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बुधवार, मई 1, 2024
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सरकार 202 कृषि क्लिनिक खोलने के लिए देगी अनुदान, किसानों को एक ही छत के नीचे मिलेंगी सभी सुविधाएँ

कृषि क्लिनिक की स्थापना के लिए अनुदान योजना 

देश में किसानों की आमदनी बढ़ाने के साथ ही फसलों का उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं। इस कड़ी में किसानों को खेती-बाड़ी के कामों में विभिन्न सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिए बिहार सरकार राज्य के 202 प्रखंडों में कृषि क्लिनिक खोलने जा रही है। इसके लिए सरकार ने “कृषि क्लिनिक योजना” के कार्यान्वयन हेतु वित्तीय वर्ष 2023–24 में 424.00 लाख रूपये की स्वीकृति दे दी है।

बिहार सरकार राज्य में किसानों को प्रखंड स्तर पर कृषि क्लिनिक के माध्यम से कृषि की सभी क्रियाओं की समस्त सुविधाएँ एक छत के नीचे उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कृषि क्लिनिक योजना की शुरुआत करने जा रही है। इससे राज्य में न केवल किसानों को अपने आसपास सुविधा मिलेगी बल्कि रोजगार का सृजन भी होगा। सरकार योजना के तहत लाभार्थी व्यक्तियों को अनुदान भी देगी।

101 अनुमंडलों में खोले जाएँगे कृषि क्लिनिक 

योजना के तहत राज्य के सभी 101 अनुमंडलों में कृषि क्लिनिक खोले जाएँगे। जिसमें प्रत्येक अनुमंडल के 2 प्रखंडों में कृषि क्लिनिक की स्थापना की जाएगी यानि की कुल 202 प्रखंडों में कृषि क्लिनिक खोले जाएँगे। इसके अंर्तगत एक अनुमंडल के प्रखंड मुख्यालय में तथा दूसरा किसी भी चयनित प्रखंड मुख्यालय में स्थापना की जाएगी। सरकार इसके लिए लाभार्थी व्यक्तियों को अनुदान भी देगी।

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क्या है कृषि क्लिनिक योजना

इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को फसल उत्पादन संबंधित सभी सेवाएँ जैसे मिट्टी जांच की सुविधा, बीज विश्लेषण की सुविधा, कीट/व्याधि प्रबन्धन संबंधित सुझाव, पौधा संरक्षण संबंधित छिड़काव – भुरकाव हेतु आवश्यक उपकरणों एवं तकनीकी विस्तार सेवा का स्थानीय स्तर पर उपलब्धता सुनिश्चित कराया जाना है। इस योजना के क्रियान्वयन से राज्य में फसलों के उत्पादन, उत्पादकता एवं उत्पाद की गुणवत्ता में वृद्धि होगी, जिससे किसानों की आय बढ़ेगी।

यह व्यक्ति खोल सकते हैं कृषि क्लिनिक

राज्य के कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने कहा कि कृषि क्लिनिक में सेवाएँ प्रदान करने के लिए कृषि स्नातक/ कृषि व्यवसाय प्रबन्धन स्नातक जैसे की राज्य/केन्द्रीय विश्व विद्यालय या किसी अन्य विश्व विद्यालय से कृषि/उधान में स्नातक, जो आई.सी.ए.आर./यू.जी.सी. द्वारा मान्यता प्राप्त हो, पात्र होंगे। इसके अतिरिक्त उपर्युक्त के अनुपलब्ध होने पर न्यूनतम दो वर्षों का कृषि/उद्यान में अनुभव प्राप्त डिप्लोमाधारी/कृषि विषय में इन्टरमीडिएट तथा रसायन विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, जीव विज्ञान में स्नातक के योग्य प्रार्थियों पर भी विचार किया जाएगा।

इस योजना के क्रियान्वयन से ग्रामीण स्तर पर 202 युवाओं को रोज़गार का अवसर मिलेगा। साथ ही, कृषि क्लिनिक से अन्य कुशल/अर्द्धकुशल व्यक्तियों के लिए रोजगार सृजन किया जा सकेगा।

सरकार कृषि क्लिनिक खोलने के लिए कितना सहायता देगी

कृषि मंत्री ने बताया कि एक कृषि क्लिनिक की स्थापना हेतु कुल अनुमानित लागत 5 लाख रूपये का 40 प्रतिशत अधिकतम 2 लाख रूपये की राशि सहायता अनुदान के रूप में दी जायेगी तथा लागत की शेष राशि का वहन आवेदक द्वारा स्वयं किया जाएगा। इस योजना के अन्तर्गत चयनित लाभार्थी बैंक से ऋण प्राप्त कर योजना का लाभ ले सकेंगे। कृषि क्लिनिक की स्थापना के लिए चयनित लाभार्थी को नि:शुल्क प्रशिक्षण देने के साथ ही, उनकी इच्छा अनुसार उर्वरक, बीज, कीटनाशी लाइसेंस, कस्टम हायरिंग सेंटर सहित अन्य आवश्यक योजनाओं का लाभ देने में भी प्राथमिकता दी जायेगी।

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कीटनाशकों पर उपलब्ध कराया जाएगा अनुदान

इस अवसर पर राज्य के कृषि सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि किसानों के फलदार वृक्षों जैसे आम, लीची और अमरुद में लगने वाले कीट-व्याधि से बचाव के लिए सेवा प्रदाता के माध्यम से छिड़काव हेतु पौधा संरक्षण से संबंधित सरजमीन सेवा एवं उपादान वितरण योजना के लिए 14.24 करोड़ रूपये की योजना स्वीकृत की गई है। इस योजना के माध्यम से छिड़काव शुल्क (कीटनाशी सहित) पर किसानों को 75 प्रतिशत अनुदान पर सेवा प्रदाता के माध्यम से सेवाएँ उपलब्ध कराई जायेगी।

इसके साथ ही, विभिन्न फसलों में कीट-व्याधि प्रबंधन हेतु 75 प्रतिशत अनुदान पर फेरोमोन ट्रैप, लाईफ टाईम ट्रैप एवं स्टिकी ट्रैप पर किसानों को अधिकतम 02 हेक्टेयर जबकि टाल क्षेत्रों में 05 हेक्टेयर के लिए अनुदान उपलब्ध कराया जायेगा।

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