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इन किसानों को नहीं दिया जाएगा सरकारी योजनाओं का लाभ, ना ही खरीदी जाएगी समर्थन मूल्य पर धान

fasal avshesh combine harvester

फसल अवशेष जलाने वाले किसानों को किया जाएगा योजनाओं से वंचित

देश में किसान हित में सरकार द्वारा कई योजनाएँ चलाई जा रही हैं, जिसका लाभ किसानों को दिया जाता है। लेकिन बिहार सरकार ने इस वर्ष फसल अवशेष जलाने वाले किसानों से समर्थन मूल्य पर धान नहीं खरीदने का निर्णय लिया है। साथ ही ऐसे किसानों को डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफ़र) के माध्यम से मिलने वाले अनुदान से भी वंचित करने का निर्णय लिया है। शुक्रवार को बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी की अध्यक्षता में फसल अवशेष प्रबंधन विषय पर आयोजित बैठक में यह फैसला लिया गया है।

बैठक के प्रारंभ में कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने अधिकारियों को खेतों में फसल अवशेष जलाने से होने वाले गंभीर नुकसान और फसल अवशेष प्रबंधन पर जानकारी दी। मुख्य सचिव ने कहा कि अक्टूबर महीने में ही वायु गुणवत्ता सूचकांक के अनुसार वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ता दिख रहा है। जैसे-जैसे धान की कटाई का समय आयेगा स्थिति और बिगड़ने की आशंका है। इसलिए अभी से अधिकारी सतर्कता बरतना शुरू करें।

किसानों पर की जाएगी यह कार्रवाई

मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि वैसे किसान जिनका फसल अवशेष जलाने की वजह से डीबीटी पंजीकरण रद्द किया गया है उन किसानों की सूची प्रखंड कार्यालयों में प्रदर्शित की जाये। फसल अवशेष जलाने वाले किसानों को डीबीटी के माध्यम से मिलने वाले अनुदान से वंचित किया जा रहा है अब उन्हें धान अधिप्राप्ति के लाभ से भी वंचित करने की कार्यवाही की जाए।

निर्देश के बाद भी बार-बार फसल अवशेष जलाने वाले किसानों पर सुसंगत धाराओं के तहत आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। ताकि अन्य किसान ऐसा करने से बचें। उन्होंने धान की कटाई के समय रियल टाइम फसल अवशेष जलाने की घटनाओं की निगरानी करने के लिए मुख्यालय स्तर पर कंट्रोल रूम बनाकर निगरानी करने के निर्देश भी दिए।

कंबाइन हार्वेस्टर मालिकों को देना होगा शपथ पत्र

कृषि सचिव ने जिला अधिकारियों को फसल अवशेष प्रबंधन से संबंधित अंतर-विभागीय ज़िला स्तरीय कार्य समूह की बैठक करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिला कृषि अधिकारी के पास पंचायतवार कंबाइन हार्वेस्टर की विवरणी उपलब्ध है। जिलाधिकारी फ़सल कटनी के पूर्व हार्वेस्टर मालिक संचालक के साथ बैठक कर उन्हें फसल अवशेष न जलाने के लिए सचेत करें। कंबाइन हार्वेस्टर मालिक संचालक को फसल अवशेष न जलाने का शपथ पत्र लिया जाए। फसल अवशेष प्रबंधन के लिए होर्डिंग के माध्यम से प्रचार प्रसार किया जाए।

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