back to top
28.6 C
Bhopal
मंगलवार, जनवरी 21, 2025
होमकिसान समाचारअब किसानों से सीधे MSP या उससे अधिक दामों पर सरकार...

अब किसानों से सीधे MSP या उससे अधिक दामों पर सरकार खरीदेगी तूर दाल, सरकार ने शुरू किया पोर्टल

तूर दाल खरीदी के लिए सरकार ने शुरू किया पोर्टल

देश में दलहन फसलों का उत्पादन बढ़ाने के साथ ही किसानों की आमदनी दोगुनी करने के उद्देश्य से सरकार द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए सरकार कृषि क्षेत्र में नई-नई तकनीकों का उपयोग कर रही है। इस कड़ी में गुरुवार, 5 जनवरी के दिन सरकार ने देश के दलहन किसानों के लिए एक पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल से किसान सीधे अपनी दलहन फसलों का पंजीकरण कर उसे बेच सकते हैं।

गुरुवार के दिन केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में तूर दाल उत्पादक किसानों के पंजीकरण, खरीद एवं भुगतान के लिए भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (NAFED) और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड (NCCF) द्वारा विकसित पोर्टल का लोकार्पण किया। बता दें कि दिल्ली में अभी दलहन की आत्मनिर्भरता को लेकर एक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम में ही सहकारिता मंत्री ने पोर्टल की शुरुआत की।

समर्थन मूल्य MSP या उससे अधिक दामों पर खरीदी जाएगी तूर दाल

पोर्टल का लोकार्पण करते हुए अमित शाह ने कहा कि आज हमने पोर्टल के जरिए ऐसी शुरुआत की है जिससे NAFED और NCCF के माध्यम से किसानों को एडवांस में रजिस्ट्रेशन कर तूर दाल की बिक्री में सुविधा होगी और उन्हें MSP या फिर इससे अधिक के बाजार मूल्य का डीबीटी के जरिए भुगतान हो सकेगा। उन्होंने कहा कि इस शुरुआत से आने वाले दिनों में किसानों की समृद्धि, दलहन के उत्पादन में देश की आत्मनिर्भरता और साथ ही पोषण अभियान को भी मजबूती मिलेगी। इसके साथ ही क्रॉप पैटर्न चेंजिंग के हमारे अभियान में गति आएगी और भूमि सुधार एवं जल संरक्षण के क्षेत्रों में भी बदलाव आएगा।

यह भी पढ़ें:  किसानों को इन दामों पर मिलेगा बीजी-1 और बीजी-2 का बीज, खरीदने से पहले करें यह काम

2027 तक दलहन उत्पादन में भारत होगा आत्मनिर्भर

सहकारिता मंत्री ने कहा कि दलहन के क्षेत्र में देश आज आत्मनिर्भर नहीं है, लेकिन हमने मूंग और चने में आत्मनिर्भरता प्राप्त की है। उन्होंने कहा कि भारत जैसे कृषि प्रधान देश में पानी की उपलब्धता बढ़ रही है और देश के अलग-अलग हिस्सों का अलग-अलग मौसम कृषि के लिए बहुत उपयोगी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने दलहन के उत्पादक किसानों पर बड़ी जिम्मेदारी डाली है कि वर्ष 2027 तक दलहन के क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भर हो। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि किसानों के सहयोग से दिसंबर 2027 से पहले दलहन उत्पादन के क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भर बन जाएगा और देश को एक किलो दाल भी आयात नहीं करनी पड़ेगी।

न्यूनतम समर्थन मूल्य पर होगी शत प्रतिशत खरीद

गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि कई बार दलहन उत्पादक किसानों को सटोरियों या किसी अन्य स्थिति के कारण उचित दाम नहीं मिलते थे, जिससे उन्हें बड़ा नुकसान होता था। इसके कारण किसान दलहन की खेती करना पसंद नहीं करते थे। उन्होंने कहा कि हमने निश्चित कर लिया है कि जो किसान उत्पादन करने से पहले ही NAFED और NCCF से अपना रजिस्ट्रेशन कराएगा, उसकी दलहन को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर शत-प्रतिशत खरीद कर लिया जाएगा।

इस पोर्टल पर रजिस्टर करने के बाद किसानों के दोनों हाथों में लड्डू होंगे। दलहन फसल आने पर अगर दलहन का दाम एमएसपी से ज्यादा होगा तो उसकी एवरेज निकाल कर भी किसान से ज्यादा मूल्य पर दलहन खरीदने का एक वैज्ञानिक फार्मूला बनाया गया है और इससे किसानों के साथ कभी अन्याय नहीं होगा। किसानों से अपील की कि वे NAFED और NCCF के साथ रजिस्टर करें और सरकार किसानों की दलहन खरीदेगी और उन्हें इसे बेचने के लिए कहीं भटकना नहीं पड़ेगा।

यह भी पढ़ें:  किसान अभी खेत में लगा सकते हैं यह फसलें, वैज्ञानिकों ने जारी की सलाह

किसान तुअर दाल बेचने के लिए करा सकते हैं पंजीकरण

महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, छत्तीसगढ़ और बिहार जैसे राज्यों के किसान दलहन के लिए अपनी भूमि के आकार का रजिस्ट्रेशन ई समृद्धि पोर्टल https://esamridhi.in/ पर करा सकते हैं। इसके बाद सरकार पंजीकृत किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP पर या बाजार भाव जो भी अधिक हो पर उपज की खरीदी करेगी।

रजिस्ट्रेशन एक बहुत सरल प्रकार की ऐप से सभी भाषाओं में हो सकता है। रजिस्ट्रेशन का एक्नॉलेजमेंट आने के बाद NAFED और NCCF कम से कम MSP पर किसानों की दलहन खरीदने को बाध्य हैं और साथ ही किसानों के सामने बाजार में अपनी दलहन बेचने का विकल्प भी खुला है। पोर्टल को काफी वैज्ञानिक तरीके से बनाया गया है, जिसमें आधार संख्या को सत्यापित किया जाता है, किसान की यूनिक आईडी बनाई जाती है, भूमि रिकॉर्ड के साथ यह एकीकृत किया जा चुका है और आधार बेस्ड पेमेंट के साथ इंटीग्रेटेड करके किसानों की उपज का मूल्य सीधा किसानों के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किए जाने की व्यवस्था है।

download app button
whatsapp channel follow

Must Read

1 टिप्पणी

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
यहाँ आपका नाम लिखें

Latest News