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मंगलवार, जनवरी 21, 2025
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यूरिया-डीएपी के साथ टैगिंग कर अन्य उत्पाद बेचने वालों के खिलाफ की जाएगी कार्यवाही

यूरिया-डीएपी के साथ टैगिंग

इस वर्ष अच्छा मानसून रहने से रबी फसलों की बुवाई का क्षेत्र बढ़ने एवं अग्रिम बुवाई के कारण उर्वरकों की मांग ज्यादा बढ़ी है। ऐसे में कई स्थानों पर किसानों को यूरिया-डीएपी एवं अन्य खाद नहीं मिल पा रही है, जिसके लिए सरकार द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। इस बीच राजस्थान सरकार ने राज्य में यूरिया एवं डीएपी उर्वरकों के साथ अन्य उत्पादों जैसे कीटनाशक, खरपतवारनाशी, तरल यूरिया आदि की टैगिंग कर बेचने वालों के खिलाफ कृषि विभाग सख्त कार्यवाही करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। 

राजस्थान सरकार ने इस संबंध में उर्वरक आपूर्ति कम्पनियों और विक्रेताओं को निर्देश देते हुए कृषि उप निदेशकों को कार्यवाही करने के आदेश जारी कर दिए हैं। साथ ही बिना पीओएस मशीन के उर्वरक बेचने वालों के विरूद्ध आवश्यक कानूनी कार्यवाही करने के निर्देश भी दिए गए हैं।

टैगिंग करने वालों के विरूद्ध की जाएगी कार्यवाही

राजस्थान के कृषि आयुक्त श्री कानाराम ने बताया कि किसानों को मांग के अनुसार समय पर उर्वरक उपलब्ध कराना जरूरी है, जिसके लिए निरन्तर हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन इसी बीच कुछ आपूर्तिकर्ता कम्पनियों और उर्वरक विक्रेताओं द्वारा यूरिया एवं डीएपी के साथ सल्फर, नैनो यूरिया, हरबीसाईड, पेस्टीसाईड, सूक्ष्म तत्व मिश्रण जैसे अन्य उत्पादों की टैगिंग कर बेचना संज्ञान में आया है, जो सर्वथा अनुचित है। उन्होंने बताया कि ऐसा करना एफसीओ, 1985 एवं उर्वरक संचलन आदेश एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 का स्पष्ट उल्लंघन है। इस संबंध में केंद्रीय उर्वरक मंत्रालय ने भी टैगिंग नहीं करने तथा टैगिंग करने वालों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही करने के निर्देश जारी किए हैं।

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विक्रेताओं को दिखाना होगा उर्वरकों का स्टॉक एवं मूल्य सूची 

राजस्थान कृषि आयुक्त ने सभी उर्वरक आपूर्तिकर्ता कम्पनियों और विक्रेताओं को निर्देशित किया है कि वह यूरिया एवं डीएपी के साथ अन्य उत्पादों की टैगिंग नहीं करें तथा सभी उर्वरक विक्रेता अपने पास उपलब्ध उर्वरकों का स्टॉक मात्रा एवं मूल्य सूची प्रदर्शित करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि यदि इस संबंध में कोई शिकायत प्राप्त होती है तो एफसीओ, 1985 के तहत सख्त कार्यवाही की जाएगी।

कृषि आयुक्त श्री कानाराम ने सभी उप निदेशक कृषि (वि.). को अपने जिले में कार्यरत अधिकृत उर्वरक विक्रेताओं के प्रतिष्ठानों एवं भण्डारगृहों का समय-समय पर निरीक्षण करते हुए सीजन के दौरान उर्वरकों की बिक्री पर निरन्तर निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने उर्वरकों के साथ अन्य उत्पादों की टैगिंग करने, कालाबाजारी करने वाले व्यक्तियों एवं संस्थाओं तथा बिना पीओएस मशीन के उर्वरक बेचने वालों के विरूद्ध आवश्यक कानूनी कार्यवाही कर सूचना आयुक्तालय भिजवाने के निर्देश दिए हैं।

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