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गणतंत्र दिवस के दिन कर्तव्य पथ पर दिखाई गई लैवेंडर की खेती और ई-ट्रैक्टर की झांकी

गणतंत्र दिवस: लैवेंडर की खेती और ई-ट्रैक्टर की झांकी

देश में इस वर्ष 26 जनवरी के दिन 75वां गणतंत्र दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस वर्ष ना केवल देशभर से आए किसानों को इसे देखने का मौक़ा मिला तो वहीं कृषि क्षेत्र में शुरू की गई नई योजनाओं की झलक को भी इसमें दिखाया गया। गणतंत्र दिवस के मौके पर वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद CSIR की गणतंत्र दिवस की झांकी ने जम्मू और कश्मीर में लैवेंडर की खेती के माध्यम से शुरू हुई बैंगनी क्रांति की शुरुआत पर प्रकाश डाला।

सीएसआईआर के वैज्ञानिकों के कारण लैवेंडर की खेती में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है और प्रयोगशाला से बाजार तक लैवेंडर उत्पादों का विकास होने के साथ ही जम्मू-कश्मीर में कई कृषि-स्टार्ट-अप्स का निर्माण हुआ है। झांकी में सीएसआईआर द्वारा विकसित भारत के पहले महिला अनुकूल, कॉम्पैक्ट इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर का भी प्रदर्शन किया गया। 

लैवेंडर की खेती को नाम दिया गया बैंगनी क्रांति

वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद की मदद से जम्मू कश्मीर के समशीतोष्ण क्षेत्रों में लैवेंडर की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए वैज्ञानिकों के द्वारा लैवेंडर की नई किस्में विकसित की गई है। लैवेंडर का उत्पादन बढ़ाने के लिए संस्थान की और से किसानों को पौधों की रोपाई से लेकर इसके कटाई तक की सभी तकनीकें किसानों को उपलब्ध कराई जा रही है। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर के कई क्षेत्रों में आवश्यक तेल निकालने के लिए आसवन इकाइयां भी स्थापित की गई हैं। जम्मू-कश्मीर में लैवेंडर की खेती की सफलता ने इसे ‘बैंगनी क्रांति (Purple Revolution)’ नाम दिया।

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झांकी में क्या रहा खास

गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिखाई गई झांकी के सामने वाले हिस्से में लैवेंडर की प्रचुर खेती और जम्मू-कश्मीर की 21वीं सदी की एक सशक्त महिला किसान की मूर्ति को प्रदर्शित किया गया है। मध्य खंड में सीएसआईआर वैज्ञानिकों द्वारा वैज्ञानिक हस्तक्षेप और एक किसान को गुणवत्तापूर्ण रोपण सामग्री प्रदान करने का प्रदर्शन किया गया और लैवेंडर फार्मलैंड पर काम करने वाले किसानों को भी दिखाया गया है।

झांकी का पिछला भाग भारत में कृषि-स्टार्ट-अप की अवधारणा और लैवेंडर आधारित उत्पादों (इत्र, तेल, अगरबत्ती) के निर्यात को दर्शाता है। पूर्णरूपेण महिला सीएसआईआर झांकी ने किसानों की आय, नारी शक्ति, कृषि-स्टार्ट-अप और वैश्विक व्यापार को बढ़ाने वाले वैज्ञानिक विकास की सरकार की पहल के अंतर्गत मिली उपलब्धियों को प्रदर्शित किया है।

इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर को किया गया शामिल

कृषि-यांत्रिक प्रौद्योगिकी के अंतर्गत सीएसआईआर, प्राइमा ईटी 11 के स्वदेशी रूप से विकसित भारत के पहले महिला-अनुकूल सुगठित (कॉम्पैक्ट) इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर का प्रदर्शन किया गया। कृषि-तकनीकी विकास पर प्रकाश डालते हुए, लैवेंडर फूलों से आवश्यक तेल निकालने के लिए आसवन इकाई भी दिखाई गई।

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