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शुक्रवार, अप्रैल 26, 2024
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किसान अधिक पैदावार के लिए इस वर्ष खरीफ सीजन में लगाएँ मक्का की यह उन्नत विकसित क़िस्में

मक्का की उन्नत विकसित क़िस्में

मक्का को अलग-अलग जलवायु क्षेत्रों में आसानी से उगाया जा सकता है जिसके कारण इसे बहुमुखी फसल भी कहा जाता है। मक्का भारत की अनाज फसलों में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है, देश में लगभग 2.4 टन प्रति हेक्टेयर की उत्पादकता के साथ 8.17 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्रफल पर इसकी बुआई की जाती है। मक्का की क्षमताओं को देखकर कम लागत में इसकी पैदावार बढ़ाने के लिए कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा लगातार नई-नई किस्मों का विकास किया जा रहा है। यह क़िस्में जहां पुरानी किस्मों से अधिक पैदावार देती है वहीं कीट-रोगों के प्रति अधिक सहनशील भी होती हैं।

खरीफ सीजन के लिए मक्का की बुआई का समय हो गया है ऐसे में किसान उपयुक्त किस्म का चयन कर कम लागत में अधिक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं। किसान समाधान ऐसी ही कुछ किस्मों के बारे में जानकारी लाया है जो हाल ही में विकसित की गई हैं। किसान अपने क्षेत्र की जलवायु एवं बीज उपलब्धता के अनुसार इन किस्मों का चयन कर सकते हैं। 

पूसा विवेक क्यू पी एम 9 इम्प्रूव्ड (संकर)

वर्ष 2017 में पूसा के द्वारा विकसित की गई पूसा विवेक क्यू पी एम 9 इम्प्रूव्ड मक्का की यह किस्म खरीफ तथा सिंचित क्षेत्र के लिए उपयुक्त है। इस किस्म को उत्तरी पहाड़ी क्षेत्र तथा प्रायद्वीपीय क्षेत्र के लिए विकसित किया गया है। उत्तरी पहाड़ी क्षेत्र में 93 दिन में तथा प्रायद्वीपीय क्षेत्र के लिए 83 दिनों में पक कर तैयार हो जाती है। पूसा विवेक औसत उत्पादन उत्तरी पहाड़ी क्षेत्र में 55.9 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है तथा प्रायद्वीपीय क्षेत्र में 59.2 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हैं। वहीं इस किस्म का संभावित उत्पादन उत्तरी पहाड़ी क्षेत्र में 93 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तथा प्रायद्वीपीय क्षेत्र में 79.6 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हैं |

इन राज्यों में की जा सकती है पूसा विवेक क्यू पी एम 9 इम्प्रूव्ड की खेती 

मक्का की इस किस्म को उत्तरी पहाड़ी तथा प्रायद्वीपीय क्षेत्रों के लिए अनुमोदित किया गया है। उत्तरी पहाड़ी क्षेत्र में जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड (पहाड़ियों) और उत्तर पूर्वी राज्य के लिए अनुकूल है| इसी प्रकार प्रायद्वीपीय क्षेत्र के लिए महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तामिलनाडू राज्यों के लिए उपयुक्त है।

पूसा एच एम 4 इम्प्रूव्ड (संकर)

मक्का की पूसा एच एम 4 इम्प्रूव्ड किस्म खरीफ तथा सिंचित क्षेत्र के लिए वर्ष 2017 में अधिसूचित किया गया है। मक्का की यह किस्म मैदानी क्षेत्रों के लिए अनुकूल है जो 87 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। यह किस्म प्रोटीन से भरपूर है। मक्के के इस किस्म का उत्पादन 64.2 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है जबकि संभावित उपज 85.7 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हैं। मक्के के इस किस्म को उत्तर–पश्चिम मैदानी क्षेत्रों के लिए विकसित किया गया है। इसकी खेती पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिम उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मैदानी क्षेत्रों में आसानी से की जा सकती है।

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पूसा एच एम 8 इम्प्रूव्ड (संकर)

मक्के की पूसा एच एम 8 इम्प्रूव्ड किस्म खरीफ सिंचित क्षेत्रों के लिए वर्ष 2017 में अधिसूचित किया गया है। यह किस्म 95 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। मक्के इस इस किस्म को प्रायद्वीपीय क्षेत्रों जैसे आंध्र प्रदेश, तमिलनाडू, कर्नाटक, तेलंगाना और महाराष्ट्र के लिए अनुमोदित किया गया है मक्का की यह किस्म भी प्रोटीन से भरपूर है। पूसा एच एम 8 इम्प्रूव्ड किस्म का औसत उत्पादन 62.6 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तथा संभावित उपज 92.6 क्विंटल दर्ज किया गया है।

पूसा एच एम 9 इम्प्रूव्ड (संकर)

मक्के की पूसा एच एम 9 इम्प्रूव्ड किस्म को खरीफ सीजन के लिए तथा सिंचित क्षेत्रों के लिए वर्ष 2017 में अधिसूचित किया गया है| इसकी खेती उत्तर पूर्वी मैदानी भागों में की जा सकती है। यह किस्म 89 दिनों में पककर तैयार हो जाती है | यह किस्म प्रोटीन युक्त है | इस किस्म का औसतन उत्पादन 52 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है जबकि संभावित उपज 74.1 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हैं | मक्के की इस किस्म को बिहार, झारखंड, ओड़िसा, पश्चिम बंगाल तथा पूर्वी उत्तर प्रदेश राज्यों के लिए अनुमोदित किया गया है |

पूसा सुपर स्वीट कॉर्न -1 (संकर)

मक्के की पूसा सुपर स्वीट कार्न-1 किस्म को खरीफ सीजन तथा सिंचित क्षेत्र के लिए वर्ष 2018 में अधिसूचित किया गया है। मक्के की यह किस्म 74 से 81 दिनों में पक कर तैयार हो जाती है। इस किस्म के मक्के की उपज क्षेत्र के अनुसार अलग–अलग है। इसकी औसत उपज 98.4 क्विंटल उत्तरी पहाड़ी क्षेत्र, 97 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्तर– पश्चिम मैदानी क्षेत्र, 75.3 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्तर–पूर्वी मैदानी क्षेत्र और 101 क्विंटल प्रति हेक्टेयर प्रायद्वीपीय क्षेत्रों में हैं।

इस किस्म के मक्के का संभावित उपज 126.6 क्विंटल उत्तरी पहाड़ी क्षेत्र, 118.1 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्तर– पश्चिम मैदानी क्षेत्र, 105.1 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्तर–पूर्वी मैदानी क्षेत्र और 111.2 क्विंटल प्रति हेक्टेयर प्रायद्वीपीय क्षेत्र के लिए है |

इन राज्यों में की जा सकती है इस किस्म की खेती

मक्के की इस किस्म को उत्तरी पहाड़ी क्षेत्रों- जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, (पहाड़ियों) और उत्तर पूर्वी राज्य, उत्तर पश्चिम मैदानी क्षेत्र-पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड (मैदानी क्षेत्र) और पश्चिम उत्तर प्रदेश, उत्तर पूर्वी मैदानी क्षेत्र बिहार, झारखंड, ओड़िसा, पूर्वी उत्तर प्रदेश, और पश्चिम बंगाल तथा प्रायद्वीपीय क्षेत्र के लिए महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु के लिए अनुमोदित किया गया है |

पूसा जवाहर हाइब्रिड मक्का-1 (संकर)

मक्का की इस किस्म को वर्ष 2019 में अधिसूचित किया गया है, जिसे खरीफ सीजन तथा सिंचित क्षेत्र के लिए विकसित किया गया है। यह किस्म 95 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। साथ ही साथ यह प्रोटीन युक्त मक्के की प्रजाति है | मक्के की इस किस्म का औसत उत्पादन 65 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है जबकि संभावित उपज 103 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हैं | मक्के की यह किस्म मध्य प्रदेश के लिए उपयुक्त है।

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पूसा विवेक हाइब्रिड 27 इम्प्रूव्ड (संकर)

मक्का की पूसा विवेक हाइब्रिड 27 इम्प्रूव्ड किस्म को वर्ष 2020 में खरीफ सीजन तथा सिंचित क्षेत्र के लिए विकसित किया गया है। यह किस्म 84 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। इसमें प्रोटीन की उच्च मात्रा होती है। इस किस्म से मक्के की उपज औसतन 48.5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है जबकि संभावित उपज 54.1 क्विंटल प्रति हेक्टेयर दर्ज की गई है। इसकी खेती बिहार, झारखंड, ओड़िसा, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में की जा सकती है।

पूसा एच क्यू पी एम 5 इम्प्रूव्ड

मक्के की पूसा एच क्यू पी एम 5 इम्प्रूव्ड किस्म को वर्ष 2020 को खरीफ सीजन तथा सिंचित क्षेत्र के लिए अधिसूचित किया गया है। इसकी उपज 88 से 111 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। यह किस्म उत्तरी पहाड़ी क्षेत्र, उत्तरी-पश्चिमी क्षेत्र, उत्तर–पूर्वी मैदानी क्षेत्र, मध्य क्षेत्र तथा प्रायद्वीपीय क्षेत्रों के लिए विकसित किया गया है |

पूसा एच क्यू पी एम 5 इम्प्रूव्ड से पैदावार
  • उत्तरी पहाड़ी क्षेत्र – 72.6 क्विंटल प्रति हेक्टेयर औसत उपज है वहीं 104.1 क्विंटल प्रति हेक्टेयर सम्भावित उपज है।
  • उत्तरी-पश्चिमी क्षेत्र – 75.1 क्विंटल प्रति हेक्टेयर औसत उपज है वहीं 84.4 क्विंटल प्रति हेक्टेयर सम्भावित उपज है।
  • उत्तर–पूर्वी मैदानी क्षेत्र – 53.5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर औसत उपज है वहीं 57.7 क्विंटल प्रति हेक्टेयर सम्भावित उपज है।
  • प्रायद्वीपीय क्षेत्र – 71.2 क्विंटल प्रति हेक्टेयर औसत उपज है वहीं 91.6 क्विंटल प्रति हेक्टेयर सम्भावित उपज है।
  • मध्य क्षेत्र – 51.2 क्विंटल प्रति हेक्टेयर औसत उपज है वहीं 60.5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर सम्भावित उपज है।

पूसा सुपर स्वीट कार्न-2

मक्के की पूसा सुपर स्वीट कार्न-2 किस्म को खरीफ सिंचित क्षत्रों हेतु विकसित किया गया है। इसकी खेती उत्तर तथा दक्षिण भारत में की जा सकती है, जो 77 दिनों में पककर तैयार हो जाती है| इस किस्म की उत्पादन क्षमता औसतन 95 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है जबकि संभावित उपज 102 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। मक्के की इस किस्म का उपयोग हरे चारे तथा हरे भुट्टों के लिए किया जाता है | औसत हर भुट्टा उपज 128 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है जबकि हरे चारे के रूप में 183 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। मक्के की इस किस्म को हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडू, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में अनुमोदित किया गया है |

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