मछली पालन के लिए महीनेवार सामान्य जानकारी
जनवरी :
- टैंकों का निर्माण
- तालाबों/ टैंकों का नवीकरण जिसमें पुराने टैंकों की गाद निकालना और मरम्मत शामिल है।
फ़रवरी :
तालाबों की तैयारी
- चूना डालना : सामान्य दर पानी के क्षेत्र के अनुसार 250 किलोग्राम/ हेक्टेयर या 25 ग्राम /वर्ग मीटर।
- खाद डालना :चूना डालने के एक सप्ताह के बाद 20 टन प्रति हेक्टेयर की दर से खाद डालना चाहिए। आरम्भ में कुल मात्रा का आधा और बाद में आधा बराबर मासिक किस्तों में। उदाहरण के लिए 1 हेक्टेयर क्षेत्र (10000 वर्ग मीटर) के लिए खाद की कुल आवश्यकता 2000 किलो है यानी 1000 किलो शुरुआत में डालना चाहिए और बाकी बाद में मार्च से अक्तूबर तक 145 किलो प्रति माह की दर से।
- खाद डालने के बाद तालब को पानी से भर दें और 12-15 दिनों के लिए छोड़ दें।
- पुराने तालाबों के मामले में अवांछित मछली, पुराना मछली और हानिकारक कीटों को या तो स्वयं निकालकर या पानी को विषाक्तता बनाकर नष्ट करना चाहिए।
मार्च :
तालाबों में स्टॉकिंग करना
- स्टॉकिंग खाद डालने के 15 दिनों के बाद की जानी चाहिए जब पानी का रंग हरा हो, जो कि पानी में प्राकृतिक भोजन की उपस्थिति का संकेत है। स्टॉकिंग के लिए बादल वाले दिन या दिन का गर्म समय टाल देना चाहिए।
- स्टॉक की जाने वाली प्रजातियां हैं कॉमन कार्प, ग्रास कार्प और सिल्वर कार्प।
- प्रजातियों का अनुपात – कॉमन कार्प 3: ग्रास कार्प 2 : सिल्वर कार्प 1।
- स्टॉकिंग की दर – 15000 फिंगरलिंग्स/हेक्टेयर। उदाहरण के लिए 0.1 हेक्टेयर टैंक को 1500 फिंगरलिंग्स से 750 कॉमन कार्प : 500 ग्रास कार्प : 250 सिल्वर कार्प के अनुपात में स्टॉक किया जाना चाहिए।
- स्टॉकिंग 15 मार्च तक कर देनी चाहिए।
फीडिंग :
पहले महीने के दौरान अर्थात 15 अप्रैल तक, मछली के कुल बीज स्टॉक बायोमास के 3% की दर से, स्टॉकिंग के दो दिन बाद फीडिंग शुरु की जानी चाहिए। बाद में फीडिंग की दर 2% तक कम की जानी चाहिए। ग्रास कार्प को खिलाने के लिए कटी हुई रसीली घास की आपूर्ति भी की जानी चाहिए। फीडिंग रोज़ाना तीन बार की जानी चाहिए।
अप्रैल :
मछली पालन के तालाब बनाने के लिये स्थान का चुनाव उपयुक्त करें। पुराने तालाबों का सुधार/मरम्मत करें। नये तालाबों का निर्माण करें।
मई :
तालाबों की मिट्टी का रासायनिक विश्लेशण करें। पानी की जांच करें। अवांछनीय एवं भक्षक मछलियों को निकाल दें (1 मी. पानी की गहराई वाले तालाब में 25 कुन्तल महुआ की खली डालकर बार बार जाल चलाकर तालाबों से जलीय कीटों व खरपतवारों की सफाई सुनिश्चित करें।
जून :
तालाब में पानी आने जाने के रास्तों पर जाली लगाएं। चूना का प्रयोग करें। (250 किग्रा./है) व 1 से 1.5 मी. तक पानी भरें। उर्वरा षक्ति की वृद्धि हेतु 10-20 कुन्तल/है. माह कच्चे गोबर की खाद का प्रयोग करें ।
जुलाई :
तालाब में पानी आने जाने के रास्तों पर जाली लगाएं। चूना का प्रयोग करें। (250 किग्रा./है) व 1 से 1.5 मी. तक पानी भरें। उर्वरा शक्ति की वृद्धि हेतु 10-20 कुन्तल/है./माह कच्चे गोबर की खाद का प्रयोग करें।
अगस्त :
तालाब के पानी में प्लवकों का निरीक्षण करें व संतोषप्रद मात्रा को कायम रखें। मछलियों के भार का 2-3 प्रतिशत की दर से परिपूरक आहार दें।
सितम्बर :
तालाब के पानी में प्लवकों का निरीक्षण करें व संतोषप्रद मात्रा को कायम रखें। मछलियों के भार का 2-3 प्रतिशत की दर से परिपूरक आहार दें।
अक्टूबर :
मछलियों की वृद्धि की नाप जोख करें। कृत्रिम भोजन का प्रयोग करें। मछलियों के स्वास्थ्य की जाँच करते रहें व एवं जलीय कीटों का नियंत्रण करें।
नवंबर :
खाद व उर्वरक का प्रयोग करें। मछलियों को पर्याप्त मात्रा में परिपूरक आहार दें। अवांछनीय जलीय जीव जन्तुओं को निकालते रहें।
दिसम्बर :
पैदावार निकालना
टेबल मछली की पैदावार निकालने का काम मांग के अनुसार 15 नवम्बर से शुरु किया जा सकता है। एक समय में पूरी पैदावार निकालने की कोई जरूरत नहीं है, अच्छी कीमत पाने के लिए इसे सर्दी के तीन महीनों तक मांग के अनुसार बढ़ाया जा सकता है।
Intergrated fish farming (Fish +Duck) Details
जिला कृषि विभाग से प्रशिक्षण लेते हैं|