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शनिवार, सितम्बर 21, 2024
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फसलों के बीच लेमन ग्रास की खेती कर किसान कर रहे हैं लाखों रुपये की अतिरक्त आमदनी

अतिरिक्त आय के लिए लेमन ग्रास की खेती

अभी तक किसानों को आमदनी बढ़ाने के लिए फलों की खेती करते हुए देखा गया है तथा इसके लिए राज्य तथा केंद्र सरकार किसानों को प्रोत्साहित भी करते आ रही है | पहली बार छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने आम, अमरुद, अनार, नींबू , सीताफल खेती के साथ लेमन ग्रास की खेती को अपनाया है | इसके लिए राज्य सरकार ने राज्य के कोरिया जिले में 24 एकड़ में फैली फलदार वृक्ष के बीच लेमन ग्रास की खेती को प्रोत्साहित किया है | सबसे खास बात यह है कि लेमन ग्रास की खेती के लिए अलग से किसी भी प्रकार का भूमि का प्रयोग नहीं किया जा रहा है |

लेमन ग्रास की मांग को देखते हुए राज्य सरकार ने किसानों को अपनाने पर जोर दे रही है | राज्य सरकार के तरफ से लेमन ग्रास के पौधे के साथ–साथ प्रशिक्षण दिया जा रहा है तथा लेमन ग्रास से निकलने वाले तेल के लिए बाजार भी उपलब्ध करवाया गया है | किसान समाधान छत्तीसगढ़ राज्य एक कोरिया जिले में लमन ग्रास की खेती की जानकारी लेकर आया है |

फलदार वृक्षों के बीच लेमन ग्रास की खेती

योजना की शुरुआत कोरिया जिले के सुराजी गाँव योजना के तहत कोरिया जिले के ग्राम दुधनिया और लाई में बाड़ी विकास कार्यक्रम के अंतर्गत लगभग 26 एकड़ रकबे में फलोधान मातृवाटिका लगाया गया है | इन दोनों फलोधान में अनार, आम, अमरुद, सीताफल और नींबू के उन्नत किस्म के 4,160 पौधे लगाए गए है | दोनों मातृवाटिका में लगे फलदार पौधो के मध्य 20 एकड़ रकबे में लेमन ग्रास का रोपण किया गया है | इसके साथ ही कोरिया जिले के ही ग्राम उमझर, विश्रामपुर, शिवगढ़ और ताराभर में 10–10 एकड़ में लेमन ग्रास के रोपण की तैयारी की जा रही है |

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लेमन ग्रास की रोपाई तथा कटाई कब किया जाता है ?

फलोधान मातृवाटिका में लेमन ग्रास का रोपण लाँकडाउन की अवधि में मार्च और अप्रैल माह में किया गया है | तीन माह बाद जुलाई–अगस्त में लेमन ग्रास की कटाई और इसका आसवन कर आयल निकलने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी | इससे किसानों को ग्रीष्म कालीन मौसम में अतरिक्त आय प्राप्त होगी |

लेमन ग्रास से तेल यहाँ निकाला जाएगा

कृषि विज्ञान केंद्र सालका बैकुंठपुर में पांच सौ किलो क्षमता वाला लेमन ग्रास आयल आसवन प्लांट लगाएं जाने की तैयारी भी पूरी कर ली गई है | इस प्लांट के माध्यम से प्रतिदिन दो से तीन चरणों में लगभग 15 सौ किलो लेमन ग्रास की पत्तियों का आसवन कर 8–9 लीटर तेल का उत्पादन किया जा सकेगा , जिसका बाजार मूल्य 20 – 25 हजार रूपये अनुमानित है |

लेमन ग्रास से फायदा कितना होगा ?

अंतरवर्तीय खेती के साथ लेमन ग्रास की एक बड़ी विशेषता यह है कि एक बार बोने पर किसान इससे तीन वर्ष तक पत्ती की कटिंग कर आयल निकल सकते हैं | फिलहाल कोरिया जिले में 24 एकड़ रकबे में लगभग 4 लाख स्लिप्स का रोपण किया गया है | इसके माध्यम से आगामी वर्ष के लिए लगभग 100 एकड़ रकबे इसलिए लेमन ग्रास की स्लिप्स रोपण के लिए उपलब्ध हो सकेगा |

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12 एकड रकबे से प्रति वर्ष लगभग 500 लीटर सुगंधित लेमन ग्रास आयल प्राप्त होगा | लेमन ग्रास आयल का वर्तमान समय में विक्रय मूल्य दो से तीन हजार रूपये प्रति लीटर है | इस प्रकार 12 एकड़ रकबे में लेमन ग्रास से निकलने वाले तेल से 10 से 15 लाख रूपये तक की अतरिक्त आमदनी किसानों को होगी | लेमन ग्रास का स्लिप्स का विक्रय कर किसान 7 से 8 लाख रूपये तक की और आय अर्जित कर सकेंगे |

लेमन ग्रास लगाने के लिए दिया जायेगा प्रशिक्षण

कृषि विज्ञान केंद्र की नर्सरी में लेमन ग्रास के पौधे तैयार कर इसका रोपण आदिवासी कृषकों की पडत एवं अनुपजाऊ भूमि में विकसित फलोधान में किया गया है | कृषि विभाग द्वारा इस कार्यक्रम को वृहद पैमाने पर शुरू करने की तैयारी है | आदिवासी किसानों का समूह बनाया गया है | प्रत्येक समयह में 5 – 5 कृषक शामिल है | कृषकों को लेमन ग्रास की खेती के लिए विधवत प्रशिक्षण एवं मार्गदर्शन भी दिया जा रहा है | आदिवासी कृषकों के समूह का फेडरेशन किसान उत्पादन संगठन भी गठित किया जा रहा है | लेमन ग्रास से सुगंधित तेल उत्पादित कर इसके मार्केटिंग की भी कार्य योजना तैयार की गई है |

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