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शनिवार, अप्रैल 27, 2024
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किसानों को गन्ना फसल की सुरक्षा के लिए दिया जायेगा 900 रुपए प्रति हेक्टेयर का अनुदान

गन्ना फसल सुरक्षा के लिए अनुदान

विभिन्न प्राकृतिक कारणों से समय-समय पर फसलों पर कीट एवं रोगों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है, जिससे फसल उत्पादन में तो कमी आती ही है साथ ही फसल की गुणवत्ता भी गिरती है। ऐसे में किसानों की आय में भी कमी आती है और फसलों में विभिन्न प्रकार के रासायनिक दवाओं के प्रयोग से उसकी लागत भी बढ़ती है। इस समस्या से निपटने के लिए सरकार फसल सुरक्षा के लिए विभिन्न रासायनिक दवाओं के की खरीद पर सहायता प्रदान कर रही है, जिसके तहत पेस्टीसाइड्स की खरीद पर अनुदान दिया जायेगा।

उत्तर प्रदेश सरकार गन्ना फसल की सुरक्षा हेतु 02 योजनाओं के तहत किसानों को फसल सुरक्षा के लिए अनुदान उपलब्ध कराती आ रही है, पहला बीज भूमि उपचार कार्यक्रम एवं दुसरा पेड़ी प्रबंधन कार्यक्रम। सरकार ने अब दोनों योजनाओं को मिलाकर एक कर दिया है साथ ही दिए जाने वाले अनुदान में भी वृद्धि कर दी है।

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पेस्टीसाइड्स की खरीद पर दिया जायेगा अनुदान

उत्तर प्रदेश में किसानों को बीज भूमि उपचार कार्यक्रम तथा पेड़ी प्रबंधन कार्यक्रम के अंतर्गत अनुदान दिया जाता है परंतु अब दोनों योजना को समाप्त कर एक ही अनुदान योजना चलाई जाएगी। योजना के तहत राज्य सरकार की स्वीकृति प्राप्त होने के उपरांत अब गन्ना किसानों को उनकी बुआई से लेकर पेड़ी प्रबंधन तक उपयोग किये जा रहे किसी भी फसल सुरक्षा रसायन की लागत का 50 प्रतिशत अनुदान अथवा अधिकतम 900 रूपये प्रति हेक्टेयर की दर से अनुदान दिया जायेगा।

इसके पहले बीज भूमि उपचार कार्यक्रम के अंतर्गत गन्ना रसायनों पर लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 500 रूपये प्रति हेक्टेयर का अनुदान दिया जाता था तथा पेड़ी प्रबंधन कार्यक्रम के लिए पेड़ी गन्ना फसल की सुरक्षा हेतु प्रयुक्त रसायनों की लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 150 रुपए प्रति हेक्टेयर का अनुदान दिया जाता था।

सरकार द्वारा अनुमोदित कृषि रक्षा रसायनों पर ही दिया जायेगा अनुदान

उपरोक्त के साथ ही बीज एवं भूमि उपचार तथा पेड़ी प्रबंधन कार्यक्रम में कार्यक्रमों में अलग-अलग अनुदान की व्यवस्था को समाप्त कर कुल अनुदान अधिकतम रुपए 900 प्रति हेक्टेयर कर दिया गया है। अब गन्ना फसल हेतु किसान कोई भी संस्तुत रसायन का उपयोग गन्ने का पौधा फसल, उसकी बुआई के समय बीज व भूमि उपचार या पेड़ी प्रबंधन आदि के लिए कर सकते हैं। राज्य सरकार द्वारा गन्ना कृषकों के हित में लिए गए इस निर्णय एवं अनुदान में वृद्धि किए जाने के फलस्वरूप गन्ना खेती में फसल सुरक्षा उपायों को लागू करने में गति आएगी और कुल उत्पादन में वृद्धि के साथ-साथ किसानों की गन्ना उत्पादन की लागत भी घटेगी। 

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