आंधी-बारिश एवं ओला वृष्टि का सर्वे
पिछले कुछ दिनों से देश के कई राज्यों में बारिश एवं ओलावृष्टि से किसानों को फसलों को काफी नुकसान हुआ है। ऐसे में अलग-अलग राज्य सरकारों के द्वारा किसानों को हुए इस नुकसान का आंकलन करने के लिए निर्देश दे दिए गए हैं। इस कड़ी में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में ओलावृष्टि से हुए नुकसान का सर्वे करवाया जा रहा है।
मध्य प्रदेश के दतिया, ग्वालियर और अशोकनगर में 17 मार्च को ओलावृष्टि से फसलों को क्षति हुई है। गेहूँ, चना और सरसों की फसलों में आंशिक क्षति की जानकारी मिली है। ग्वालियर जिले के सगोरा में पशु हानि होने की सूचना भी मिली है। इन क्षेत्रों में सर्वे के निर्देश दिए गए हैं। सर्वे के बाद किसान भाइयों को राहत राशि देने का काम शुरू किया जाएगा।
इन जगहों पर हुआ है ओला वृष्टि से नुकसान
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने टीवी चैनल्स के प्रतिनिधियों को बताया कि शुक्रवार को दतिया में 10 से 12 गाँव, ग्वालियर में 8 से 10 गाँव और अशोकनगर में 5 से 7 गाँव में फसल को नुकसान हुआ है। उन्होंने किसान भाइयों को आश्वस्त किया कि सर्वे के बाद किसानों को राहत राशि और फसल बीमा योजना का लाभ दिलाया जाएगा। शासकीय अमला सर्वे के लिए खेतों में जा रहा है।
मंत्रियों ने किया विभिन्न क्षेत्रों का दौरा
केन्द्रीय नागरिक उड्डयन एवं इस्पात मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शनिवार को ग्वालियर जिले के विकासखंड घाटीगाँव के ओला प्रभावित गाँवों में फसलों का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा से आई संकट की घड़ी में केन्द्र एवं राज्य सरकार किसानों के साथ पूरी ताकत के साथ खड़ी है। प्रभावित किसानों को राहत राशि उपलब्ध कराने के साथ सरकार हर संभव मदद मुहैया करायेगी। सर्वे का काम पूरी पारदर्शिता के साथ किया जायेगा।
वही राज्य के गृह मंत्री ने मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने दतिया जिले के बसई क्षेत्र में जाकर ओलावृष्टि से क्षतिग्रस्त फसलों का मौका-मुआयना किया। उन्होंने ग्रामीणों से मिलकर आश्वस्त किया कि क्षतिग्रस्त फसलों का हरसंभव मुआवजा दिलाना सुनिश्चित करेंगे। शुक्रवार को हुई ओलावृष्टि में बसई क्षेत्र के ग्राम ठाकुरपुरा, जगतपुर, नयाखेड़ा, सतलौन इत्यादि गाँव में गेहूँ एवं सरसों की फसलें क्षतिग्रस्त हुई हैं।
किसानों को दी जाएगी राहत राशि
ग्वालियर ज़िले के कलेक्टर श्री सिंह ने जानकारी दी कि फसल नुकसान का सर्वे का काम राजस्व, कृषि और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के मैदानी अमले के संयुक्त दलों द्वारा किया जायेगा। फसल नुकसान के साथ पशु हानि और मकानों को हुए नुकसान का भी सर्वे होगा। सर्वे पूरा होते ही राजस्व पुस्तक परिपत्र के प्रावधानों के तहत प्रभावित किसानों को राहत राशि वितरित की जायेगी। उन्होंने बताया कि सर्वे का काम पूरी पारदर्शिता और किसानों की संतुष्टि के साथ किया जायेगा।
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