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शुक्रवार, अप्रैल 26, 2024
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किसान करें शुगर फ्री सोना मोती गेहूं किस्म की खेती, बाजार में मिलेंगे अच्छे भाव

सोना मोती गेहूं की खेती

देश में बड़ी जनसंख्या का पेट भरने के लिए हरित क्रांति की शुरुआत की गई थी, जिससे अधिक पैदावार वाली किस्मों की खेती एवं रासायनिक खेती को बढ़वा दिया गया। जिसके अब कई बूरे परिणाम सामने आने लगे हैं, एक तरफ खेत की मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम हुई है तो दूसरी तरफ उपभोक्ता विभिन्न प्रकार की बीमारियों से ग्रसित होने लगे हैं। इसको लेकर एक बार फिर देश में गुणवत्ता पूर्ण खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है, ताकि किसानों को फसलों के उचित दाम मिल सके। 

अब दोबारा से किसानों के बीच जैविक खेती तथा पुराने प्रजाति की फसलों की खेती के प्रचलन बढ़ रहा है। यह क़िस्में ना केवल मानव स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है वहीं बाजार में इनकी माँग भी बढ़ने लगी है। जिससे किसानों को इन किस्मों के अच्छे भाव मिल रहे हैं। इस कड़ी में देश में शुगर फ्री सोना मोती गेहूं की किस्म की खेती की लोकप्रियता बढ़ी है, साथ ही किसानों को इसके भाव भी अच्छे मिल रहे हैं। 

सोना-मोती गेहूं किस्म की विशेषताएँ क्या है?

देश में सोना मोती गेहूं किस्म की खेती प्राचीनकाल से ही की जा रही है। गेहूं में किसी भी अन्य अनाज के मुकाबले तीन गुना अधिक फोलिक एसिड होता है। यही नहीं लगभग 267 प्रतिशत अधिक खनिज और 40 प्रतिशत अधिक प्रोटीन पाया जाता है। फोलिक एसिड गर्भवती महिलाओं के लिए काफी लाभदायक है। साथ ही बालों को भी मजबूत बनता है। साथ ही गेहूं की इस किस्म में ग्लाइसेमिक सामग्री और फोलिक एसिड अधिक होता है। कुल मिलाकर गेहूं की यह प्राचीन किस्म अपने उच्च पोषण संबंधी गुणों के लिए जानी जाती है। जिसे लोग अब बेहद पसंद कर रहे हैं।

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सोना मोती गेहूं की पैदावार कितनी होती है?

सोना मोती गेहूं की खेती कम उपजाऊ भूमि में भी आसानी से की जा सकती है। इस किस्म की खेती जैविक एवं प्राकृतिक पद्धति से करने पर भी दुसरे गेहूं के मुकाबले ज्यादा उत्पादन प्राप्त होता है। इस गेहूं की औसत पैदावार प्रति एकड़ 12 से 15 क्विंटल प्रति एकड़ है। 

यहाँ किसान कर रहे हैं सोना मोती गेहूं किस्म की खेती 

सोना-मोती गेहूं की किस्म काफी पुरानी है जो विलुप्त होने की कगार पर पहुँच गई थी, परंतु देश के कई राज्यों के किसानों के द्वारा इसकी खेती दोबारा से शुरू की गई है। वर्तमान समय में इसकी खेती पंजाब, हरियाणा, बिहार, झारखंड एवं मध्य प्रदेश राज्य के कई किसानों के द्वारा खेती की जा रही है। 

मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले के किसान वल्लभ पाटीदार ने सोना मोती गेहूं की खेती कर अच्छी आय प्राप्त की है। किसान ने जानकारी देते हुए बताया की उन्होंने सोना मोती गेहूं की पूरी तरह से जैविक तरीक़े से ही की है, इसमें किसी भी प्रकार के रासायनिक खाद तथा कीटनाशक का प्रयोग नहीं किया है। किसान ने अधिक जानकारी देते हुए बताया कि जैविक तरीक़े से खेती करते हुए उन्होंने 15 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से पैदावार प्राप्त की है। उन्होंने गेहूं की इस किस्म में मात्र 3 बार ही सिंचाई की है, जो अन्य गेहूं के मुक़ाबले 2 कम है। 

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जो किसान सोना मोती की खेती करना चाहते हैं वह किसान इस किस्म की खेती, बीज एवं अन्य जानकारी 6267086404 नम्बर पर कॉल कर प्राप्त कर सकते हैं। 

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