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शुक्रवार, अप्रैल 26, 2024
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145 दुग्ध उत्पादक पशु पालकों को दिया गया ईनाम, प्रथम पुरस्कार जीतने वाले को मिली 2 लाख रुपए की धनराशि

पशु पालक पुरस्कार 

देश में दूध उत्पादन एवं पशु पालकों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएँ चलाई जा रही है। जिसमें पशु पालन क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले पशुपालकों को पुरस्कार भी दिया जाता है। इस कड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में गोकुल पुरस्कार योजना एवं नंदबाबा योजना चला रही है। अभी हाल ही में योजना के तहत राज्य में सर्वाधिक दुग्ध उत्पादन करने वाले 145 पशु पालकों को पुरस्कृत किया गया है। इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित समारोह में वर्ष 2020-21 के 53 एवं वर्ष 2021-22 के 59 दुग्ध उत्पादकों को गोकुल पुरस्कार और वर्ष 2021-22 के 33 जनपद स्तरीय दुग्ध उत्पादकों को नंदबाबा पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

गोकुल पुरस्कार के अंतर्गत लखीमपुर खीरी जनपद निवासी एवं वेलवा मोती समिति के श्री वरुण सिंह को प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया। बंदायू के रहने वाले कुओं डांडा दुग्ध समिति के श्री हरविलास सिंह को द्वितीय पुरस्कार मिला है। इन दोनों दुग्ध उत्पादकों को वर्ष 2020-21 एवं वर्ष 2021-22 में सर्वाधिक दुग्ध उत्पादन के लिए सम्मानित किया गया। वहीं नंदबाबा पुरस्कार के तहत मथुरा निवासी भूड़सानी दुग्ध समिति के श्री हरेंद्र सिंह को राज्य स्तरीय पुरस्कार प्रदान किया गया।

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पशुपालकों को पुरस्कार में कितनी राशि दी जाती है? 

उत्तर प्रदेश सहकारिता के माध्यम से दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2001-02 में प्रदेश सरकार द्वारा गोकुल पुरस्कार योजना चलाई जा रही है। योजना के तहत विजेता को नक़द ईनाम राशि के साथ ही प्रतीक चिन्ह दिया जाता है। इसके अंतर्गत प्रत्येक ज़िले में सर्वाधिक दूध उत्पादन करने वाले एक दुग्ध उत्पादक को नक़द पुरस्कार के साथ ही पीतल धातु पर गाय के साथ दूध पीता हुआ बछड़ा व श्री कृष्ण की मूर्ति प्रतीक चिन्ह के रूप में प्रदान की जाती है।

योजना के तहत प्रदेश स्तर पर प्रथम पुरस्कार जीतने वाले विजेता को 2 लाख रुपए, द्वितीय आने वाले को 1.50 लाख रुपए एवं ज़िला स्तर पर जीतने वाले को 51,000 रुपए की नक़द राशि दी जाती है। इस वर्ष हुए सम्मान समारोह में वित्त वर्ष 2020-21 के 53 लाभार्थियों को एवं वित्त वर्ष 2021-22 के 59 लाभार्थियों को गोकुल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

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नंदबाबा योजना के तहत पुरस्कार में क्या दिया जाता है?

वर्ष 2018 से भारतीय गोवंश की गाय के दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में सर्वाधिक दूध, दुग्ध समिति को देने वाले दुग्ध उत्पादक को राज्य स्तरीय, जनपद में ज़िला स्तरीय एवं विकासखंड में विकास खंड स्तरीय नंदबाबा पुरस्कार का शुभारम्भ किया गया है। जिसमें पीतल धातु से निर्मित भारतीय गोवंश की गाय के साथ ही दूध पीता हुआ बछड़ा व नंदबाबा की मूर्ति प्रतीक चिन्ह एवं प्रमाण पत्र के साथ ही विकास खंड स्तर पर 5100 रुपए, जनपद स्तर पर 21,000 रुपए एवं राज्य स्तर पर 51,000 रुपए की धनराशि प्रदान की जाती है। 

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