होता है इतना नुकसान साथ ही लगता...

फसल अवशेष पराली जलाने पर होता है इतना नुकसान साथ ही लगता है इतना जुर्माना

पराली फसल अवशेष जलाने पर होने वाले नुकसान एवं जुर्माना

विगत कुछ वर्षों में किसान मजदूरों की कमी एवं विशेषकर धान एवं गेहूं की कंबाइन हार्वेस्टर से कटाई, मड़ाई होने के कारण अधिकांश क्षेत्रों में कृषकों द्वारा फसल अवशेष जलाएं जा रहें हैं, जिसके कारण वातारवरण प्रदूषित होने के साथ-साथ मिट्टी के पोषक तत्वों की अत्यधिक क्षति पहुँच रही है, सतह ही मिट्टी की भौतिक दशा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है | फसल अवशेष/ नरवाई / पराली आदि जलाने से बढ़ रहे अत्यधिक वायु प्रदुषण एवं जन सामान्य के स्वस्थ्य को होने वाले नुकसान को कम करने के उद्देश्य से राष्ट्रिय हरित अभिकरण के द्वरा फसल अवशेषों को जालान दंडनीय अपराध घोषित कर दिया गया है तथा किसानों को फसल अवशेष जलाते हुए पकडे जाने पर अर्थदंड का प्रावधान किया गया है | जिसके तहत राज्य सरकारें किसानों पर अलग-अलग जुर्माना एवं योजनाओं से किसानों को वंचित करना आदि नियम बनाकर किसानों को रोक रही है |

1 टन धान के फसल अवशेष जलाने पर होने वाला वायु प्रदुषण

एक टन धान के फसल अवशेष जालने से 03 किलोग्राम कणिका तत्व, 60 किलोग्राम कार्बन मोनो ऑक्साइड, 1460 किलोग्राम कार्बन डाई ऑक्साइड, 199 किलोग्राम राख एवं 02 किलोग्राम सल्फर डाई ऑक्साइड अवमुक्त होती है, इन गैसों के कारण सामान्य वायु की गुणवत्ता में कमी आती है जिससे आँखों में जलन एवं त्वचा रोग तथा सूक्ष्म कणों के कारण जीर्ण हर्दय एवं फेफड़ों की बीमारी के रूप में मानव स्वास्थ्य को हानि होती है|

यह भी पढ़ें   75 प्रतिशत तक की सब्सिडी पर कृषि ड्रोन लेने के लिए आवेदन करें

धान के फसल अवशेष जलाने पर होने वाली पोषक तत्वों में क्षति

एक टन धान का फसल अवशेष जलाने से लगभग 5.50 किलोग्राम, नाइट्रोजन, 2.3 किलोग्राम फास्फोरस ऑक्साइड, 25 किलोग्राम पोटेशियम ऑक्साइड, 1.2 किलोग्राम सल्फर, धान के द्वारा शोषित 50 से 70 प्रतिशत सूक्ष्म पोषक तत्व एवं 400 किलोग्राम कार्बन की क्षति होती है, पोषक तत्वों के नष्ट होने से अतिरिक्त मिट्टी के कुछ गुण जैसे: भूमि तापमान, पी.एच. मान उपलब्ध फासफोरस एवं जैविक पदार्थ भी अत्यधिक प्रभावित होते हैं | कृषकों को गेहूं की बुआई की जल्दी होती है तथा खेत की तैयारी में कम समय एवं शीर्घ ही गेहूं की बुआई हो जाए इस उद्देश्य से किसानों द्वारा फसल अवशेष जलाने के दुष्परिणामों को जानते हुए भी फसल अवशेष जला देते हैं, जिसकी रोकथाम करना पर्यावरण के लिए आवशयक है |

फसल अवशेष/ पराली/ नरवाई जलाने पर लगाया जाने वाला आर्थिक दंड

राष्ट्रिय हरित न्यायाधिकरण द्वारा खेती में कृषि अपशिष्टों के जलाये जाने से प्रतिबंधित किया गया है | उक्त के अतिरिक्त यह भी उल्लेखनीय है की कृषि अपशिष्टों के जलाने से प्रतिबंधित किये जाने हेतु राष्ट्रिय हरित अधिकरण द्वारा कृषि अपशिष्ट को जलाने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध कार्यवाही के आदेश दिए गए हैं | जिसके तहत उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा कृषि भूमि का क्षेत्रफल 02 एकड़ से कम होने की दशा में 2500 रुपये का अर्थदंड, क्षेत्रफल 02 एकड़ से अधिक एवं 05 एकड़ से कम होने की दशा में 5,000 रुपये का अर्थदंड, 05 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल होने की दशा में 15,000 रुपये का अर्थदंड लगया जा रहा है |

यह भी पढ़ें   किसान 31 जुलाई तक यहाँ करें जमीन का पंजीयन और पाएँ 100 रुपये सहित लक्की ड्रा में करोड़ों रुपये जीतने का मौका 

कंबाइन हार्वेस्टिंग मशीन के साथ सुपर स्ट्रॉ मेनेजमेंट के बिना प्रयोग प्रतिबंधित कर दिया गया है | फसल अवशेष के जलाये जाने की पुनः पुनरावृत्ति होने की दशा में सम्बंधित किसान को सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली सुविधाओं जैसे अनुदान आदि से बंचित किये जाने की कार्यवाही के निर्देश राष्ट्रिय हरित अभिकरण द्वारा दिए गए गए हैं |

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
यहाँ आपका नाम लिखें

ताजा खबरें

डाउनलोड एप