सब्सिडी पर बांस उद्योग की स्थापना
किसानों को उद्यमी बनाने एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए सरकार देश भर में कृषि से जुडी कई योजनायें चला रही है | जिससे न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर मिले बल्कि किसानों की आय भी बढाई जा सके | किसानों की आय बढ़ाने के लिए ही सरकार ने बांस की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय बांस मिशन की शुरुआत की है | जिसमें बांस की खेती करने वाले किसानों को एवं बांस आधारित उद्योग की स्थापना करने वाले व्यक्तियों को सरकार द्वारा अनुदान दिया जाता है |
राष्ट्रीय बांस मिशन के तहत मध्य प्रदेश में बांस उद्धयोग बनाने के लिए सरकार भारी सब्सिडी उपलब्ध करा रही है | इसके लिए किसानों को बांस से जुड़े गाँव कस्बे में लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है | राष्ट्रीय बांस मिशन के तहत मध्य प्रदेश में इच्छुक व्यक्तियों से आवेदन मांगे गये हैं | इसके तहत विभिन्न प्रकार के उद्धयोग लगाए जाएंगे | यह सभी उद्योग बांस आधारित हैं | इसके लिए हितग्राही को लागत का 50 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जायेगा |
अनुदान पर पर बांस आधारित यह उद्योग कर सकते हैं स्थापित
मध्य प्रदेश सरकार राष्ट्रीय बांस मिशन के तहत विभिन्न प्रकार के उद्योग लगाने पर सब्सिडी दे रही है | जो इस प्रकार है :-
- बांस के ट्रीटमेंट एवं सीजनिंग प्लान्ट की स्थापना
- बांस प्रसंस्करण केंद्र एवं मूल्य सवंर्धन इकाई
- प्राथमिक बांस इकाई में बांस कचड़ा प्रबंधन
- अगरबत्ती इकाई
- बांस फर्नीचर
- बांस हस्तशिल्प / काटेज इंडस्ट्रीज
- एक्टिवेटेड कार्बन प्रोडक्ट इकाई
- बैम्बू बोर्ड/ मेट / कोरुगेटेड शीट्स / फ्लोर टाईल्स
- हाईटेक नर्सरी
- बिग नर्सरी
बांस आधारित उद्योग स्थापित करने हेतु कितनी सब्सिडी दी जाएगी
राष्ट्रीय बांस मिशन योजना के तहत 10 प्रकार के उद्धयोग शुरू करने के लिए सरकार लागत पर सब्सिडी उपलब्ध करा रही है | यह सब्सिडी 7.50 लाख से 60 लाख रूपये तक है जोकि लाभार्थी द्वारा लगाये जा रहे उद्योग की लागत पर निर्भर करता है |
बांस के ट्रीटमेंट एवं सीजनिंग प्लान्ट की स्थापना :-
इस योजना की लागत सरकार द्वारा 20 लाख रूपये तय की गई है, जिसपर सरकार की ओर से लाभार्थी को 50 प्रतिशत सब्सिडी जो अधिकतम 10 लाख रुपये है तक दी जाएगी |
बांस प्रसंस्करण केंद्र एवं मूल्य सवंर्धन इकाई :-
इस योजना की लागत सरकार द्वारा 30 लाख रूपये तय की गई है, जिसपर सरकार की ओर से लाभार्थी को 50 प्रतिशत सब्सिडी जो अधिकतम 15 लाख रुपये है तक दी जाएगी |
प्राथमिक बांस इकाई में बांस कचड़ा प्रबंधन :-
इस योजना की लागत सरकार द्वारा 25 लाख रूपये तय की गई है, जिसपर सरकार की ओर से लाभार्थी को 50 प्रतिशत सब्सिडी जो अधिकतम 12.5 लाख रुपये है तक दी जाएगी |
अगरबत्ती इकाई :-
इस योजना की लागत सरकार द्वारा 25 लाख रूपये तय की गई है, जिसपर सरकार की ओर से लाभार्थी को 50 प्रतिशत सब्सिडी जो अधिकतम 12.5 लाख रुपये है तक दी जाएगी |
बांस फर्नीचर :-
इस योजना की लागत सरकार द्वारा 25 लाख रूपये तय की गई है, जिसपर सरकार की ओर से लाभार्थी को 50 प्रतिशत सब्सिडी जो अधिकतम 12.5 लाख रुपये है तक दी जाएगी |
बांस हस्तशिल्प / काँटेज इंडस्ट्रीज :-
इस योजना की लागत सरकार द्वारा 15 लाख रूपये का तय की गई है, जिसपर सरकार की ओर से लाभार्थी को 50 प्रतिशत सब्सिडी जो अधिकतम 7.5 लाख रुपये है तक दी जाएगी |
एक्टिवेटेड कार्बन प्रोडक्ट इकाई :-
इस योजना की लागत सरकार द्वारा 2.0 करोड़ रूपये तय की गई है, जिसपर सरकार की ओर से लाभार्थी को 30 प्रतिशत सब्सिडी जो अधिकतम 60 लाख रुपये है तक दी जाएगी |
बैम्बू बोर्ड / मेट / कोरुगेटेड शीट्स / फ्लोर टाईल्स :-
इस योजना की लागत सरकार द्वारा 2.0 करोड़ रूपये तय की गई है, जिसपर सरकार की ओर से लाभार्थी को 30 प्रतिशत सब्सिडी जो अधिकतम 60 लाख रुपये है तक दी जाएगी |
हाईटेक नर्सरी :-
इस योजना की लागत सरकार द्वारा 50 लाख रूपये तय की गई है, जिसपर सरकार की ओर से लाभार्थी को 50 प्रतिशत सब्सिडी जो अधिकतम 25 लाख रुपये है तक दी जाएगी |
बिग नर्सरी :-
इस योजना की लागत सरकार द्वारा 16 लाख रूपये तय की गई है, जिसपर सरकार की ओर से लाभार्थी को 50 प्रतिशत सब्सिडी जो अधिकतम 8 लाख रुपये है तक दी जाएगी |
योजना के तहत कितना व्यय करना होगा ?
राष्ट्रीय बांस मिशन योजना के तहत लाभार्थी को लागत का 10 प्रतिशत कम से कम खुद से पैसा लगाना होगा | इसके साथ ही शेष पैसा सब्सिडी को छोड़कर जो 40 प्रतिशत होता है, उसे किसान बैंक से ऋण प्राप्त कर सकते हैं | यह ऋण प्राप्ति लागत का अधिकतम 40 प्रतिशत तक होगी |
योजना के तहत विभिन्न उद्योगों हेतु लक्ष्य
ऊपर दिये गये बांस उद्योग के लिए अलग-अलग लक्ष्य रखा गया है | लक्ष्य के अनुसार ही आवेदन स्वीकार किये जाएंगे |
- बांस के ट्रीटमेंट एवं सीजनिंग प्लान्ट की स्थापना :- इस योजना के तहत 4 यूनिट का लक्ष्य रखा गया है |
- बांस प्र्स्रन्स्क्रण केंद्र एवं मूल्य सवंर्धन इकाई :- इस योजना के तहत 2 यूनिट का लक्ष्य रखा गया है |
- प्राथमिक बांस इकाई में बांस कचड़ा प्रबंधन :- इस योजना के तहत 2 यूनिट का लक्ष्य रखा गया है |
- अगरबत्ती इकाई :- इस योजना के तहत 3 यूनिट का लक्ष्य रखा गया है |
- बांस फर्नीचर :- इस योजना के तहत 2 यूनिट का लक्ष्य रखा गया है |
- बांस हस्तशिल्प / काँटेज इंडस्ट्रीज :- इस योजना के तहत 1 यूनिट का लक्ष्य रखा गया है |
- एक्टिवेटेड कार्बन प्रोडक्ट इकाई :- इस योजना के तहत 1 यूनिट का लक्ष्य रखा गया है |
- बैम्बू बोर्ड / मेट / कोरुगेटेड शीट्स / फ्लोर टाईल्स :- इस योजना के तहत 1 यूनिट का लक्ष्य रखा गया है |
- हाईटेक नर्सरी :- इस योजना के तहत 1 यूनिट का लक्ष्य रखा गया है |
- बिग नर्सरी :- इस योजना के तहत 1 यूनिट का लक्ष्य रखा गया है |
अनुदान पर बांस उद्योग लगाने के लिए आवेदन कब करें ?
राष्ट्रीय बांस मिशन योजना के तहत बांस उद्योग लगाने के लिए आवेदन प्रक्रिया मध्यप्रदेश में अभी चल रही है | यह आवेदन पहले 15 सितम्बर 2021 तक थी जिसे बढ़कर 30 सितम्बर 2021 तक कर दिया गया है |
आवेदन कैसे करें ?
ऊपर दिये गये किसी भी योजना के लिए आवेदक एक प्रोजेक्ट तैयार करें | जिसमें योजना के तहत उद्योग लगाने का खर्च, कैसे लगाया जाएगा तथा कहाँ बेचा जायेगा तथा मुनाफाआदि जानकारी विस्तार से दें| आवेदक भूमि का विवरण भी प्रोजेक्ट के साथ लगायें, जिस पर उद्योग लगाया जाएगा |
आवेदक को ऋण प्राप्त करने और सब्सिडी प्राप्त करने के लिए प्रोजेक्ट की तीन प्रति बनाना होगा | इनमें से एक प्रति बैंक द्वारा निर्धारित प्रपत्र में आवेदन के साथ बैंक को, दूसरा प्रति निर्धारित प्रपत्र में आवेदन के साथ मिशन मुख्यालय को एवं तीसरा प्रति वनमंडलाधिकारी कार्यालय को दी जाएगी | यहाँ पर यह ध्यान देना होगा की किसी भी आवेदक को पहले बैंक का सहमति लेना जरुरी है | बैंक के सहमती के बाद ही आप के आवेदन को प्राथमिकता दिया जाएगा |