मुख्यमंत्री फसल ऋण माफी योजना के आवेदन पत्र ग्राम पंचायत स्तर पर 15 जनवरी से उपलब्ध होगें | समस्त ग्राम पंचायतों में 18 जनवरी तक हरी और सफेद सूचियाँ चस्पा होना सुनिश्चित किया गया है। योजना के तहत 22 फरवरी से किसानों को भुगतान होना है | पात्र किसानों की बकाया ऋण राशि की स्थिति स्पष्ट होने पर तत्काल किसानों के व्यक्तिगत खातों में ऋण माफी की राशि ट्रांसफर की जायेगी।
किसान आवेदन कहाँ कर सकेंगे ?
प्रदेश में 26 बैंकों की 7 हजार 500 शाखाओं के माध्यम से योजना का क्रियान्वयन किया जायेगा। ऑफ लाईन आवेदन पत्र हरे, सफेद तथा गुलाबी आवेदन-पत्रों में भरे जायेंगे, जो पर्याप्त मात्रा में जिलों में भेजे जा चुके हैं। इनका ग्राम पंचायतवार समुचित वितरण सुनिश्चित किया जाये। हरे आवेदन पत्र प्राप्त करते समय नोडल अधिकारी आवश्यक रूप से हरी सूची के सरल क्रमाँक आवेदन पर लिखना सुनिश्चित करें। चालीस लाख किसानों के नाम [email protected] पर अपलोड किये जा रहे हैं। मंगलवार 15 जनवरी से ग्राम पंचायतवार तथा शाखावार हरी और सफेद सूचियों को पोर्टल से डाउनलोड कर चस्पा करने की प्रक्रिया बनाई गई है। प्रति दिन ग्रामवार तथा शाखावार प्राप्त होने वाले आवेदनों की स्थिति की समीक्षा की जायेगी। उन्होंने निर्देश दिये कि प्रदर्शित की जाने वाली सूचियों में कृषकों के नाम हिन्दी में ही दर्ज हों।
5 फरवरी तक आधार से जोड़े जायेंगे फसल ऋण खाते
वे पात्र किसान, जिनके फसल ऋण खाते आधार से नहीं जुड़े हैं, उन्हें अभियान संचालित कर आधार से जोड़ा जायेगा। आधार से जुड़े फसल ऋण खातों के लिये हरे रंग और आधार से नहीं जुड़े फसल ऋण खातों के लिये सफेद रंग तथा किसी भी प्रकार की आपत्ति अथवा दावा प्रस्तुत करने के लिये गुलाबी रंग का आवेदन फार्म निर्धारित किया गया है।
फसल ऋण खातों को आधार से जोड़ने का कार्य 15 जनवरी से 5 फरवरी, 2019 तक प्रत्येक बैंक की प्रत्येक शाखा में अथवा समिति में किया जायेगा। योजना का लाभ लेने के लिये कृषक द्वारा आवेदन फार्म भरना अनिवार्य होगा। आवेदन फार्म ग्राम पंचायत और नगरीय निकाय में ऑफलाइन जमा कराये जायेंगे।
योजनांतर्गत पात्र किसानों को उनके पंजीकृत मोबाइल नम्बर पर माफ की गई ऋण राशि के भुगतान का संदेश एसएमएस द्वारा भेजा जायेगा। साथ ही, उन्हें ऋण मुक्ति प्रमाण-पत्र भी उपलब्ध कराया जायेगा। प्रत्येक बैंक शाखा और संबंधित ग्राम पंचायत में लाभार्थी किसानों की सूची चस्पा की जायेगी। योजना के प्रभावी क्रियान्वयन की जिम्मेदारी जिला स्तर पर कलेक्टर, अनुभाग स्तर पर अनुविभागीय अधिकारी, विकासखण्ड स्तर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत को सौंपी गई है।