Home किसान समाचार कृषि अधिकारियों ने बताया मिट्टी के नमूने लेने का सही तारिका, जांच...

कृषि अधिकारियों ने बताया मिट्टी के नमूने लेने का सही तारिका, जांच के लिये यहां करना होगा जमा

 |  |
mitti namuna lene ki vidhi

लगातार सघन खेती, कार्बनिक अंश की कमी के कारण मिट्टी की उपजाऊ शक्ति कमजोर हो रही है। मिट्टी में बहु पोषक तत्वों, सूक्ष्म पोषक तत्वों, जल धारण क्षमता में कमी के कारण फसलों की पैदावार में कमी आती जा रही है। ऐसे में इनका उचित प्रबंधन करना बहुत जरुरी हो गया है। यह बात दौसा के संयुक्त निदेशक कृषि विस्तार डॉ. प्रदीप कुमार अग्रवाल ने कही।

संयुक्त निदेशक कृषि विस्तार ने बताया कि वर्ष 2024-25 में जिले को कुल 30 हजार मृदा नमूने संग्रहण के लक्ष्य प्राप्त हुए हैं जिनका आवंटन जिले के समस्त 196 कृषि पर्यवेक्षकों को दिया गया है। प्रत्येक कृषि पर्यवेक्षक मुख्यालय को 153 मृदा नमूने संग्रहण करने के लक्ष्य आवंटित कर 31 मई तक मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला दौसा, बांदीकुई, मंडावर में जमा कराने के निर्देश दिये गये हैं।

किसान यहाँ करायें मिट्टी और पानी की जांच

मिट्टी के नमूनों का संग्रहण मोबाइल एप के माध्यम से ऑनलाइन किया जा रहा है। ऐसे में जो किसान अपने खेत की मिट्टी व नलकूप या कुएं के पानी की जांच करवाना चाहते हैं वे मिट्टी और पानी का सैंपल लेकर कृषि पर्यवेक्षक या मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला दौसा, बांदीकुई, मंडावर में जमा करवाकर निर्धारित शुल्क 5 रुपये जमा करके जांच रिपोर्ट प्राप्त कर सकते हैं।

कृषि अनुसंधान अधिकारी रसायन दौसा मनोज कुमार मीना ने बताया कि अप्रैल एवं मई महीने में खेत ख़ाली रहते हैं। इस समय किसान अपने खेतों की मिट्टी की जांच अवश्य करवायें और कृषि विभाग द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली मृदा जांच रिपोर्ट की सिफारिश अनुसार ही खाद एवं उर्वरकों का प्रयोग करें। सहायक कृषि अनुसंधान अधिकारी रसायन दौसा गजेंद्र मीना ने किसानों को मिट्टी व पानी की जांच करने के बारे में तकनीकी जानकारी दी व किसानों के साथ मिलकर खेतों से मिट्टी के सैंपल एकत्रित किए।

किसान इस तरह लें मिट्टी के सैंपल

कृषि अधिकारी प्रशिक्षण दौसा अशोक कुमार मीना ने बताया कि सबसे पहले खेत की मिट्टी की ऊपरी सतह साफ कर रेंडमली या (Zigzag) आधार पर 8 से 10 स्थानों का चयन कर 15 सेंटीमीटर गहरा गड्डा खोदकर खुरपी की सहायता से परत के रूप में मिट्टी एकत्रित करते हैं। एकत्रित मिट्टी को हाथ से अच्छी तरह मिलाकर ढेर बना लेते हैं उसके बाद बीच में आड़ी व खड़ी लाइन डालकर चार भाग कर लेते हैं। आमने सामने के दो भाग फेंक दे व दो भागों को फिर से अच्छी तरह मिलाएँ पुनः ढेर बनाकर चार भाग करके उक्त प्रक्रिया को तब तक दोहराएँ जब तक मिट्टी लगभग 500 ग्राम नहीं रह जाए। इस तरह मिट्टी को साफ कपड़े की थैली में भरें।

किसानों ने जो मिट्टी के नमूने को जांच के लिये थैली में रखा है उस पर किसान का नाम, पता, मोबाइल नंबर, खेत की पहचान, खसरा नम्बर एवं बोई जाने वाली सिंचित अथवा असिंचित फ़सल की जानकारी आदि एक लेबल थैली के ऊपर व एक अंदर बांध दें। इसके बाद थैली को मिट्टी जांच के लिये नजदीकी कृषि विभाग के कार्यालय या मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला में जमा करायें।

मिट्टी जांच से यह लाभ मिलेगा

कनिष्ठ वैज्ञानिक सहायक दौसा गजेंद्र सिंह राठौर ने बताया कि किसान अपने खेतों की मिट्टी की जांच अवश्य करायें जिससे आवश्यकता से अधिक रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग पर नियंत्रण किया जा सके। किसान कृषि विभाग द्वारा उपलब्ध करवाई जाने वाली मिट्टी की जांच रिपोर्ट की सिफारिश के अनुसार ही फसलों में खाद एवं उर्वरक का उपयोग करें जिससे कम लागत से अधिक उत्पादन प्राप्त किया जा सके व कृषि में आ रही लागत को भी कम किया जा सके। लवणीय व क्षारीय समस्याग्रस्त क्षेत्रों की पहचान कर भूमि सुधार किया जा सकता है।

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
यहाँ आपका नाम लिखें

Exit mobile version