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गुरूवार, दिसम्बर 5, 2024
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फूलों की खेती पर सरकार दे रही है इतना अनुदान

फूलों की खेती के लिए अनुदान

किसान फूलों की खेती से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं, जिसको देखते हुए केंद्र सरकार किसानों को फूलों की खेती करने के लिए प्रोत्साहन स्वरूप अनुदान उपलब्ध कराती है। इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा समेकित बागवानी विकास मिशन MIDH योजना चलाई जा रही है। योजना के तहत किसानों को फूलों की खेती के लिए पॉली हाउस/ शेड नेट हाउस आदि के लिए भी अनुदान दिया जा रहा है। यह जानकारी 8 दिसंबर के दिन राज्य सभा में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने दी।

राज्यसभा में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कृषि राज्य मंत्री ने बताया कि पिछले दो वर्षों के दौरान फूलों की खेती सहित बागवानी को बढ़ावा देने के लिए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं के तहत 248 कोल्ड स्टोरेज खोले गए हैं।

किसानों को फूलों की खेती के लिए कितना अनुदान दिया जाता है?

कृषि राज्य मंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि दुसरे अग्रिम अनुमान 2022–23 के अनुसार देश में फूलों की खेती का कुल क्षेत्रफल 2.72 लाख हेक्टेयर है और देश मे फूलों की खेती के अंतर्गत 10.47 टन/हेक्टेयर की औसत उपज होती है। उन्होंने बताया कि एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के तहत किसानों को निम्न अनुदान दिया जाता है:-

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मद
फूलों की खेती में आने वाली लागत
फूलों की खेती पर दिया जाने वाला अनुदान सब्सिडी
क्षेत्र विस्तार (प्रति लाभार्थी अधिकतम 2 हेक्टेयर के लिए)

कट फ्लावर्स

1.00 लाख रूपये/हेक्टेयर

छोटे और सीमांत किसानों के लिए लागत का 40% और सामान्य क्षेत्रों में अन्य श्रेणी के किसानों के लिए लागत का 25%, पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों, जनजातीय उपयोजना क्षेत्रों, अंडमान और निकोबार और लक्षद्वीप समूह में लागत का 50% अनुदान किसानों को दिया जाता है।

वल्बलोज फ्लावर्स

1.50 लाख रूपये/हे.

लूज फ्लावर्स

0.40 लाख रूपये/हे.

संरक्षित खेती
  

पॉली हाउस/शेड नेट हाउस के तहत आर्किड और एन्थ्यूरियम की खेती और रोपण सामग्री की लागत

700 लाख रूपये / वर्ग मीटर

लागत का 50% जो 4000 वर्ग मीटर प्रति लाभार्थी तक सीमित है।

पॉली हाउस / शेड्ने ट हाउस के तहत रोपण सामग्री और कार्नेशन और जरबेरा की खेती की लागत

610 लाख रूपये /वर्ग मीटर

लागत का 50% जो 4000 वर्ग मीटर प्रति लाभार्थी तक सीमित।

पॉली हाउस/शेड नेट हाउस के तहत गुलाब और लिलियम की खेती और रोपण सामग्री की लागत

426 रूपये/ वर्ग मीटर

लागत का 50% जो 4000 वर्ग मीटर प्रति लाभार्थी तक सीमित।

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इसके अलावा, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने चुनिन्दा उच्च मूल्य वाली बागवानी फसलों के लिए बागवानी क्लस्टर विकास कार्यक्रम (एचसीडीपी) शुरू की है। यह कार्यक्रम बागवानी समूहों की भौगोलिक विशेषज्ञता का लाभ उठाने और उत्पादन-पूर्व, उत्पादन के दौरान, उत्पादन-उपरान्त, लाँजिस्टिक, ब्रांडिंग और विपणन गतिविधियों के एकीकृत और बाजार आधारित विकास को बढ़ावा देने के लिए तैयार किया गया है। एचसीडीपी के तहत, पुष्पकृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और तामिलनाडू राज्यों मे पुष्पकृषि के लिए 3 समूहों की भी पहचान की गई है।

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