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नई गन्ना सट्टा नीति के तहत किसान अधिकतम बेच सकेंगे 6,750 क्विंटल गन्ना

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गन्ने के सट्टे एवं आपूर्ति नीति

गन्ने के मूल्य में बढ़ोत्तरी के बाद गन्ने के किसानों को अगले माह से गन्ने की आपूर्ति शुरू हो जाएगी | इस वर्ष केंद्र सरकार ने गन्ने के लाभकारी मूल्य FRP में 5 रूपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की है | जिससे केंद्र द्वारा गन्ने का मूल्य 290 रूपये प्रति क्विंटल हो गया है | उतर प्रदेश सरकार ने गन्ने का मूल्य 315 रूपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है | सरकार ने अगले पेराई सत्र के लिए गन्ने की नयी सट्टा नीति घोषित कर दी है। इसके तहत गन्ने के बढ़ते उत्पादन को देखते हुए प्रति किसान प्रति हेक्टेयर गन्ने की आपूर्ति सीमा बढ़ा दी गयी है | इस लक्ष्य के अनुसार ही किसान गन्ना को चीनी मिल को बेच सकते हैं |

किसान प्रति हेक्टेयर कितना गन्ना बेच सकते हैं ?

उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के किसानों के लिए नई गन्ना सट्टा नीति जारी की है | इस नीति के अनुसार ही किसानों को गन्ना बेचने का लक्ष्य दिया जा रहा है | राज्य के सीमांत, लघु सीमांत तथा सामन्य किसान अधिकतम गन्ना बेचने का लक्ष्य इस प्रकार निर्धारित किया गया है |

  • सीमांत कृषक (1 हेक्टेयर तक) – 850 क्विंटल
  • लघु सीमांत किसान (2 हेक्टेयर तक) – 1,700 क्विंटल
  • सामान्य कृषक (5 हेक्टेयर तक) – 4,250 क्विंटल

इसके अलावा उपज में बढ़ोतरी की दशा में गन्ने की खरीदी लक्ष्य को बढ़ाया जाएगा | प्रदेश सरकार ने राज्य के किसानों के लिए गन्ने के अधिक पैदावार होने पर लक्ष्य निर्धारित कर दिया है |

  1. सीमांत कृषक (1 हेक्टेयर तक) – 1,350 क्विंटल
  2. लघु सीमांत किसान (2 हेक्टेयर तक) – 2,700 क्विंटल
  3. सामान्य कृषक (5 हेक्टेयर तक) – 6,750 क्विंटल

गन्ने बेचने के लिए लक्ष्य कैसे निर्धारित किया गया ?

उत्तर प्रदेश के गन्ना विकास विभाग के द्वारा आपूर्तिकर्ता कृषकों की अधिकतम गन्ना आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए पिछले 2 वर्ष, 3 वर्ष तथा 5 वर्ष की औसत गन्ना आपूर्ति में से अधिकतम औसत गन्ना आपूर्ति को पेराई सत्र 2021–22 के लिए बेसिक कोटा माने जाने का निर्देश दिये गये हैं | जो किसान नये सदस्य बने हैं या एक वर्ष से गन्ने की आपूर्ति कर रहे हैं , उस किसान को एक वर्ष का ही बेसिक कोटा माना जायेगा |

गन्ना बेचने के लिए इन किसानों को दी जाएगी प्राथमिकता

  • किसान की मृत्यु हो जाने पर उसके परिवार के सदस्य को गन्ना बेचने के लिए मान्य रहेगा | लेकिन यह सुविधा सिर्फ इस गन्ना स्तर के लिए ही रहेगी |
  • इसके अलावा अर्द्ध सैनिकों, सैनिकों, भूतपूर्व सैनिकों एवं स्वतंत्रता सेनानियों को गन्ना बेचने में प्राथमिकता दी जाएगी | इसके लिए उन्हें जारी प्रमाण-पत्र को दिखाना जरुरी है |

औसत उपज से ज्यादा होने पर किसान अधिक पैदावार को कैसे बढायें ?

किसी किसान को ऐसा लगता है की उनका गन्ने का उत्पादन पहले से अधिक होने वाला है तो ऐसी स्थिति में किसान क्राप कटिंग से पहले अंतिम तिथि 30 सितम्बर 2021 तक शुल्क के साथ आवेदन कर लक्ष्य को बढा सकते हैं | इसके साथ ही ड्रिप सिंचाई से गन्ने का उत्पादन करने वाले किसानों को अतिरिक्त सट्टे में प्राथमिकता दी जाएगी तथा अतिरिक्त सट्टे में अस्वीकृति गन्ना प्रजातियों को प्राथमिकता नहीं दी जाएगी | ट्रेंच विधि से बुवाई, सहफसली खेती एवं ड्रिप के प्रयोग एक ही खेत पर शुरू करने वाले चयनित उत्तम गन्ना कृषकों से उपज बढ़ोत्तरी के प्रार्थना – पत्र नि:शुल्क प्राप्त किये जाएंगे |

गन्ने के सर्वे से लेकर गन्ने की आपूर्ति की समय सरणी जारी कर दिया गया है ?

उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के गन्ना किसानों के लिये सर्वे से लेकर गन्ने की आपूर्ति के लिए समय सारणी जारी कर दी है | किसान इस समय सरणी के आधार पर गन्ने के नए सदस्य तथा गन्ने की आपूर्ति कर सकते हैं |

  • कृषकवार सर्वे एवं सट्टा सूची का ग्रामवार प्रदर्शन 20/072021 से 30/08/2021 के मध्य रहेगा |
  • प्री–कलेंडर का ऑनलाइन वितरण 01/09/2021 से 10/09/2021 तक है |
  • समिति स्तरीय सत्ता प्रदर्शन 11/09/2021 से 30/09/2021 तक है |
  • गन्ना समितियों के नये सदस्य की भर्ती 30/09/2021 तक है |
  • कृषकवार सत्ते की मात्रा का आगमन 10/10/2021 तक है |

किसान कब से गन्ना बेच सकते हैं ?

राज्य के किसानों को गन्ना बेचने के लिए मोबाईल पर मैसेज भेजा जायेगा | किसानों हेतु ई.आर.पी. एवं मोबाईल एप पर अंतिम व्यवस्था के अंतर्गत कृषकों के लिए सुलभ स्थान पर एक अतिरिक्त टर्मिनल लगा कर पूछ-ताछ केंद्र स्थापित किया जाएगा | गन्ना आपूर्ति के सम्बंध में कोई विशेष तात्कालिक समस्या उत्पन्न होने की स्थिति में जिला गन्ना अधिकारी एवं क्षेत्रीय उप गन्ना द्वारा नियमानुसार समस्या का त्वरित निराकरण कराया जाएगा | गन्ना किसान किसी भी समस्या के निराकरण के लिए टोल फ्री नम्बर 1800-121-3203 पर फोन करके शिकायत दर्ज करा सकते हैं |

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