डेयरी एंड कैटल एक्सपो 2023
देश में किसानों को कृषि की नई तकनीकों से अवगत कराने के लिए समय-समय पर कृषि मेलों का आयोजन किया जाता है। ठीक इसी तर्ज़ पर बिहार में 3 दिवसीय डेयरी एंड कैपिटल एक्सपो का आयोजन किया जा रहा है। इसमें देशी-विदेशी दोनों नस्लों की गायों की प्रतियोगिता के साथ ही मिल्किंग प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। बिहार डेयरी एवं कैटल एक्सपो में पशुओं का आना शुरू हो गया है।
डेयरी एंड कैटल एक्सपो का आयोजन 21 दिसंबर से 23 दिसंबर 2023 तक तीन दिनों के लिए किया जाएगा। इस मेले का आयोजन बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना के खेल मैदान में किया जाएगा। जिसका उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा 12:30 पर किया जाएगा। इस अवसर पर बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव भी उपस्थित रहेंगे। समारोह की अध्यक्षता पशु एवं मत्सय संसाधन मंत्री मो. आफ़ाक आलम करेंगे।
अधिक दूध देने वाली गाय को मिलेगा पुरस्कार
पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, कॉमफेड, बिहार पशु विभाग विश्वविद्यालय और कृषिका के संयुक्त तत्वाधान में हो रहे एक्सपो का मुख्य आकर्षण मिल्किंग और ब्रीड प्रतियोगिता होगी। 21 दिसंबर को मिल्किंग प्रतियोगिता में देसी-विदेशी दोनों नस्लों की गायों की अलग-अलग प्रतियोगिता होगी, जिसमें 20 लीटर से अधिक दूध देने वाली विदेशी और 10 लीटर से अधिक दूध देने वाली देसी गायें शामिल होंगी। इसमें जीतने वाली गायों को पुरस्कार दिया जाएगा। प्रथम पुरस्कार 51,000 रुपए, द्वितीय पुरस्कार 21,000 रुपये और दोनों श्रेणियों में 11,000 रुपए के 5-5 प्रोत्साहन पुरस्कार भी रखे गए हैं।
डेयरी एवं कैटल एक्सपो में पहुँचा मुर्रा भैंसा गोलू-2
इस एक्सपो में भाग लेने के लिए देश का मशहूर मुर्रा भैंसा गोलू-2 भी हरियाणा से बिहार पहुँच चुका है। इस भैंसे का वजन 15 क्विंटल यानी की 1500 किलोग्राम है। एक साल में इसका सीमन 25 लाख में बिकता है। गोलू-2 मंगलवार को हरियाणा के पानीपत से पटना आ गया है। भैंसा का मालिक पानीपत निवासी पद्मश्री सम्मान प्राप्त किसान नरेंद्र सिंह है।
बताया जाता है कि इस भैंसे की क़ीमत लगभग 10 करोड़ रुपए है। यह मुर्रा भैंसा की तीसरी पीढ़ी है, इसके दादा का नाम था गोलू था जिसके नाम पर इस भैंसे का नाम गोलू-2 रखा गया है। भैंसा को रोजाना 30 किलो चारा, सात किलो गेहूं-चना व 5 ग्राम मिनरल मिक्सचर दिया जाता है। रोज तीन किलो सरसों के तेल से उसकी मालिश भी की जाती है।
जय जवान जय किसान किसान कभी खुश हो नहीं पाते हैं और किस का बच्चे खेती करना नहीं चाहते हैं पशुपालन करना नहीं चाहते हैं इसलिए नई जिंदगी और नई सोच और नई क्वालिटी हर गांव में चौपाल लगनी चाहिए और डेयरी फार्म किस सुविधा होनी चाहिए चौपाल में सारी किसान अपनी बात रखेंगे