आलू का भण्डारण सुरक्षित भण्डारण
यह समय आलू को खेत से निकलने के लिए उपयुक्त है | अगेती आलू को भूमि से 15 फरवरी के बाद निकाला जाता है इसलिए जिस किसान ने आलू की बुआई अगेती है तो उसे निकाल लें एवं जो आलू की बुआई पिछेती की गई है उसे अभी भूमि में सूखने दें जिससे नमी कम होगी | आलू उत्पादक किसान, आलू के भंडारण के लिए अभी यह कार्य करें |
आलू की खुदाई इस तरह करें
निदेशक ने आलू उत्पादकों को सलाह दी है कि वे अपने आलू को 15 फ़रवरी से (अगेती प्रजाति) जमीन से सुरक्षा पूर्वक निकाल कर छ्प्परनुमा स्थान पर छायानुमा जिसकी ऊँचाई 1.20 मीटर का हो में ढेर बनाकर एक सप्ताह तक रखना चाहिए, जिससे आलू में लगी मिट्टी स्वत: निकल जाएगी |
आलू की खुदाई के बाद इस तरह करें भण्डारण
उधान निदेशक ने बताया कि आलू को खुदाई के पश्चात् आलू कंदों को हवादार स्थान पर अलग–अलग प्रजाति का ढेर लगाकर रख देना चाहिए | उन्होंने बताया कि छनाई–बिनाई के पश्चात भंडारण के लिए केवल बीज आकार मोटा एवं छोटा आलू कंदों को अलग–अलग भंडारण करना चाहिए | आलू कंदों को बोरों में भरने से पूर्व 03 प्रतिशत बोरिक एसिड अथवा आरगेनिक मरक्युरियल कम्पाउंड की दवा के घोल में 30 मिनट तक अवश्य उपचारित किया जाये |
भंडारण के 45 दिन बाद आलू के बोरों की प्रथम पलटाई आवश्यक होनी चाहिए | आलू किसानों को यह भी सलाह दी है कि वे समय – समय पर अपने भंडारित आलू का निरिक्षण भी करते हैं |