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रविवार, अप्रैल 28, 2024
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हार्वेस्टर से कटाई के पहले किसानों को करना होगा यह काम

हार्वेस्टर से धान की कटाई

बढ़ते हुए वायु प्रदूषण को देखते हुए सरकार द्वारा किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। इस कड़ी में बिहार के गया ज़िले के डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम ने रविवार को गोपनीय शाखा में फसल अवशेष प्रबंधन के लिए अंतरविभागीय बैठक की। डीएम ने कहा कि धान, गेहूं आदि फसलों की कटाई के बाद शीघ्र ही अगली फसल की बुआई के लिए किसान फसल अवशेष जलाना प्रारंभ कर देते हैं।

इससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम होने के साथ ही वातावरण भी बुरी तरह प्रदूषित होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि फसल अवशेष जलाने की घटना विकराल रूप ले रही है। यद्यपि किसानों को इसके लिए लगातार जागरूक भी किया जा रहा है कि वे फसल अवशेष नहीं जलाएँ। इसके बावजूद कुछ किसानों के द्वारा फसल कटाई के बाद फसल अवशेष जलाया जाता है। अभी धान की कटनी प्रारंभ हो रही है। इसलिए अभी से सभी निरोधात्मक कार्रवाई शुरू की जा रही है।

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फसल अवशेष जलाने का कारण है कंबाइन हार्वेस्टर

डीएम ने बताया कि फसल अवशेष जलाने का मुख्य कारण कंबाइन हार्वेस्टर से फसल की कटनी है। इसमें फसल के ऊपरी भाग से कटनी की जाती है जिसके कारण बड़े पैमाने पर पराली खेतों में रह जाती है। कंबाइन हार्वेस्टर में पराली प्रबंधन यंत्र (एसएमएस) से इसकी भी कटाई कर मिट्टी में मिलाई जा सकती है। इसलिए कंबाइन हार्वेस्टर ज़िला प्रशासन की अनुमति लेकर ही परिचालन करना सुनिश्चित कराया जा रहा है।

पराली नहीं जलाने का देना होगा प्रमाण पत्र

कंबाइन हार्वेस्टर के मालिकों को कंबाइन हार्वेस्टर के साथ पराली प्रबंधन प्रणाली (एसएमएस) रखना अनिवार्य होगा। साथ ही किसानों को कंबाइन हार्वेस्टर से धान की कटाई कराने के पहले शपथ पत्र देना होगा कि वे धान की कटाई के बाद फसल अवशेष नहीं जलाएँगे। बाहर से आने वाले कंबाइन हार्वेस्टरों को भी ज़िले में संचालित करने के लिए ज़िला प्रशासन से अनुमति लेनी होगी। बिना प्रशासनिक अनुमति के संचालित होने वाली कंबाइन हार्वेस्टरों को जब्त कर लिया जाएगा।

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जिन कंबाइन हार्वेस्टरों को धान की कटनी के लिए पास निर्गत किया गया है उन्हें सभी किसान के धान की कटनी प्रारंभ करने के पहले उस किसान से पराली नहीं जलाने का शपथ पत्र लेना होगा।

किसान को नहीं दिया जाएगा योजना का लाभ

बिहार सरकार ने इस वर्ष फसल अवशेष जलाने वाले किसानों को योजनाओं से वंचित करने का निर्णय लिया है। साथ ही पराली जलाने के मामले में आरोपित किसान का पंजीकरण संख्या रद्द कर दी जाएगी और वे कृषि इनपुट अनुदान, बीज अनुदान, कृषि यंत्र अनुदान आदि योजनाओं का लाभ लेने से वंचित हो जाएँगे। वही पंजीकरण संख्या अवरुद्ध हो जाने के कारण किसान धान अधिप्राप्ति के लिए आवेदन भी नहीं कर सकेंगे।

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