42 उन्नत किस्मों के बीज का उत्पादन
कम लागत में अधिक उत्पादन हेतु एवं किसानों की आय में वृद्धि के लिए लिए कृषि विश्वालयों एवं वैज्ञानिकों के द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं | पिछले एक वर्ष से देश कविड–19 से देश जूझ रहा है | इस स्थिति में देश में जहाँ सभी कार्य बंद है वहीं कृषि के क्षेत्र को इन पाबंदियों से दूर रखा गया है | ताजा उदहारण जवाहरलाल नेहरु कृषि विश्वविध्यालय का है | देश में बीज उत्पादन में अहम योगदान देने वाली संस्था ने देश के लिए कई बीजों का उत्पादन किया है | यह सभी बीज रबी फसल के हैं एवं खरीफ फसलों के बीजों का उत्पादन भी किया जा रहा है | विश्वविध्यालय के द्वारा विकसित सभी किस्में नई प्रजाति के है, जो आने वाले दिनों में किसानों को उपलब्ध करवाए जाएंगे |
कुलपति डॉ. प्रदीप कुमार बिसेन के निर्देशन और मार्गदर्शन में विश्वविध्यालय के 28 अनुसंधान केन्द्रों और प्रक्षेत्रों पर लगभग 666 हेक्टेयर क्षेत्र में उत्पादन किया है | उत्पादित किये गये बीज रबी सीजन की अलग-अलग फसलों के लिए है | किसान समाधान कृषि विश्वविध्यालय के द्वारा विकसित किये गये बीजों की जानकारी लेकर आया है |
किस फसल के कितने नई प्रजातियां विकसित किया गया है ?
जवाहरलाल नेहरु कृषि विश्वविध्यालय (जबलपुर) ने रबी 2020–21 सीजन में प्रजनक बीज उत्पादन कार्यक्रम विवि के 28 प्रक्षेत्रों पर लगभग 666 हेक्टेयर क्षेत्र में लिया था | इसके अंतर्गत विभिन्न फसलों की कई किस्में विकसित की गई हैं | यह सभी नई फसलें इस प्रकार है :-
- गेहूं की 13 किस्मों का उत्पादन
- चना की 6 किस्मों का उत्पादन
- मसूर की 3 किस्मों का उत्पादन
- अलसी की 7 किस्मों का उत्पादन
- रामतिल की 3 किस्मों का उत्पादन
- मटर की 6 किस्मों का उत्पादन
- चारा फसलों की 4 किस्मों का उत्पादन
किसान कब ले सकेंगे उन्नत किस्मों के बीज
जवाहरलाल नेहरु कृषि विश्वविध्यालय के द्वारा अलग-अलग फसलों की 42 नई प्रजातियां विकसित बीजों का उत्पादन किया है | इन सभी प्रजातियों की कटाई हो चुकी है, जिसका उत्पादन कुल 21 हजार क्विंटल है | उत्पादित प्रजनक बीजों की उन्नतशील प्रजातियों को रबी 2020–21 में भारत सरकार, मध्यप्रदेश शासन के विभिन्न शासकीय संस्थानों, एन.जी.ओ. बीज उत्पादन सहकारी समितियों, प्रगतिशील किसानों एवं अन्य को उपलब्ध करवाए जाएंगे |
जवाहरलाल नेहरु कृषि विश्वविध्यालय 15% बीज का उत्पादन करता है ?
जवाहरलाल नेहरु कृषि विश्वविध्यालय विगत डेढ़ दशकों से प्रजनक बीज उत्पादन के क्षेत्र में प्रथम स्थान पर है | देश में कुल बीज उत्पादन का 15% बीज इस विश्वविध्यालय के द्वारा किया जा रहा है | अभी विश्वविध्यालय में कुलपति डॉ.प्रदीप कुमार बिसेन के नेतृत्व में प्रजनक, बीज उत्पादन, वितरण तथा कृषि से जुड़े अन्य सभी कार्य चल रहा है |