सोयाबीन की खेती के लिए सलाह
इस वर्ष मानसून की बेरुखी से सोयाबीन की फसल को पहले ही कुछ नुकसान हो गया है | अधिकांश किसानों ने जून माह में ही सोयाबीन की बुआई का कार्य कर लिया था | बाद में कम बारिश एवं सूखे की स्थिति के चलते हैं सोयाबीन की फसल को काफी नुकसान हुआ है ऐसे में अभी भी जो किसान सोयाबीन की खेती कर रहे हैं वह किसान अपनी फसल को कीट-रोगों एवं खरपतवार से होने वाले नुकसान से कैसे बचाएं इसके लिए वैज्ञानिकों ने विशेष सलाह जारी की है | भारतीय सोयाबीन अनुसन्धान संस्थान इंदौर के द्वारा जुलाई के अंतिम सप्ताह में सोयाबीन किसानों को विशेष सलाह जारी की गई है |
खरपतवार नाशक एवं कीटनाशक के अलग–अलग छिडकाव में होने वाले व्यय को कम करने एवं एक साथ उपयोग करने हेतु उनकी संगतता बाबत किये गए अनुसंधान परीक्षणों के आधार पर सोयाबीन में कीटनाशकों एवं खरपतवार नाशकों को मिलाकर छिडकाव किया जा सकता है |
इन खरपतवारनाशी दवाओं से करें खरपतवार नष्ट
क्लोरइंट्रानिलिप्रोल 18.5 एस.सी. (150 मिली./हे.) या इंडोक्साकार्ब 15.8 ई.सी. (333 मिली/हे.) या किव्नाल्फोस 25 ई.सी. (1500 मि.ली./हे.) के साथ अनुशंसित खरपतवार\नाशक जैसे इमजेथापायर 10 एस.एल. (1 ली./हे.) या किव्जलोफोप इथाइल 5 ई.सी. (1 ली./हे.) से खरपतवार पर नियंत्रण किया जा सकता है |
जिन क्षेत्रों में सूखे के कारण देरी से खरपतवार उगे हैं, एसे क्षेत्रों में 2–4 पत्तियों वाले खरपतवारों के नियंत्रण के लिए संभव होने पर हाथ से निंदाई / डोरा / कुल्पा / नीचे तालिका में दिये गये खड़ी फसल में उपयोगी अनुशंसित खरपतवारनाशकों में से किसी एक का छिडकाव करें |
सोयाबीन में पत्तियां खाने वाली इल्लियों का नियंत्रण
जहाँ पर चक्र भृंग के साथ–साथ पत्ती खाने वाली इल्लियों का प्रकोप हो वहन इनके नियंत्रण हेतु पूर्व मिश्रित कीटनाशक नोवाल्युरौन + इंडोक्साकार्ब (850 मिली./हे.) या पूर्वमिश्रित बीटासायफ्लुथ्रिन + इमिडाक्लोप्रिड (350 मिली/हे.) या पूर्वमिश्रित थायमिथोक्सम + लैम्बडा सायहेलोथ्रिन (125 मि.ली./है.) का छिड़काव करें |
जैविक सोयाबीन उत्पादन में रूचि रखने वाले कृषक पत्ती खाने वाली इल्लियों (सेमीलूपर, तम्बाखू की इल्ली) की अवस्था की रोकथाम हेतु बेसिलस थुरिन्जिएन्सिस अथवा ब्युवेरिया या नोमुरिया रिलेयी (1.0 ली./हैक्टेयर) का प्रयोग कर सकते हैं | यह भी सलाह है कि प्रकाश प्रपंच का भी उपयोग कर सकते हैं |
चक्र भृंग का नियंत्रण
जहाँ पर केवल चक्र भृंग का प्रकोप हों, चक्र भृंग के नियंत्रण हेतु थायक्लोप्रिड 21.7 एस.सी. 750 मि.ली./है. या प्रोफेनोफाँस 50 ई.सी. (1250 मि.ली./है.) या पूर्वमिश्रित बीटासायफ्लुथ्रिन + इमिडाक्लोप्रिड (350 मि.ली./है) या पूर्वमिश्रित थायमिथोक्सम + लैम्बडा सायहेलोथ्रिन (125 मि.ली./है.) या इमामेकटिन बेन्जोएट (425 मि.ली./है.) का 500 लीटर पानी के साथ 1 हैक्टेयर में छिडकाव करें | यह भी सलाह दी जाती है कि इसके फैलाव की रोकथाम हेतु प्रारंभिक अवस्था में ही पौधे के ग्रसित भाग को तोड़कर नष्ट कर दें |
सोयाबीन में पीला मोजेक रोग
पीला मोजेक रोग एवं सोयाबीन मोजेक के नियंत्रण हेतु सलाह है कि तत्काल रोगग्रस्त पौधों को खेत से उखाड़कर निष्कासित करें तथा इन रोगों को फैलाने वाले वाहक जैसे सफेद मक्खी एवं एफिड की रोकथाम हेतु पूर्वमिश्रित कीटनाशक थायोमिथोक्सम + लैम्बडा सायहेलोथ्रिन (125 मि.ली./है.) या बीटासायफ्लुथ्रिन + इमिडाक्लोप्रिड (350 मि.ली./है.) का छिडकाव करें | इनके छिडकाव से तना मक्खी का भी नियंत्रण किया जा सकता है |
फफूंद के कारण हुए रोग की रोकथाम के लिए कीटनाशक
कुछ क्षेत्रों में सोयाबीन की फसल पर एन्थ्रेक्नोज नमक फफूंदजनित रोग के प्रारंभिक लक्ष्ण देखे गए हैं | इसके नियंत्रण हेतु सलाह हैं की टेबूकोनाजोल (625 मि.ली./ है.) या टेबूकोनाजोल + सल्फर (1 किलोग्राम /है.) या पायरोक्लोस्ट्रोबीन 20 डब्लू.जी. (500 ग्राम/है.) अथवा हेक्जाकोनाजोल 5 ई.सी. (800 मि.ली./है.) का छिड़काव करें |
सोयाबीन की फसल में तम्बाखू की इल्ली एवं चने की इल्ली के प्रबंधन के लिए बाजार में उपलब्ध कीट–विशेष फिरोमोन ट्रैप्स एवं वायरस आधारित एन.पी.वी. (250 एल.ई./हेक्टे.) का उपयोग करें | इनके नियंत्रण के लिए इमामेकटीन बेंजोएट (425 मि.ली./है.) भी असर कारक होता है |
फसल में पक्षियों की बैठने हेतु “T” आकार के बर्ड – पर्चेस लगाये | इससे कीट भक्षी पक्षियों द्वारा भी इल्लियों की संख्या कम करने में सहायता मिलती है | यह भी सलाह है कि सफेद मक्खी के नियंत्रण हेतु कृषकगण अपने खेत में विभिन्न स्थानों पर पिला स्टिकी ट्रैप लगाएं |
सोयाबीन के लिए अनुशंसित खरपतवार नाशकों की सूचि
खरपतवारनाशक का प्रकार | रासायनिक नाम | मात्रा/हेक्टेयर |
बुआई के 10–12 दिन बाद | क्लोरीम्यूरान इथाईल 25 डब्ल्यू पी. | 36 ग्राम |
बेंन्टाझोन 48 एस.एल. | 2 लीटर | |
बुआई के 15–20 दिन बाद | इमेझेथापायर 10 एस.एल. | 1.00 लीटर |
क्विजालोफाप इथाईल 5 ई.सी. | 1.00 लीटर | |
क्विजालोफाप – पी – इथाईल 10 ई.सी. | 375 – 450 मि.ली. | |
फेनाक्सीफाप – पी – इथाईल 9 ई.सी. | 1.00 ली. | |
क्विजालोफाप – पी – टेफ्युरिल 4.41 ई.सी. | 1.00 ली. | |
फ्ल्यूआजीफाप – पी – ब्यूटाईल 13.4 ई.सी. | 1 – 2 ली. | |
हेलाक्सिफाप आर मिथाईल 10.5 ई.सी. | 1 – 1.25 ली. | |
इमेझेथापायर 70% डब्ल्यू.जी + सफ्रेकटेंट | 100 ग्राम | |
प्रोपाक्विजाफाप 10 ई.सी. | 0.5 – 0.75 ली. | |
फ्लूथियासेट मिथाईल 10.3 ई.सी.
| 125 मि.ली. | |
पूर्वमिश्रित खरपतवारनाशक | फ्लूआजिआफाप – पी – ब्यूटाईल + फ़ोमेसाफ़फेन | 1 ली. |
इमाझेथापायर + इमेजामाक्स | 100 ग्राम | |
प्रोपाक्विजाफाप + इमाझेथापायर | 2.0 ली. | |
सोडियम एसीफ्लोरफेन + क्लोडिनाफाप प्रोपारगील | 1 ली. | |
फोमेसाफेन + क्विजालोफाप इथाईल | 1.5 ली. |