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मंगलवार, जून 25, 2024
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जल्द ही मिट्टी जांच प्रयोगशालाओं के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों के पदों पर निकलेगी भर्ती

फसलों के बेहतर उत्पादन में मिट्टी की सेहत का महत्वपूर्ण योगदान है, ऐसे में किसानों को उनकी खेतों की मिट्टी की सेहत की सही जानकारी मिल सके इसके लिए सरकार द्वारा किसानों के खेतों की मिट्टी की जांच की जाती है। इसके लिए लैब की आवश्यकता होती है और उसमें कई अधिकारियों और कर्मचारियों की आवश्यकता होती है। ऐसे में अभी बिहार की मिट्टी जांच प्रयोगशाला में कई पद रिक्त पड़े हुए हैं, जिस पर जल्द ही भर्ती की जाएगी।

दरअसल बिहार के युवाओं के लिए जल्द कृषि विभाग में वैकेंसी आने वाली है। ये वैकेंसी मिट्टी जांच लैब में नौकरी के लिए आ रही है। इसकी जानकारी बिहार के कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने गुरुवार को कृषि भवन में मिट्टी स्वास्थ्य एवं उर्वरता योजना की समीक्षा बैठक में दी है। इस बैठक में उन्होंने विभागीय योजनाओं की समीक्षा की और जल्द ही खाली पदों के भरे जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश को देखते हुए कृषि विभाग के अंतर्गत मिट्टी जांच लैब के सभी स्तरों के रिक्त पदों पर जल्द बहाली की जाएगी। उन्होंने रिक्त पदों पर बहाली की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश संबंधित अधिकारियों को दे दिया है।

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इन पदों पर की जाएगी भर्ती

बैठक में जानकारी दी गई कि राज्य की मिट्टी जांच प्रयोगशालाओं में सहायक अनुसंधान पदाधिकारी के 207, प्रयोगशाला सहायक के 75, सहायक निदेशक (रसायन) मिट्टी जांच के 26, लिपिक के 22 पदों समेत कार्यालय स्तर के कई अन्य पद रिक्त हैं, जिन पर शीघ्र नियुक्ति की जाएगी। साथ ही राज्य के 9 प्रमंडलों की चलंत मिट्टी जांच प्रयोगशाला को सुचारू रूप से चलाने के लिए तकनीकी कर्मियों की बहाली की जायेगी, जिससे समय पर मिट्टी की जांच की जा सके।

कृषि मंत्री ने पूरे कृषि विभाग के लिपिकों के लिए एक कैडर बनाकर 15 दिनों में नियमावली बनाने का निर्देश अधिकारियों को दिया। जिससे मिट्टी जांच प्रयोगशाला समेत कृषि विभाग के अन्य कार्यालयों में लिपिकों के रिक्त पदों पर नियुक्ति की जा सके।

इस साल 5 लाख मिट्टी नमूनों की होगी जांच

कृषि मंत्री ने कहा इस वित्तीय वर्ष में राज्य के सभी गाँवों से कुल 5 लाख मिट्टी जांच नमूनों का लक्ष्य रखा है। अब तक 4,17,275 नमूने लिए जा चुके हैं। मिट्टी जांच का उद्देश्य परिणाम के आधार पर संतुलित मात्रा में उर्वरक के प्रयोग को प्रोत्साहित करते हुए कृषि योग्य मिट्टी को स्वस्थ्य रखना, फसल उपज में वृद्धि लाना एवं खेती की लागत को कम करना है। बिहार में ग्राम स्तरीय 72, जिला स्तरीय 38 और गया, मुंगेर व भागलपुर अनुमंडल में 3 मिट्टी जांच प्रयोगशाला कार्यरत हैं। इसके अतिरिक्त प्रमंडल स्तर पर 9 चलंत मिट्टी जाँच प्रयोगशाला है।

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कृषि मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि चलंत मिट्टी जांच प्रयोगशालाओं के लिए रूट चार्ट तय किया जाये, ताकि किसानों को यह पता चले कि उनके गाँव में कब चलंत प्रयोगशाला जाएगी। साथ ही खरीफ सीजन में किसान चौपाल, दीवार लेखन एवं होर्डिंग के जरिये किसानों को मिट्टी जांच के लिये जागरूक किया जाए, उसके लाभ बताये जाएं।

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