back to top
28.6 C
Bhopal
गुरूवार, दिसम्बर 5, 2024
होमकिसान समाचारवैज्ञानिकों ने विकसित की स्वचालित ड्रिप सिंचाई प्रणाली

वैज्ञानिकों ने विकसित की स्वचालित ड्रिप सिंचाई प्रणाली

स्वचलित ड्रिप सिंचाई प्रणाली

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा मृदा नमी पर आधारित स्मार्ट सेंसर युक्त स्वचलित ड्रिप सिंचाई प्रणाली विकसित की गई है। इस प्रणाली के तहत कम लागत वाली मृदा नमी अधारित सेंसर तकनीक विकसित की गई है जिससे मिट्टी की नमी एक वांछित स्तर तक बनी रहती है और फलों को अधिक से अधिक मृदा नमी का लाभ मिलता है। इस ड्रिप सिंचाई पद्धति में मिट्टी में उपलब्ध नमी वांछित स्तर से कम होने पर सिंचाई स्वतः प्रारंभ हो जाती है जिससे फसलों के लिए पानी की कमी नहीं होती और अच्छी उपज होती है। स्मार्ट सेंसर युक्त होने के कारण इस प्रणाली में सिंचाई जल की काफी बचत भी होती है। यह प्रणाली स्वामी विवेकानंद कृषि अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के वैज्ञानिकों डॉ. धीरज खलखो, डॉ. एम.पी. त्रिपाठी एवं इंजी. प्रफुल्ल कटरे द्वारा विकसित की गई है।

कैसे काम करती है यह स्वचालित ड्रिप प्रणाली

मिट्टी नमी आधारित इंटेलिजेन्ट मॉनिटरिंग स्मार्ट सेंसर युक्त स्वचलित टपक सिंचाई प्रणाली के बारे में जानकारी देते हुए डॉ. धीरज खलखों ने बताया कि इस प्रणाली का पिछले दो वर्ष में सफलपूर्वक परीक्षण किया जा चुका है। यह सेंसर सिस्टम विद्युत चालकता सिद्धांत पर काम करता जिसके तहत 4 मिली एम्पियर से 20 मिली एम्पियर विद्युत प्रवाह कुछ मिली सेकंड के अंतराल पर मिट्टी में प्रवाहित किया जाता है। प्रवाहित विद्युत तरंग के विश्लेषण से मिट्टी में उपलब्ध नमी की मात्रा के बारे मे सटीक जानकारी प्राप्त होती है। मिट्टी में उपलब्ध नमी वांछित स्तर से कम होने पर टपक सिंचाई पद्धति स्वतः काम करने लगती है जिससे खेत में वांछित नमी बनी रहती है।

यह भी पढ़ें:  किसानों को चीना के खेतों का कराया गया भ्रमण, साथ ही मडुआ की खेती का दिया गया प्रशिक्षण

इन वैज्ञानिकों ने दिया अपना योगदान

स्वचालित ड्रिप सिंचाई प्रणाली पर विगत दो वर्षों से विभिन्न सब्जी वर्गीय फसलों में सफल परीक्षण किया गया है। इस प्रणाली को विकसित करने में मृदा एवं जल अभियांत्रिकी विभाग के स्नातकोत्तर विद्यार्थी श्री जीत कुमार और सुश्री प्रीति गंजीर एवं ऑटोमेशन इंजिनीयर्स, रायपुर के श्री पुनीत शर्मा की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के कुलपति डॉ. एस.के. पाटील ने पिछले दिनों प्रक्षेत्र भ्रमण के दौरान इस स्मार्ट सेंसर युक्त स्वचलित ड्रिप सिंचाई प्रणाली का अवलोकन किया तथा इसे पानी के सदुपयोग की द्रष्टि से किसानों के लिए लाभकारी बताते हुए इसकी सराहना की।

किसान समाधान के YouTube चेनल की सदस्यता लें (Subscribe)करें

download app button
google news follow
whatsapp channel follow

Must Read

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
यहाँ आपका नाम लिखें

Latest News