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मंगलवार, जनवरी 14, 2025
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भारतीय कपास निगम ने 5,543 किसानों को निःशुल्क वितरित की कपास प्लकर मशीन

कपास प्लकर मशीन वितरण

भारतीय कपास निगम लिमिटेड (सीसीआई) ने कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) के तहत सभी कपास उत्पादक राज्यों (आकांक्षी जिलों सहित) में 5,543 सीमांत और छोटे किसानों के बीच करीब चार करोड़ रूपये की कीमत की कपास प्लकर मशीने वितरित की है | कपास प्लकर मशीने कपास उत्पादक सभी राज्यों के किसानों को दी गई है |

भारत में हाथों के द्वारा अधिकांश कपास पौधों से अलग किया जाता है, जिसके लिए ज्यादा श्रमबल की आवश्यकता पड़ती है | अमेरिका, आस्ट्रेलिया आदि जैसे दुसरे प्रमुख कपास उत्पादक देशों के विपरीत, भारत में कपास किसानों की छोटी भूमि जोत, बुवाई/कपास को पौधे से निकलने के पैटर्न (3 से 4 तुड़ाई) और अलग–अलग राज्यों में अलग–अलग जलवायु परिस्थितियों के कारण बड़ी मशीनों द्वारा पूरी तरह से मशीनीकृत कटाई भारत में सफल नहीं हुई है |

इसलिए किसानों के लिए लागत को कम करने के लिए हाथ से नियंत्रित कपास प्लकर मशीन (कपास को पौधे से अलग करने की मशीन) एक विकल्प है और मानव श्रम के साथ कपास को पौधे से अलग करने (मैनुअल पिंकिंग) के कारण खेतों के स्तर पर संदूषण को रोकने का एक हल है |

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क्या है कपास प्लकर मशीन (Cotton Plucking Machine)

भारत में कपास की खेती करने वाले किसानों के लिए बहुत काम की मशीन है | हाथ से नियंत्रित कपास प्लकर मशीन एक हल्के वजन (लगभग 600 ग्राम) की है, जिसके अंदर रोलर्स की एक जोड़ी होती है जिसके बाहरी परिधि पर छोटे किनारों वाले दांत होते हैं और यह हल्के वजन 12 वाल्ट द्वारा संचालित होता है | कपास रोलर्स में उलझ जाता है और सीधे उससे जुड़े कलेक्शन बैग में इकट्ठा हो जाता है | मशीन का डिज़ाइन उसे क्षेत्र में काम करने के लिहाज से आसान बनाता है और यह 8,000 रूपये (लगभग) प्रति मशीनों की कम कीमत के साथ किफायती भी है |

कपास प्लकर मशीन से क्या लाभ है ?

  • कपास किसानों के लिए मैनुअल पिकिंग में स्वास्थ खतरों के जोखिम को कम करना (यानी कीड़े के काटने का जोखिम, लंबे समय तक खड़े रहने के कारण पीठ दर्द, पैरों और हाथों में चोट लगना/काटना आदि) |
  • कपास की कटाई के कौशल में सुधार, दुर्लभ और महंगे श्रम पर निर्भरता कम करना तथा कपास किसानों को आत्मनिर्भर बनाना |
  • खेतों के स्तर पर संदूषण को कम करके कपास की गुणवत्ता में सुधार करना |
  • कटाई की लागत में कमी (श्रम की कम आवश्यकता), कम कचरा एवं संदूषण और बेहतर गुणवत्ता वाले कपास की बिक्री पर प्रीमियम के साथ कपास किसानों का वित्तीय लाभ बढ़ सकता है |
  • अच्छी गुणवत्ता वाले स्वदेशी कपास की उपलब्धता के कारण सूती धागे, वस्त्र और मूल्य वर्धित उत्पादनों की गुणवत्ता में भी वृद्धि होगी जिससे विदेशी मुद्रा आय में वृद्धि हो सकती है |
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किस राज्य में कितनी मशीनें वितरित की गई

भारतीय कपास निगम द्वारा देश के किसानों को 5,543 कपास प्लकर मशीन दी गई हैं | यह मशीन अलग–अलग कपास उत्पादक राज्यों को दी गई है | इसमें पंजाब (100), हरियाणा (135), राजस्थान (120), गुजरात (600), महाराष्ट्र (839), मध्यप्रदेश (626), तेलंगाना (547), कर्नाटक (1228), उड़ीसा (700) राज्य में कपास प्लकर मशीने दी गई हैं |

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